जेएनयू के छात्रों ने निकाला महामार्च, पुलिस से भिड़न्त

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नई दिल्ली (ब्यूरो)। फीस बढ़ोतरी के खिलाफ जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) स्टूडेंट्स का संसद मार्च शुरू हो गया है। जेएनयू गेट पर लगाए गए तीन बैरिकेड को छात्रों ने तोड़ दिया। जेएनयू कैंपस के बाहर धारा 144 लागू कर दी गई है। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि हमारी मांगें नहीं मानी जा रही है।इसलिए हम संसद तक मार्च निकालेंगे। बैरिकेड तोड़ने की कोशिश कर रहे कई छात्रों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। घंटों तक जेएनयू छात्रों और पुलिस के बीच भिड़ंत हुई। दिल्ली पुलिस ने 9 कंपनी फोर्स तैनात की है।करीब 1200 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं, जिनमें दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ के जवान शामिल है। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि जेएनयू छात्रों को पार्लियामेंट तक नहीं जाने दिया जाएगा।पार्लियामेंट के आसपास धारा-144 लगी हुई है।सूत्रों का कहना है कि जेएनयू छात्रों को जेएनयू के आसपास ही एक किलोमीटर के दायरे में रोकने की प्लानिंग है।हालांकि किस पॉइंट पर रोका जाएगा ये अभी फाइनल नहीं किया गया है। छात्रसंघ की ओर से जारी पर्चे में कहा गया है कि फरवरी 2019 के सीएजी रिपोर्ट के मुताबिक सेकेंड्री और हायर से 94,036 करोड़ रुपयों का इस्तेमाल नहीं किया गया।सीएजी रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि 7298 करोड़ रुपये रिसर्च और विकास कार्यों में खर्च होने थे जो नहीं हुए। छात्रसंघ का दावा है कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी ने पब्लिक फंडेड एजुकेशन के दरवाजे विदेशी और कॉर्पोरेट शिक्षा के लिए बंद कर दिए हैं।क्या इसी वजह से ऐसा हुआ है।5।7 लाख करोड़ बैड लोन और 4 लाख करोड़ टैक्स रिबेट्स कॉर्पोरेट को दिए गए।लेकिन पब्लिक फंडेड एजुकेशन के लिए कुछ नहीं दिया गया। छात्रसंघ ने सांसदों से सवाल किया है कि बढ़ी हुई फीस पर वे साथ देंगे।क्या सभी के लिए वे पब्लिक फंडेड एजुकेशन की मांग करेंगे।क्या वे पब्लिक फंडेड एजुकेशन पर हो रहे प्रहार को रोकेंगे? छात्रसंघ का कहना है कि छात्र आगे बढ़कर मांग करें साथ ही नीति निर्माताओं को इस बात का जवाब देने दें कि शिक्षा अधिकार है, विशेषाधिकार नहीं।

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