सामाजिक कार्यकर्ताओं ने नगर पंचायत को दिखाया आईना

0

दिनेशपुर। मच्छर और गंदगी से निपटने में नगर पंचायत उदासीन है। डेंगू की बढ़ती बीमारी के बावजूद नगर में दवा का छिड़काब नहीं किये जाने से लोगों में आक्रोश है। सामाजिक कार्यकर्ताओं की सक्रियता के बाद शनिवार को नगर पंचायत प्रशासन ने करवट ली। लेकिन खानापूर्ति के बाद बोर्ड सदस्य, चेयरमैन और अधिसाशी अधिकारी घर वापस हो लिए। मुख्य चैराहे पर फॉगिंग मशीन शुरू होते ही खराब हो गयी, जिससे नगर पंचायत प्रशासन का जबर्दस्त मखौल उड़ा। बताते चले कि नगर में सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है। नालियां बंद हैं और सड़क भी सिर्फ मुख्य मार्ग की ही साफ हैं। पानी जमा होने और सफाई सुचारू नहीं होने से डेंगू का प्रकोप बढ़ रहा है। प्रति दिन दर्जनों लोग बुखार की चपेट में आ रहे हैं। डेंगू से अकाल मौत की खबरें भी सामने आने लगी हैं। लेकिन नगर पंचायत प्रशासन और बोर्ड लोगों की सुरक्षा के लिए उदासीन रवैया अपनाये हुए है। अभी तक नगर में फॉगिंग नहीं की गयी है। जबकि अक्टूबर में कम से कम दो बार फॉगिंग की आवश्यकता होती है। इस बार अभी तक एक बार भी दवा का छिड़काव न कराना नगर में चर्चा का विषय है। लोग बोर्ड को कोष रहे हैं। नगर पंचायत की उदासीनता के चलते तीन रोज पहले छात्र संघ उपाध्यक्ष रवि कुमार और सामाजिक कार्यकर्ता विकास स्वर्णकार ने विरोध स्वरूप शनिवार से नगर में फॉगिंग करने का आहवान किया था। इसके मद्देनजर सभासद, चेयरमैन और नगर पंचायत प्रशासन की नींद टूटी और सुभाष चैक पर सभी लोग जमा हुए। कर्मचारियों ने फॉगिंग मशीन चलानी शुरू की। चैराहे का एक चक्कर भी सही से नहीं लग पाया था कि मशीन खराब हो गयी। बताया जा रहा है। कई दिनों से मशीन खराब थी, जिसे सही कराकर आनन- फानन में शनिवार को फॉगिंग की जानी थी। लेकिन नगर पंचायत बोर्ड की हवा निकल गयी। इधर जिन्दगी जिन्दाबाद, रूद्रपुर और छात्र संघ के पूर्व उपाध्यक्ष रवि कुमार के नेतृत्व में छात्र नौजबान आईटीआई मैदान में एकत्र हुए। जहां से फॉगिंग शुरू की गयी। वार्ड तीन, नौ और सात में शनिवार को छिड़काव किया गया। जिन्दगी जिन्दाबाद के करनैल सिंह ने बताया कि आज और कल भी दिनेशपुर में फॉगिंग की जाएगी। उन्होंने कहा कि जनता की सेवा करना ही उनके ग्रिप का मकसद है। इस दौरान टोनी, असित मण्डल, मुकेश राणा, अनूप बढई, बलविन्दर सिंह, अर्श सिंह, मंजीत सिंह, जोत सिंह आदि थे। नगर पंचायत प्रशासन को सामाजिक कार्यकर्ताओं से सीख लेनी चाहिए। यदि वो लोग जनता के सहयोग से कार्यक्रम चला सकते हैं तो नगर पंचायत के पास तो बड़ी तादात में धन और संसाधन हैं?

Leave A Reply

Your email address will not be published.