सीएम योगी ने सोनभद्र में पीड़ितों का जाना हाल
घायलों के परिजनों को दिए पचास-पचास हजार रुपये, एक-एक घर देने का भी ऐलान
सोनभद्र(उद ब्यूरो)। सोनभद्र नरसंहार के बाद मची राजनीतिक गहमागहमी के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज सोनभद्र के दौरे पर हैं। सोनभद्र के उम्भा गांव पहुंचे सीएम योगी ने पीड़ितों का हाल जाना। उन्होंने घटना में घायल हुए लोगों के परिजनों को 50-50 हजार रुपये के चेक दिए। प्रत्येक पीड़ित परिवार को 1-1 आवास देने की भी घोषणा की। 60 साल के बुजुर्ग को पेंशन भी देने की बात कही। उन्होंने आवासीय विद्यालय देने की भी घोषणा की। सीएम योगी ने कहा कि जिन लोगों ने प्रधान को राजनीतिक मदद की होगी उसकी भी जांच होगी। सीएम योगी ने सोनभद्र में घटनास्थल का भी जायजा लिया। उनके साथ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडे, डीजीपी ओपी सिंह, प्रमुख सचिव सूचना अवनीश अवस्थी भी सोनभद्र पहुंचे। मुख्यमंत्री सभी पीडित परिवारों से मिलने के बाद सोनभद्र से रवाना हो गए। सीएम योगी आदित्यनाथ के सोनभद्र दौरे से पहले पुलिस ने सपा नेताओं को हिरासत में ले लिया है। पुलिस ने मामले में अब तक 29 लोगों को गिरफ्रतार किया है। साथ ही प्रशासन ने जिले में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए 2 महीने के लिए धारा 144 लगा दी है। पुलिस ने पूर्व विधायक अविनाश कुशवाहा, जिला सचिव प्रमोद यादव, लोहिया वाहिनी प्रदेश सचिव मन्नू पाण्डेय और मनीष तिवारी और जुनैद अंसारी को हिरासत में लिया है। सभी सपाइयों को घर और चाय की दुकान से उठाकर पुलिस ने हिरासत में लिया है। राबर्ट्सगंज कोतवाली पुलिस ने सभी को हिरासत में लिया है। वहीं सपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि जो सोनभद्र में भीषण नरसंहार हुआ है, यह प्रदेश सरकार की विफलता है। अगर प्रशासन ने पहले इस पर ध्यान दिया होता तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती। वहीं सपा कार्यकर्ताओं ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के द्वारा निर्देशन के बाद सपा कार्यकर्ता जांच के लिए मौके पर जा रहे थे तो पुलिस ने सपा करयकर्ताओं को घर-घर से उठाया। जिससे सपा कार्यकर्ता मौके पर न आ रहें और मुख्यमंत्री से नहीं मिल सकें। वहीं, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंदकुमार साय अपनी 5 सदस्य टीम के साथ सोनभद्र नरसंहार की जांच करने के लिए 22 जुलाई को जिले का दौरा करेंगे। गौरतलब है कि सोनभद्र के घोरावल थानाक्षेत्र के उम्भा गांव में जमीन विवाद को लेकर 10 लोगों की हत्या कर दी गई थी। गांव में कई साल पहले आदर्श कोऑपरेटिव नाम से एक ट्रस्ट बना हुआ था, जिसमें कुल 600 बीघा के आसपास जमीन थी। इस कोऑपरेटिव में 2 आईएएस अधिकारी भी शामिल थे। जिन्होंने 2 वर्ष पूर्व लगभग 100 बीघा जमीन स्थानीय प्रधान यज्ञवत भूर्तिया और उसके दोस्त को बेच दी थी। जिस जमीन पर ग्रामीण कब्जा करके खेती कर रहे थे। बीते बुधवार को ग्राम प्रधान पूरे लाव लश्कर के साथ जमीन पर कब्जा करने पहुंचे और जिसमें दर्जनों की संख्या में रिश्तेदार और समर्थकों के साथ ही असलहे से लैस लोग थे। इस दौरान ग्रामीणों और ग्राम प्रधान के बीच विवाद हो गया, जिसके बाद ग्राम प्रधान की तरफ से गोलियां और लाठी-डंडे चलने लगे। जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई। वहीं, इस नरसंहार के बाद से ही इस पर राजनीतिक रोटियां सेंकी जाने लगी हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पीड़ित परिवारों से मिलीं। वहीं, टीएमसी के एक प्रतिनिधिमंडल को वाराणसी में ही रोक दिया गया।