सितारगंज में तोड़फोड़ ने बढ़ाई मुसीबत
सितारगंज। सड़क चैड़ीकरण के नाम पर शहर में आवासीय भवन, दुकानों को तोड़ डाला। इस वजह से शहर की आवो-हवा में प्रदूषण का जहर घुल गया है। जिसमें लोगों को सांस लेना दूभर हो गया है। सड़क में मलबा होने से शहर के मार्ग पिछले पांच दिनों से जाम है। साथ ही नालों चोक हो गए है। सड़कों पर जलभराव होने से नगर पालिका ने माहमारी फैलने की आशंका जता दी है। पिछले दस दिनों से सितारगंज शहर भयानक प्रदूषण की चपेट में है। 2 जनवरी को किच्छा रोड से प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की शुरूआत की थी। इसमें लगभग 300 निर्माणों को तोड़ गया। इसके बाद खटीमा मार्ग के दुकानदारों ने भी तोड़फोड़ शुरू कर दी। इस वजह से किच्छा-खटीमा रोड में धूल के गुब्बार उड़ रहे है। इस कारण राहगीर प्रदूषण से बचने के लिए जेल कैम्प रोड से गुजरने लगे। 8 अगस्त को प्रशासन ने जेलकैम्प रोड में भी अभियान चलाया। इस वजह से अब इस रोड में भी धूल ही धूल है। लोगों का सांस लेना दूभर हो गया है। इसके साथ ही तोड़फोड़ के कारण शहर के नालों में मलबा जमा है। इससे जलभराव की स्थिति बनी हुई है। पालिका के अधिशासी अधिकारी ने जलनिकासी प्रभावित होने पर शहर में माहमारी की आशंका जताई है।
घर टूटने के सदमे से व्यापारी की माता की मौत
सितारगंज। अतिक्रमण की चपेट में आवासीय मकान, दुकान आने के सदमे से बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। व्यापारियों ने मृतका के घर जाकर शोक संवेदना व्यत्तफ की। जेल कैम्प रोड में राकेश गोगना का आवासीय मकान, दुकान है। जो सड़क चैड़ीकरण की जद में आ गई है। इस वजह से परिवार के लोग दुखी है। मकान, दुकान टूटने के सदमे से राकेश गोगना की माता का निधन हो गया। इसका पता लगते ही शहर के व्यापारी उनके आवास पर पहुंचे। जहां उन्होंने शोक संवेदना व्यत्तफ की। शोक जताने वालों में संजय कुमार, जोगा सिंह, दयानंद सिंह, जावेद मलिक, अर्जुन, जितेंद्र कुमार, अबरार अहमद, हरीश शर्मा, बालकिशन आदिथे।