श्राइन बोर्ड के मुद्दे पर सदन में हंगामा
बेल में आकर धरने पर बैठे कांग्रेस विधायक, विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ा प्रश्नकाल, चार बार हुई कार्यवाही स्थागित
देहरादून(उद संवाददाता)। विधान सभा सत्र के पांचवे दिन श्राइन बोर्ड विधेयक को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा काटते हुये पीठ के सामने आकर विरोध करते हुये धरने पर बैठ गये। विपक्ष के हंगामे के चलते विधानसभा की कार्यवाही को 4 बार स्थगित करना पड़ा। इस दौरान प्रश्नकाल विपक्ष के हंगामे की भेट चढ़ गया। आज विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के विधायक प्रीतम सिंह, इन्दिरा हद्वयेश, गोविन्द सिंह कुंजवाल, मनोज रावत , आदेश चैहान , हरीश धामी, करन मेहरा बेल के सामने आ गये और प्रश्नकाल बाधित कर दिया। विपक्ष के सदस्यों को आरोप था कि सरकार जबरन श्राइन बोर्ड का विधेयक ला रही है, जबकि इस विधेयक का चारों धाम के पुरोहित एक मत होकर विरोध कर रहें है, विपक्ष के हंगामे को देखते हुये विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द्र अग्रवाल ने सदन को चार बार स्थगित किया। बाद में सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो प्रश्नकाल का समय खत्म हो चुका था, जिस कारण प्रश्नकाल में सवाल-जबाव नही हो सका। प्रश्नकाल खत्म होने के बाद विपक्ष की नेता इन्दिरा हृदयेश ने कहा कि श्राइन बोर्ड का सभी पुरोहितो द्वारा पुरजोर विरोध किया जा रहा है, सरकार को उनकी भावनाओं का ध्यान रखते हुये श्राइन बोर्ड विधेयक को सदन में लाने से पूर्व परामर्श कमेटी को भेजा जाये। इससे जो विसंगतियां है उन्हें दूर किया जा सकता है। लेकिन सरकार के संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने कहा कि सरकार जम्मु कशमीर के वैष्णो देवी ,व साई मंदिर की तर्ज श्राइन बोर्ड विधयेक ला रही है जिससें की चार धामों की सुविधाओं को और अधिक विकसित किया जा सकें। साथ ही श्री कौशिक ने कहा कि विपक्ष चाहें तो इस मुद्दे पर नियमानुसार चर्चा करने को हम तैयार है।
सरकार तानाशाही रवैया अपना रहीःमनोज
देहरादून। केदारनाथ के कांगेे्रस विधायक मनोज रावत ने कहा कि सरकार तानाशाह का रवैया अपना कर ज्ञाइन बोर्ड लाना चाहती है। श्री रावत ने कहा कि राज्य के तमाम पुरोहित पिछले कई दिनों से राजधानी में प्रदर्शन कर बोर्ड का विरोध कर रहें है, लेकिन सरकार उनकी बातों को सुननें को तैयार नही है। श्री रावत ने कहा कि हमें उनकी बातों को सुनकर उनकी भावनाओं को समझना चाहिए, लेकिन सरकार अपनी मनमानी कर तानाशाह रवैया अपना रही है, जिसका पुरजोर विरोध किया जायेगा।