उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय का आदेश, रोडवेज कर्मियों के लिए जारी हों 12 करोड़
नैनीताल। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने रोडवेज कर्मचारियों के तीन माह से वेतन नहीं देने के मामले में सुनवाई के दौरान सचिव परिवहन निगम कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने कर्मचारियों के वेतन देने के लिए 12 करोड़ रुपए दो सप्ताह में रिलीज करने को कहा है। अगली सुनवाई 14 अक्टूबर की तिथि नियत की है। पिछले तीन माह से वेतन भत्ते व अन्य सुविधाएं नहीं दिए जाने व उसके विरुद्ध एस्मा लगाए जाने के खिलाफ यूनियन द्वारा जनहित याचिका दायर की गई थी। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सचिव को पेश होने को कहा था। यूनियन की तरफ से यह भी कहा गया कि आपदा, सीनियर सिटीजन, रक्षाबन्धन, दिव्यांगों की सहायता के लिए सरकार परिवहन निगम की बसों को लगाती है, जिसका घाटा निगम को उठाना पड़ता है। उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी संघ ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि सरकार उनके खिलाफ एस्मा लगाने जा रही है जो नियम विरुद्ध है सरकार उन लोगों को हड़ताल करने पर मजबूर करती आई है। सरकार व परिवहन निगम न तो उनको नियमित कर रही है, न उनको नियमित वेतन दिया जा रहा है, न उनको पिछले चार साल से ओवर टाइम दिया जा रहा है। रिटायर कर्मचारियों का न ही देयकों का भुगतान किया गया। सरकार ने निगम को 45 करोड़ रुपया बकाया देना है। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा भी निगम को सात सौ करोड़ रुपया देना है अगर सरकार व निगम इनको वसूले तो यूनियन व निगम की सारी समस्या सुलझ जाएगी।