सरकार के ढुलमुल रवैये के चलते बंद किया हार्ट केयर सेंटरः यादव
अल्मोड़ा,(उद संवाददाता)। नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट नई दिल्ली के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. ओपी यादव ने कहा कि उत्तराखंड के अनगिनत गरीब मरीजों का दर्द उनके दिल में है। इन लोगों के लिए उत्तरायण हॉस्पिटल के द्वार हमेशा खुले रहेंगे और ऐसे जरूरतमंद लोगों की व्यक्तिगत तौर पर सहायता करता रहूंगा। लेकिन अब उनका दिल पहाड़ों से उठ गया है। पत्रकारों से वार्ता करते हुए डॉ. यादव ने कहा कि पिछले 23वर्षो से उत्तराखंड के विभ्ज्ञिन्न जिलों में हृदय रोग निदान शिविरों का आयोजन करते आ रहे हैं जिसमें ंओपन हार्ट सर्जरी की है। वर्ष 2009 में अल्मोड़ा के डीनापानी अस्पताल में हृदय रोग शल्य चिकित्सा में उपयोग होने वाले उपकरण, सहयोगी विशेषज्ञों और पैरामेडिकल स्टाफ को लेकर तीन लोगों की ओपन हार्ट सर्जरी निशुल्क की थी। इस हृदय रोग केंद्र की संकल्पना तत्कालीन मुख्यमंत्री भुवन चंद खंडूरी के कार्यकाल में हुई। उसके बाद सीएम रमेश पोखरियाल ने साझा समझौते पर हस्ताक्षर किया और फिर तत्कालीन सीएम हरीश रावत के कार्यकाल में यह हार्ट सेंटर प्रारम्भ हुआ। नेशनल हार्ट इंस्टीटयरूूट से वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञों ने 216 दिन बेस अस्पताल में सेवाएं दीं जिसमें 108 दिन उन्होंने अपनी सेवाएं दीं। हार्ट सेंटर में पदस्थ डाक्टरोंकी योग्रूता के सवाल पर उन्होंने कहा कि दोनों डाक्टर उच्च स्नातक चिकित्सा शिक्षा जो उन्होंने रूस से प्राप्त की है उन्हें भारत सरकार के नियम के तहत फोरेन मेडिकल ग्रेजुएट एक्जामिनेशन पास करने के बाद ही मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया ने इनका नाम दर्ज करते हुए इन्हें भारतीय उप महाद्वीप में चिकित्सा व्यवसाय करने की अनुमति दी। दोनों चिकित्सक स्नातक शिक्षा के बाद सरकारी अस्पतालों में अनिवार्य इंटर्नशिप पूर्ण करने के बाद इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय दिल्ली द्वारा संचालित पाठ्यक्रम पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन कार्डियोलाजी के दो वर्ष के पूर्णकालिक प्रशिक्षण पूरा किया। डॉ. यादव ने कहा कि पहाड के प्रति लगाव व गरीबों की जरूरत को देखते हुए उन्हें उत्तरायण फाउंडेशन एवं उत्तरायण अस्पताल की स्थापना को प्रेरित किया। पिछले 6 माह से बिना किसी लिखित करार केवल शासन के अधिकारियों के मौखिक आश्वासन के आधार पर उन्होंने यह सेवाएं जारी रखीं। मीडिया में चलाये इस अभियान की नेशनल हार्ट इंस्टीटयूट ने शासन व जनता के साथ धोखा किया है उससे वह हताश हैं। उनका व्यक्ति विशेष, संस्था और राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है और इसे राजनैतिक रंग न दिया जाये। बेस अस्पताल अल्मोड़ा स्थित हार्ट सेंटर को शासन ने नहीं उन्होंने बंद करने का फैसला लिया है। जिसका मुख्य कारण इस केंद्र के संचालन के प्रति सरकार का ढीला रवैया, समय से भुगतान न होना, उपकरणों की मरम्मत व अन्य कई समस्याओं को लेकर सूचित करने के बाद भी संतोषजनक जबाब देने का अभाव रहा। डॉ. यादव ने कहा कि 20जुलाई 2019 को पत्र लिखकर शासन को सूचित किया कि समय से भुगतान न होने के कारण नेशनल हार्ट इंस्टीटयूट की कार्डियक केयर सेंटर को चलाने में असमर्थ है। लेकिन शासन से कोई जबाब नहीं आया तो पुनः सीएम को पत्र प्रेषित किया जिसमें सूचित किया गया कि 12सितम्बर को मुख्य चिकित्साधीक्षक कार्यभार ग्रहण करेंगे। उन्होंने कहा कि वह व्यक्तिगत तौर पर सहायता देते रहेंगे लेकिन अब उनका दिल पहाड़ों से उठ गया है।