पंत विवि को नहीं मिल पा रहा पूर्णकालिक कुलपति
पंतनगर। देश को हरित क्रांति द्वारा ऽाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनाने वाले पहले कृषि विवि को पूर्वकालिक कुलपति नसीब नहीं हो पा रहा है। बीते एक लंबे समय से यही हालत बनी हुई है। विवि के कुलपति का कार्यकाल तीन वर्ष के लिए होता है, लेकिन पिछले कई वर्षों से अधिकांश रूप में कार्यवाहक कुलपति से ही काम चलाया जाता रहा। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व महानिदेशक डॉ- मंगला राय की नियुत्तिफ़ जरूर तीन साल के लिए हुई थी, लेकिन वह भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके और एक साल में ही इस्तीफा देकर चले गए। कई बार 6-6 महीने के लिए कार्यवाहक कुलपति बनाए जाते रहे। वर्तमान में भी अल्पाकालिक कुलपति से ही काम चलाया जा रहा है। अभी भी विवि के साथ इस दुर्भाग्य ने पीछा नहीं छोड़ा है। शासन द्वारा विज्ञप्ति जारी कर 12 मार्च तक मांगे गए आवेदनों में उपयुत्तफ़ कुलपति नहीं मिल सका है। ऐसी स्थिति में दोबारा नियमों को शिथिल करते हुए विज्ञप्ति जारी कर 2 जुलाई तक इस शर्त के साथ आवेदन मांगे गए हैं कि जो आवेदक पहले आवेदन कर चुके हैं वो दोबारा न करें। अपर सचिव कृषि की ओर से 11 जून को जारी विज्ञप्ति के मुताबिक पंतनगर कृषि विवि के कुलपति की नियुत्तिफ़ अन्वेषण समिति द्वारा संस्तुत पैनल में से राज्यपाल एवं कुलाधिपति के द्वारा की जाती है। नियुत्तिफ़ के लिए कुलपति पद के आवेदन को कृषि शिक्षा के क्षेत्र में विशेष ज्ञान एवं अनुभव तथा कृषि के विकास में योगदा होना जरूरी है। पूर्व के अभ्यर्थियों में उपयुत्तफ़ व्यत्तिफ़ नहीं मिल पाने के कारण अब विवि कुलपति के नियुत्तिफ़ की दोबारा कवायद की जा रही है।