विधानसभा सदन में गूंजा डेंगू का मुद्दा
विपक्ष ने सरकार पर लगाया डेंगू से मौत का गलत आंकड़ा पेश करने का आरोप
देहरादून(उद संवाददाता)। विधान सभा सदन में आज डेंगू के मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए सरकार पर डेंगू से मौतों का गलत आंकड़ा पेश करने का आरोप लगाया। नेता प्रतिपक्ष ने इस मामले में सरकार के खिलाफ जमकर गुबार निकाला। वहीं हरिप्रसाद टम्टा शिल्प कला केंद्र के कार्य रोकने के विरोध में कांग्रेस के विधायकों ने आज सदन शुरू होते ही धरना भी दिया। सत्र के पांचवे दिन प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक ममता राकेश ने डेंगू से हो रही मौतों का मामला उठाया। कांग्रेस विधायक ममता राकेश ने सरकार पर लगाया गलत आकड़े देने का आरोप लगाया। विधायक ने डेंगू पीड़ितों का मुफ्त इलाज करने की मांग की और साथ ही यूपी की तर्ज पर उत्तराखंड सरकार से डेंगू से मरने वालों को मुआवजा देने कीबात कही। वहीं नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि सरकार डेंगू के मामले को हल्के से ले रही है और सरकार की तरफ से जिम्मेदार मंत्री गलत जवाब दे रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मैं सरकार को विशेषाधिकार हनन का नोटिस देती हूं। वहीं इसके बाद कांग्रेस विधायक ममता राकेश ने प्रदेश में हुई डेंगू से मौत के आंकड़ों को लेकर सवाल पूछा कि संसदीय कार्यमंत्री ने प्रदेश में 8 लोगों की मौत डेंगू से होने की पुष्टि की जबकि ममता राकेश ने अपने विधानसभा क्षेत्र में ही 32 लोगों के मौत डेंगू से होने की सदन में बात कही। इस पर संसदीय कार्य मंत्री ने विपक्ष सरकार पर गलत आंकड़े देने को लेकर आक्रमक होने की बात कही और सदन में आकड़े प्रस्तुत किये। संसदीय कार्य मंत्री ने राज्य में डेंगू से हुई मौतों के आंकड़े पेश करते हुए बताया कि देहरादून में डेंगू से 6 लोगों की मौत हुई है साथ ही नैनीताल में डेंगू से 2 लोगों की मौत हुई और अन्य किसी जनपद में डेंगू से कोई मौत न होने की बात कही। इससे पूर्व आज सत्र शुरु होते ही कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल के नेतृत्व में कांग्रेसी विधायक गैलरी में धरने पर बैठ गये और सरकार का विरोध किया। ये विरोध हरि प्रसाद टम्टा शिल्प कला केंद्र के कार्य को रोकने को लेकर किया गया। धरने पर उपनेता करन माहरा, हरीश धामी, मनोज रावत, आदेश चैहान बैठे। बता दें कि हरि प्रसाद शिल्प कला केंद्र का निर्माण जागेश्वर विधानसभा के गुरुड़ाबांज क्षेत्र में हो रहा है जिसे रोक दिया गया जिसके विरोध में कांग्रेसी आज धरने पर बैठे। इस पर गोविंद सिंह कुंजवाल का कहना है कि पर्वतीय क्षेत्र के परंपरागत शिल्प कला के उत्थान की योजना अधर में लटकी है। कुंजवाल का कहना है कि गरुड़ाबांज में चयनित भूमि के समलीकरण, मुख्य सड़क से संस्थान तक सड़क निर्माण, चहारदीवारी, बिजली पानी की लाइन बिछाने, भवन की बुनियाद डालने आदि काम हुए लेकिन प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद संस्थान का काम आगे नहीं बढ़ सका। आरोप लगाया कि 3 साल में सरकार ने निर्माण के लिए कुछ नहीं किया। 36 करोड़ 60 लाख का बजट भी सरकार नहीं दे पाई। कुंजवाल ने कहा कि धौलादेवी विकासखंड के गुरुड़ाबांज में एक अरब रुपये की लागत से हरि प्रसाद टम्टा शिल्प उन्नयन संस्थान बन रहा है। उत्तराखंड की परंपरागत शिल्पकला के उत्थान और सुदृढ़ीकरण के साथ ही प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करना है, ताकि राज्य की लुप्त होती शिल्पकला को अगली पीढ़ी के माध्यम से सुदृढ़ किया जा सके और रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी हो। गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा किसंस्थान में पर्वतीय क्षेत्र के पत्थर के परंपरागत शैली के भवन निर्माण, ताम्र शिल्प, पीतल उद्योग, बांस और रिंगाल की वस्तुओं का निर्माण, प्रशिक्षणों के माध्यम से उत्पादों का निर्माण और विपणन की व्यवस्था करना था। गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि ग्रामीणों को स्थानीय उत्पादों के लिए कच्चे माल की भी व्यवस्था करनी को योजना थी। प्रशिक्षण लेने वाले प्रतिभागियों के लिए इसी परिसर में हाॅस्टल का निर्माण भी किया जाना है।