निजी वाहन संचालकों की हड़ताल से यात्री हलकान

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देहरादून(उद सहयोगी)। मोटर वाहन अधिनियम में जुर्माना राशि कई गुना बढ़ाने के केंद्र सरकार के फैसले के विरुद्ध उत्तराखंड में लगभग डेढ़ लाख निजी वाहन संचालक हड़ताल पर चले गए। प्रदेश में अधिकांश स्थानों पर न तो सिटी और निजी बसें चलीं। न ही टैक्सी-मैक्सी, विक्रम, ऑटो, ट्रक व स्कूल वैन का संचालन किया गया। एक दिन की इस हड़ताल से पूरे प्रदेश में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था पूरी तरह से प्रभावित हो गई। हड़ताल के चलते आमजन, दैनिक यात्रियों, बाहरी शहरों के यात्रियों व स्कूली बच्चों को इस दौरान सुबह से ही परेशानी उठानी पड़ी। हरिद्वार में तो कई स्थानों पर स्कूली वाहनों को हड़तालियों ने जबरन रोककर बच्चों को नीचे उतार दिया। उत्तराखंड परिवहन महासंघ ने राज्य सरकार से जुर्माना दरें न बढ़ाने की मांग की है। महासंघ ने इस बात पर एतराज जताया है कि सरकार की ओर से ट्रांसपोर्टरों से हड़ताल के संबंध में कोई बातचीत करने के कोई प्रयास नहीं किए गए। नए मोटर वाहन अधिनियम में परिवहन व यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर कड़े नियम-जुर्माने को लेकर उत्तराखंड परिवहन महासंघ ने आज के लिए प्रदेश में सार्वजनिक वाहनों के चक्का-जाम का एलान कर रखा है। इस संबंध में महासंघ ने सचिव परिवहन शैलेश बगोली से मुलाकात की थी। महासंघ ने आज होने जा रही राज्य कैबिनेट की बैठक में जुर्माना नहीं बढ़ाने का प्रस्ताव लाने की मांग की है। इस बारे में सचिव परिवहन ने महासंघ को यह बताया था कि सरकार ट्रांसपोर्टरों का ख्याल रख रही और उनके हितों की अनदेखी नहीं होगी। इसके बावजूद ट्रांसपोर्टरों ने हड़ताल का फैसला कायम रखा है। महासंघ के महासचिव सत्यदेव उनियाल ने दावा किया कि प्रदेशभर की हड़ताल में करीब डेढ़ लाख वाहन संचालक शामिल हैं। ट्रांसपोर्टरों ने पुरानी व्यवस्था लागू रखने की मांग की है। ऋषिकेश में नए मोटरयान अधिनियम के खिलाफ उत्तराखंड परिवहन महासंघ के आ“वान पर सभी छोटे-बड़े वाहन हड़ताल पर रहे। देहरादून और पर्वतीय क्षेत्र में जाने वाले लोकल यात्री वाहनों के लिए परेशान नजर आए। इस हड़ताल में सभी बस ऑपरेटर, तिपहिया वाहनों की संस्थाओं सहित टैक्सी और मैक्सी कैब वाहन शामिल है। ऋषिकेश से गढ़वाल मंडल के लिए सभी प्रकार के वाहनों का संचालन होता है। ऋषिकेश सेंटर से गढ़वाल मंडल के उत्तरकाशी और श्रीनगर रूट पर कोई भी बस नहीं चली। इन रूटों पर टैक्सी और मैक्सी वाहनों का भी बड़ी संख्या में संचालन होता है। यह संचालन पूरी तरह से ठप रखा गया है। नगर तथा क्षेत्र में ऑटो रिक्शा और विक्रम वाहन भी नहीं चले। रोजमर्रा के काम के लिए नगर क्षेत्र में आवागमन करने वाले लोग तिपहिया वाहनों के ना चलने से परेशान हैं। गढ़वाल मंडल के विभिन्न मार्गों पर जाने वाले यात्री भी यात्रा बस स्टैंड स्थित लोकल बस स्टेशन और नटराज चैक में वाहनों के लिए परेशान नजर आए। उत्तराखंड परिवहन निगम ने हालांकि ऋषिकेश और देहरादून रूट पर बसों की संख्या बढ़ाई है। देहरादून रूट पर परिवहन निगम की 10 बसों का संचालन होता है। यहां पांच बस सेवाएं हड़ताल को देखते हुए बढ़ाई गई हैं। मगर कमर्शियल वाहनों की हड़ताल से यहां भी लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। उत्तराखंड परिवहन महासंघ की इस हड़ताल का सीधा असर आमजन पर दिखाई दे रहा है।

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