इंसान का जन्म मालिक की प्राप्ति का रास्ताः बाबा गुरिंदर सिंह

राधा स्वामी सत्संग समागम में उमड़े लाखों श्रद्धालुओं ने सुना बाबा जी का प्रवचन, व्यवस्थाओं में जुटे रहे हजारों सेवादार

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रूद्रपुर,(उद संवाददाता)। किच्छा रोड स्थित राधा स्वामी सत्संग भवन में आज प्रातः 10बजे राधा स्वामी सत्संग व्यास के डेरा प्रमुख बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लो ने सत्संग किया। उन्होंने देश विदेश से आये लाखों श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि परमारथ में एक चीज जरूरी है कि भक्ति किसकी करें और क्या साधन हो। दुनिया अनेक मजहबों में बंटी है लेकिन सभी ने कहा है कि मालिक एक है। यदि सभी धर्र्मों में एक मालिक है तो इंसान कैसे बंट गया है। उन्होंने कहा कि एक ही की भक्ति करें और भक्ति नाम की हो न कि शरीर की होनी चाहिए। बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लो ने प्रवचन करते हुए कहा कि इंसान एक से भटककर अनेक में हो चुका है। सूरज एक है लेकिन उसकी किरणें असंख्य हैं। सूरज किरणों के बिना रह सकता है लेकिन किरणें सूरज के बिना नहीं रह सकतीं। इसी तरह सबका मालिक एक है। बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लो ने कहा कि मालिक में अनेकों गुण हैं जिन्हें शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। जिस प्रकार माता पिता अपने बच्चों को प्यार करते हैं वैसे ही मालिक ने सृष्टि बनायी है और वह भी संसार के सभी बच्चों से उतना ही प्यार करता है। उन्होंने कहा कि जब नाम का सुमिरन करेंगे तभी रूहानियत का पता चलेगा। मालिक का कोई शरीर नहीं है। वह हर इंसान के अंदर है। इसलिए मालिक का सिमरन करो और उसे पुकार कर देखो। उन्होंने कहा कि इंसान की आंखों के आगे माया का पर्दा पड़ा हुआ है जिसे हटाना जरूरी है। सृष्टि बनाने वाला मालिक एक है। हमें उसकी भक्ति करनी चाहिए। बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लो ने कहा कि गुरू मालिक से मिलाने का रास्ता बताते हैं। जितने भी महापुरूष इस संसार में आये हैं वह मालिक से मिलाने आये हैं। लेकिन वह अपनी भक्ति कराने में लग जाते हैं लेकिन इंसान को सर्वोच्च मालिक की भक्ति करनी चाहिए। जात, पात धर्म में कोई भेदभाव नहीं है। मालिक का उद्देश्य सभी इंसान के लिए एक समान है। उन्होंने कहा कि सभी इंसान ग्रंथ, पोथी पढ़ते हैं लेकिन उसका कितना अनुसरण करते हैं और उसको किस प्रकार से अमल में लाते हैं यह इंसान को सीखना चाहिए। उन्होंने कहा कि मालिक का कोई धर्मस्थल नहीं है। वह एक ही स्थान है और वह स्थान मनुष्य के भीतर है। सबसे उत्तम इंसान की योनि है जो चैरासी लाख योनियों के बाद प्राप्त हुई है। ऐसे में अच्छे बुरे कर्मों की पहचान करें और इंसान बनकर रहें तथा मालिक की भक्ति कर भवसागर को पार करें क्योंकि इंसान का जन्म मालिक की प्राप्ति का रास्ता है। उन्होंने कहा कि इसी रास्ते पर चलकर नामदान दिया जाता है न कि लिया जाता है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार मनुष्य खाना खाता है उसी प्रकार भजन व बंदगी करे। जो इंसान नाम सिमरन करेगा वह भवसागर को पार करेगा। इस दौरान विधायक राजकुमार ठुकराल, घनसाली के विधायक शक्ति लाल शाह, वन विकास निगम के चेयरमैन सुरेश परिहार, ब्लाक प्रमुख ममता जल्होत्रा, विपिन जल्होत्रा, जगदीश तनेजा, सुशील गाबा, भारत भूषण चुघ,राजू गिरधर,राजकुमार नारंग, दीपक बेहड़, मनोज गुम्बर, शिव कुमार गुम्बर, राकेश जल्होत्रा,सुमित छाबड़ा सहित तमाम श्रद्धालु मौजूद थे।

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