किसानों के लिए राहत पैकेज की घोषणा करे सरकारः बेहड़
किसानों के लिए राहत पैकेज की घोषणा करे सरकारः बेहड़
रुद्रपुर। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तिलक राज बेहड़ ने कहा है कि देश में जारी कोरोना के संकटकाल के बीच केंद्र व राज्य सरकार सरकार को किसानों के लिए भी राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए। श्री बेहड़ ने कहा कि अर्थव्यव स्था को गति देने के लिए सिर्फ उद्योगों को अनुदान देने से कुछ नहीं होने वाला है। इसके लिए अर्थव्यवस्था की पायदान पर सबसे निचले स्थान पर बैठे अन्नदाता किसान पर ध्यान दिए जाने की अत्यंत आवश्यकता है। श्री बेहड़ ने कहा कि उनका मानना है कि हमारे कृषि प्रधान देश में किसानों के प्रति सरकार का रवैया निराशाजनक है। बीते कई सालों से प्रकृति की मार झेल रहे किसान कर्जों में डूबे हुए हैं। परन्तु सरकार ने अपने दृष्टिपत्र में घोषणा के बावजूद किसानों के कर्ज माफी के लिए कुछ नहीं किया। अब जब देश में कोरोना वायरस के कारण काम धंधे प्रभावित हुए हैं तो ऐसे में किसान पर भी नकारात्मक असर हुआ है। विशेष रूप से तराई के किसानों पर एक बार फिर मौसम की मार पड़ गयी है। चने और मत्र की फसल बर्बादी की कगार पर पहुँच गयी है तो गेंहू पर ओलावृष्टि से इतना विपरीत असर हुआ है कि प्रति एकड़ फसल में दस क्विंटल तक की कमी देखी जा रही है। किसानों को लगभग बीस हजार रुपये का नुक्सान हर एकड़ गेंहू की फसल पर हुआ है। श्री बेहड़ ने कहा कि बीते दिवस केंद्र सरकार ने उन डिफाॅल्टारों का 68000 करोड़ से अधिक का कर्ज राइट आॅफ कर दिया है जो देश छोड़कर तक भाग चुके हैं और यह आपराधिक कृत्य है। यहाँ तक कि करोड़ों का साम्राज्य खड़ा कर चुके योग श्री बाबा रामदेव की कंपनी रूचि सोया का भी 2000 करोड़ का लोन लगभग खत्म कर दिया गया है। उद्योगपतियों की आर्थिक पैकेज की मांग पर भी केंद्र व राज्य सरकारें गौर कर रही है और प्रतिदिन उन्हें राहत पहुंचाने के लिए कुछ न कुछ घोषणा कर रही है। परन्तु देश को भोजन देने वाला, इस संकट की घड़ी में भी घर घर अनाज पहुंचाने वाले किसान की किसी को कोई चिंता नहीं है। श्री बेहड़ ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार को अविलम्ब किसानों की क्षतिपूर्ति का आंकलन कर उन्हें )ण माफी देनी चाहिए साथ ही बिना ब्याज का कर्ज देकर अगली फसल की तैयारी में मदद करनी चाहिए। सरकार को चाहिए कि किसानों के लिए काम से काम एक लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा करे। यदि किसान रहेगा तभी ये कृषि प्रधान देश रहेगा।