सीएम पहुंचे दिल्ली, फिर शुरू हुई चर्चाएं
देहरादून(उद संवाददाता)। चार दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव हरीश रावत के ट्वीट के बाद उत्तराखंड की राजनीति में शुरू हुआ अटकलों का दौर अब भी नहीं थमा है। खासकर, सोशल मीडिया में जिस तरह सरकार में नेतृत्व परिवर्तन पर चर्चा चल रही है, उसने माहौल जरूर गरमा दिया है। सोमवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, कुछ मंत्री और विधायकों के साथ एक कार्यक्रम में शिरकत को दिल्ली पहुंचे तो इसे भी सियासी हलचल से जोड़ दिया गया। यह बात दीगर है कि मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे का कार्यक्रम पहले से ही तय था। सरकार और संगठन ने फिर इस तरह की चर्चा को बेबुनियाद करार देते हुए नकार दिया। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गुजरे शुक्रवार को दो ट्वीट कर उत्तराखंड में फिर राजनैतिक अस्थिरता की बात कहते हुए इसके लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया। इसके बाद सोशल मीडिया में तमाम तरह की अटकल और चर्चाएं शुरू हो गई। इस बीच पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक मुख्यमंत्री शनिवार शाम को दिल्ली पहुंचे। रविवार को एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद उनका जयपुर का कार्यक्रम निर्धारित था। सोमवार को फिर दिल्ली में मुख्यमंत्री का राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने का कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, दो सांसद और कई भाजपा विधायक शामिल हुए। इतनी बड़ी संख्या में मुख्यमंत्री के साथ पार्टी विधायकों की दिल्ली में मौजूदगी को लेकर फिर अटकलें लगने लगीं कि यह नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं के बीच शक्ति प्रदर्शन का हिस्सा है। सोमवार दोपहर अचानक सोशल मीडिया में एक पोस्ट वायरल हुई, जिसमें कहा गया कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नîóा दोपहर बाद दो बजे तक देहरादून पहुंच रहे हैं। यह बात अलग है कि नîóा सोमवार को मुंबई में थे। स्वयं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष जेपी नîóा से संभावित मुलाकात के कार्यक्रम की जानकारी मीडिया को दी। जब यह मुलाकात नहीं हो पाई तो चर्चा शुरू कर दी गई कि मुख्यमंत्री को पार्टी अध्यक्ष से भेंट का समय नहीं मिला। उन्हें तय कार्यक्रम के अनुसार मुंबई रवाना होना था, लिहाजा भेंट नहीं हो पाई। मुख्यमंत्री मंगलवार को मुबई में एक रोड शो में हिस्सा लेंगे। यह रोड शो आगामी अप्रैल में होने वाली वेलनेस समिट का लेकर आयोजित किया जा रहा है। पिछले चार दिनों से चल रही इस सियासी हलचल को लेकर विपक्ष जहां चटखारे ले रहा है, वहीं भाजपा नेता इसे कोरी अफवाह करार दे रहे हैं।