सीएए मुसलमानों के खिलाफ नहींः गडकरी
नागपुर (उद ब्यूरो)। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में बोलते कहा कि यह कानून मुसलमानों के खिलाफ नहीं है। गडकरी ने कहा कि यह कानून पड़ोसी मुल्कों के सताए गए अल्पसंख्यकों को नागरिकता देता है। उन्होंने आरोप लगाया कि कि नागरिकता कानून पर विपक्ष राजनीति कर रहा है और लोगों के बीच भ्रम फैला रहा है। गडकरी ने कहा कि पाकिस्तान इस्लामिक राष्ट्र है, बांग्लादेश इस्लामिक राष्ट्र है पूरी दुनिया में 100 से ज्यादा राष्ट्र है जो खुद को इस्लामिक राष्ट्र घोषित किया है। बाबा साहब ने कहा है कि इन देशों के मुसमानों को अपना देश छोड़ना होगा तो उनके पास 100 आॅप्शन है। हिंदुओं, सिखों, जैन, ईसाई, पारसियों के लिए कोई राष्ट्र नहीं है। बता दें देशभर में हो रहे नागरिकता संशोधन कानून के विरोध प्रदर्शनों के बीच महाराष्ट्र के नागपुर से में कुछ अलग नजारा देखने को मिला। असम के बाद दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और गुजरात से लगातार आ रही हिंसक प्रदर्शन की खबरों के बीच नागपुर से के समर्थन में विशाल रैली निकाली गई। रविवार को नागपुर में लोक अधिकार मंच, बीजेपी, आरएसएस और अन्य दलों ने सीएए के समर्थन में रैली निकाली। रैली में हजारों की संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। लोग तिरंगा झंडा और सीएए के समर्थन में पोस्टर और बैनर लेकर सड़कों पर निकले। उधर, दिल्ली, मुंबई, उदयपुर, हरिद्वार, बंगलुरु और चेन्नई में अलग-अलग जगहों पर इस कानून के समर्थन में रैलियां निकाली गईं। दिल्ली के रामलीला मैदान में आज सुबह 11 बजे पीएम नरेंद्र मोदी की रैली होने जा रही है। ऐसे में लोगों की इगाहें इसपर टिकी हुई हैं कि देशभर में हो रह सीएए के विरोध प्रदर्शनों को लेकर पीएम मोदी क्या कहने वाले हैं। रैली को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। उधर, नागरिकता संशोधन कानून का केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने उस वादे को पूरा किया है जो महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस ने पाकिस्तान में दयनीय जीवन व्यतीत करने वाले लोगों से किया था। राज्यपाल ने कहा कि अधिनियम की नींव 1985 और 2003 में रखी गई थी। मोदी सरकार ने इसे कानूनी रूप दिया है। नागरिकता संशोधन कानून में मुसलमान शरणार्थियों को जगह न मिलने के सवाल पर राज्यपाल ने कहा, पाकिस्तान को एक मुस्लिम राष्ट्र के रूप में बनाया गया था, तो ऐसे में क्या वे वहां मुसलमानों को सताएंगे? हम मानते हैं कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से मुसलमान आए थे, लेकिन इसलिए नहीं कि उन्हें सताया गया बल्कि आर्थिक अवसरों की तलाश में आए थे।