मांगों को लेकर सड़कों पर उतरीं आशा कार्यकत्रियां
रूद्रपुर/हल्द्वानी(उद संवाददाता)। उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्क्स यूनियन के बैनर तले आज जनपद भर से आयीं सैकड़ों आशा कार्यकत्रियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सड़कों पर जोरदार प्रदर्शन किया और कलेक्ट्रेट पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम सम्बोधित ज्ञापन सौंपा। इससे पूर्व आशा कार्यकत्रियां गांधीपार्क में एकत्र हुईं जहां आयोजित सभा को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि आशाएं स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ हैं तथा सरकार द्वारा आशाओं से चिकित्सा के अतिरिक्त अन्य कार्य भी संचालित कराये जाते हैं। बावजूद इसके आशा कार्यकत्रियों को राज्य कर्मचारी का दर्जा नहीं दिया गया और न ही न्यूनतम मासिक वेतन ही मिल रहा है जो कार्यकत्रियों के साथ अन्याय एवं महिला श्रम का शोषण है। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश सरकार ने आशाओं को 10हजार रूपए मासिक मानदेय देने का फैसला किया जबकि उत्तराखंड सरकार कार्यकत्रियों का शोषण कर रही है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव पूर्व आशाओं को वार्षिक प्रोत्साहन धनराशि बढ़ाकर 17हजार करने की घोषणा की गयी थी जो पूरी नहीं की। उन्होंने बताया कि मांगों को लेकर संगठन ने गत 9अगस्त से आज 26अगस्त तक संगठित रहो प्रतिरोध करो अभियान चलाया और आज सक्षम अधिकारियों के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि कार्यकत्रियों की न्यायसंगत मांगों को स्वीकार नहीं किया गया तो आंदोलन तेज किया जायेगा। मांगों का उल्लेख करते हुए वक्ताओं ने कार्यकत्रियों को 10हजार रूपए मासिक मानदेय देने, वार्षिक प्रोत्साहन राशि पूर्व की भांति देने, सेवानिवृत के पश्चात पेंशन व न्यूनतम 5लाख रूपए देने, मानदेय का पैसा आशाओं के खाते में डालने, बकाया भुगतान किये जाने, राजकीय चिकित्सालयों में महिलाओं से सम्बन्धित रोगों के चिकित्सकों व अन्य रिक्त पदों पर नियुक्ति करने, चिकित्सालयों में आशा भवनों का निर्माण कराने, आशाओं को प्रशिक्षण स्वास्थ्य विभाग द्वारा देने व प्रशिक्षण पूर्व 350 रूपए भुगतान देने की मांग की। सभा को जिलाध्यक्ष ममता पानू, उपाध्यक्ष रीता कश्यप, एक्टू प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह, ललित मटियाली सहित कई वक्ताओं ने सम्बोधित किया जिसके पश्चात सैकड़ों आशा कार्यकत्रियां अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करते हुए जुलूस की शक्ल में गांधीपार्क से रवाना हुईं। जुलूस काशीपुर बाईपास मार्गद्व डीडी चैक, नैनीताल मार्ग होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचा जहां अधिकारियों के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया। इस मौके पर तीरथ मनी, कुलविंदर कौर, प्रेमा रानी, संतोष शर्मा, चन्द्रवती, मधुबाला वर्मा, कुसुमलता, गीता कम्बोज, उषा, रेनू, रेशमा, रेखा, मधुबाला, सीमा कौर, रामवती, शोभा, सत्यवती, पूनम, रूपेंद्र, मनोज, मंजीत, सुशीला, सावित्री सहित सैकड़ों कार्यकत्रियां मौजूद थीं।
हल्द्वानी-9 अगस्त से 26 अगस्त तक चले संगठित रहो, प्रतिरोध करो अभियान के समापन पर ऐक्टू से संबद्ध उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन द्वारा प्रदर्शन कर रैली निकाली गयी। महिला चिकित्सालय के सामने से उपजिलाधिकारी कार्यालय तक रैली निकालकर प्रदर्शन किया गया। आज का धरना प्रदर्शन आशाओं द्वारा पूरे राज्य में किया गया। हल्द्वानी में हुए प्रदर्शन को संबोधित करते हुए उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष कमला कुंजवाल ने कहा कि आशाएं स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ बन चुकी ह। इसके बावजूद न तो आशा वर्कर्स को कर्मचारी का दर्जा प्राप्त है और न ही उन्हें न्यूनतम मासिक वेतन मिल रहा है। यह घोर अन्याय और महिला श्रम का शोषण नहीं तो और क्या है? प्रदेश महामंत्री डॉ. कैलाश पांडेय ने कहा कि मासिक वेतन मांग रही आशाओं को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि भी सरकार ने बंद कर दी है। यह आशाओं के साथ सरासर वादािखलाफी है। संगठित रहो, प्रतिरोध करो अभियान के समापन पर प्रदर्शन के पश्चात उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को नौ सूत्रीय मांगपत्र उपजिलाधिकारी हल्द्वानी के माध्यम से भेजा गया। प्रदर्शन रैली में मुख्य तौर पर सरोज रावत, रीना बाला, रिंकी जोशी, प्रीति रावत, भगवती बिष्ट, शांति शर्मा, उमा दरम्वाल, बीना उपाध्याय, मीना मटियानी,मनीषा आर्य, ममता आर्य, हंसी बेलवाल, गीता थापा, स्वाति, रश्मि, जीवंती, अंजना, रेखा बुधानी, सावित्री भंडारी, माया टंडन, नसरत, सहाना, चंद्रकला अधिकारी, मंजू, मोहिनी बृजवासी, कमलेश बोरा, कंचन अरोड़ा, रुखसाना बेगम, गंगा आर्य, मंजू रावत, नीमा देवी, मनीषा आर्य, दीपा आर्य, मीनू,गीता, माया साह, आनंदी कुल्यालपुरा, रेशमा, शांति नेगी, हेमा पाण्डे, रेणु, प्रभा चैधरी, अनिता देवल, पुष्पलता, मिथिलेश शर्मा, दीपा जोशी, पूनम बोरा,गंगा तिवारी,रेनू घुघत्याल, अनिता सक्सेना, मीना केसरवानी, भगवती,गीता जोशी,शहनाज,यशोदा, प्रियंका, तबस्सुम, ज्योति रावत, रेनू सिन्हा, चम्पा परिहार, चंद्रेश, गोबिन्दी लटवाल आदि बड़ी संख्या में आशा वर्कर्स मौजूद रही।