रामलीला मैदान से पीएम नरेन्द्र मोदी की हुंकार

विविधाता में एकता, भारत की विशेषता

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नई दिल्ली (उद ब्यूरो)। राजधानी दिल्ली की अनाधिकृत काॅलोनियों को नियमित करने के फैसले पर आज दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली आयोजित हुई। दिल्ली प्रदेश बीजेपी ने राष्ट्रीय राजधानी की 1734 अवैध काॅलोनियों को नियमित करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देने के लिए यह रैली आयोजित की गई। नागरिकता कानून के बाद देश के कई शहरों में हुए हिंसक प्रदर्शनों को देखते हुए रैली के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। रैली स्थल से लेकर आसपास की इमारतों पर भी सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गएं। रैली स्थल पर और उसके आसपास के इलाकों पर ड्रोन के जरिए नजर रखी गयी। रैली को सम्बोधित करते हुए लोगों से विविधता में एकता, यही भारत की विशेषता नारे लगवाकर रैली की शुरुआत की। प्रधानमंत्री ने यह नारा ऐसे समय दिया है जब देशभर में नागरिकात संशोधन अधिनियम को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा है। रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जीवन से जब अनिश्चितता निकल जाती है, एक बड़ी चिंता हट जाती है तो उसका प्रभाव क्या होता है, ये मैं आज आप सभी के चेहरों पर देख रहा हूं। आपके उत्साह में देख रहा हूं। पीएम मोदी ने कहा, मुझे संतोष है कि दिल्ली के 40 लाख से ज्यादा लोगों के जीवन में नया सवेरा लाने का एक उत्तम अवसर मुझे और भाजपा को मिला है। आपको अपने घर आपनी जमीन, अपने जीवन की सबसे बड़ी पूंजी पर संपूर्ण अधिकार मिला, इसके लिए आप सबको बहुत-बहुत बधाई। प्रधानमंत्री ने कहा कि चुनाव आते थे तो तारीखें आगे बढाई जाती थी, बुलडोजर का पहिया कुछ समय के लिए रुक जाता था, लेकिन समस्या वहीं की वहीं रहती थी। आपको इस चिंता से मुत्तफ करने और इस समस्या के स्थायी समाधान की ईमानदारी और नीयत इन लोगों ने कभी नहीं दिखाई। पीएम मोदी ने कहा कि इतने कम समय में टेक्नोलाॅजी की मदद से दिल्ली की 1700 से ज्यादा काॅलोनियों की बाउंड्री को चिर्ििंत करने का काम पूरा किया जा चुका है। 12 सौ से ज्यादा काॅलोनियों के नक्शे पोर्टल पर डाले जा चुके हैं। यह फैसला घर से तो जुड़ा है ही यह दिल्ली के कारोबार को भी गति देने वाला है। मोदी ने कहा कि समस्याओं को लटकाकर रखना हमारी प्रवृत्ति नहीं है। ना ही हमारी राजनीति का रास्ता है। जिन लोगों पर आप लोगों ने अपने घरों को नियमित कराने का भरोसा किया वह खुद क्या कर रहे थे। यह दिल्ली वालों के लिए जानना जरूरी है। इतना ही नहीं 1200 से ज्यादा काॅलोनियों के नक्शे भी पोर्टल पर डाले जा चुके हैं।

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