व्यापारी नेताओं पर मुकदमा दुराग्रह से प्रेरितःबेहड़
आपदा में जनसेवा में जुटे लोगों का मनोबल तोड़ रहा है पुलिस प्रशासन
रुद्रपुर(उद संवाददाता)। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तिलक राज बेहड़ ने प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रतिनिधियों पर पुलिस व जिला प्रशासन द्वारा मुकदमे दर्ज कराए जाने को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के इस दौर में जहां सब एकजुट होकर इस आपदा से संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे में पुलिस द्वारा किया गया यह कारनामा एक संगठन के प्रति उनके दुराग्रह को दर्शाता है।श्री बेहड़ ने कहा कि शुक्रवार को व्यापार मंडल के पदाधिकारी पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के पास यह निवेदन लेकर गए थे कि गर्मी बढ़ने के साथ ही इलेक्ट्रिकल उपकरणों को ठीक कराने के लिए जनता परेशान है। ऐसे में पंखे, कूलर एसी आदि रिपेयर करने व नए खरीदने के लिए इन दुकानों को तय समयावधि में खोलने की अनुमति दी जाए। अफसरों से मिलने कलेक्ट्रेट के अंदर जाने को लेकर एक होमगार्ड से व्यापारियों की बहस क्या हुई कि अधिकारियों ने उनके खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज करा दिए। श्री बेहड़ ने कहा कि यदि प्रशासन की नीयत ठीक होती तो वही दोनों पक्षों को बिठाकर मामला समाप्त किया जा सकता था।मगर प्रशासन ने उन व्यापारियों के ऊपर मुकदमे दर्ज करा दिए जो बीते एक महीने से कोरोना फाइटर्स की तरह ही अपनी जान जोखिम में डालकर जनसेवा में जुटे हैं और गरीब जनता को सस्ता राशन भी उपलब्ध करा रहे हैं। इस कठिन समय मे अग्रणी भूमिका निभाने वाले व्यापार मंडल पदाधिकारियों पर मुकदमे दर्ज करने की जितनी निंदा की जाए उतनी कम है। पूर्व में भी अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान पुलिस व प्रशासन की ऐसी ही बदनीयती सामने आई थी जब व्यापार मंडल व सत्ता तथा विपक्ष के तमाम जनप्रतिनिधियों पर मुकदमे दर्ज किए गए थे। पुलिस के इसी रवैये के कारण मुझे मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर धरने पर भी बैठना पड़ा था। आज भी पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी वही रवैया अपना रहे हैं। ऐसा प्रतीत होता है मानो इस तरह जनसेवकों का उत्पीड़न कर इन्हें कोई बहादुरी का मेडल मिलने वाला हो। इस तरह की घटनाएं कई बार सोचने पर विवश करती है कि पुरानी कहावतें ठीक बनी हैं और जनता भी जिन्हें मानती है कि पुलिस-प्रशासनिक विभाग के लोग किसी के सगे नहीं होते। इन्हें जब भी मौका मिलता है, यह समय-समय पर लोगों पर नाहक मुकदमे दर्ज कर उनका दमन करते हैं। श्री बेहड़ ने कहा कि उन्हें यह देखकर बहुत दुख हुआ है कि जब समस्त समाज, चिकित्सक, स्वास्थ्य विभाग, स्वच्छक, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मिलकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं तो ऐसे में एक छोटी सी बहस का प्यार से हल निकालने की जगह पुलिस ने मुकदमे दर्ज कर दिए।उन्होंने कहा कि पिछले एक महीने की शहर की सभी संस्थाओं और सरकारी विभागों की एकजुटता पर इस घटना से दाग लग गया है। अच्छा काम करने वालों का मनोबल भी टूटेगा। श्री बेहड़ ने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम में व्यापारियों को हताश होने की बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं है। प्रशासन ने जो निंदनीय काम किया है उसका समय आने पर एकजुटता से जवाब दिया जाएगा। परंतु पहली प्राथमिकता कोरोना महामारी से लड़ना व उसे हराना है। श्री बेहड़ ने कहा कि इस राष्ट्रीय विपत्ति के समय व्यापारियों को पूर्व की ही भांति चिकित्सक, स्वच्छक, स्वास्थ्य विभाग, परिवहन विभाग, पुलिस प्रशासन आदि सबको साथ लेकर जनसेवा के काम को सुचारू रूप से करना चाहिए। पुलिस व प्रशासन के प्रति कटुता न रखते हुए समाज की सेवा करनी चाहिए। यही उन मौकापरस्त अफसरों को माकूल जवाब होगा। महामारी से जीत के उपरांत इन अफसरों को भी कटघरे में खड़ा किया जाएगा।