कई गुना दामों में बिक रही शराब, गुटखा-तम्बाकू की हो रही कालाबाजारी

प्रतिबंध के बावजूद महंगे दामों में बिक रहे बीड़ी, सिगरेट, गुटका, तंबाकू

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कई गुना दामों में बिक रही शराब, गुटखा-तम्बाकू की हो रही कालाबाजारी
अनिल सागर
देहरादून। लाॅकडाउन की अवधि के दौरान जहां सरकार कई तरह के राहत का प्रयास कर रही है, वहीं बड़े-बड़े व्यापारी कालाबाजारी कर महंगे दामों में खाने पीने की चीजें बेच रहे हैं। एक तरफ जहां आटा चावल के दाम आसमान छू रहे हैं तो वही गुटखा,सिगरेट,तंबाकू, बीड़ी के दाम में भी भारी उछाल आया है।कालाबाजारी से जुड़े लोग महंगे दामों में सामानों की सप्लाई कर रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन ऐसे कालाबाजारियो के खिलाफ कोई भी कार्यवाही नहीं कर पा रहा है ।जिससे इनके हौसले लगातार बुलंद होते जा रहे हैं। वहीं लोक डाउन में राहत की आस में लोग काला बाजारियो का शिकार हो रहे हैं, देश में जब से लाॅकडाउन लागू हुआ है तभी से ऐसी खबरें आ रही थी की खाने पीने की सामान की किल्लत हो रही है , इसी बीच सरकार व जिला प्रशासन ने जहां आॅनलाइन डिलीवरी कर घर घर राशन सप्लाई की व्यवस्था शुरू करने का प्रयास किया था ,लेकिन यह प्रयास कुछ दिनों बाद ही फेल हो गया जिसका फायदा उत्तराखंड के हर जिले में कालाबाजारी ने जमकर उठाया पूरे प्रदेश में आटा, चावल में महंगाई हुई है। इससे साफ पता चलता है की कालाबाजारी से जुड़े व्यापारी किस तरह लाॅक डाउन में लोगों की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं मैदानी जिलों से पहाड़ी जिलों में सप्लाई होने वाले आटा चावल में जो महंगाई बढ़ी है उससे लोगों को काफी निराशा हुई है। लोग मजबूरन महंगे आटा,चावल खरीदने को मजबूर है। सबसे ज्यादा कालाबाजारी का जोर शराब,गुटखा, सिगरेट,तंबाकू जैसे पदार्थों पर हुआ है। एक तरफ जहां उत्तराखंड में शराब पूर्ण रूप से बैन है। अंग्रेजी व देशी शराब के ठेके लाॅक डाउन से ही बंद है ,लेकिन इसके बावजूद भी ब्लैक में अंग्रेजी व कच्ची शराब धड़ल्ले से बिक रही है ,शराब के शौकीन महंगे दामों में शराब खरीद कर अपनी इच्छा पूरी कर रहे हैं। इसके साथ ही कालाबाजारी में गुटखा,सिगरेट, तंबाकू बीड़ी की कीमतों में भी भारी उछाल आया है। इनसे जुड़े व्यापारी छोटे व्यापारियों को 2 गुने दामों में माल सप्लाई कर रहे हैं जिस कारण से मजबूरन छोटे व्यापारियों को भी गुटखा, बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू, महंगी पड़ रही है। सरकार द्वारा इनकी सप्लाई से बाधित कर देने के कारण व्यापारियों के पास जो पुराना माल पड़ा है उसी को बाजार में खपाया जा रहा है जिससे लाखों के वारे न्यारे किए जा रहे हैं ,सरकार व जिला प्रशासन को ऐसे कालाबाजारियों की पूरी खबर है लेकिन इसके बावजूद भी ऐसे कालाबाजारी के खिलाफ कोई भी सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही है जिससे इनके हौसले लगातार बुलंद होते जा रहे हैं। लाॅक डाउन की अवधि के दौरान प्रशासन द्वारा इनको माल लाने ले जाने के लिए जो अनुमति पत्र दिए गए हैं। वह अनुमति पत्र जरूरी सामान जैसे कि राशन आटा, दाल ,चावल आदि के लिए दिए गए लेकिन ऐसे अनुमति पत्र का उपयोग अधिकतर व्यापारी गुटखा, सिगरेट ,तंबाकू ,बीड़ी पदार्थों के लिए कर रहे है , पूरे प्रदेश में ऐसे सामानों पर महंगाई तो बढ़ ही रही है , साथ ही कालाबाजारी भी धड़ल्ले से हो रही है। सरकार को ऐसे कालाबाजारी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए जिससे कि प्रदेश में कालाबाजारी पर रोक लग सके।

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