कैबिनेट गठित होते ही दस शहर हवाई मार्ग से जुडेंगे !
नई दिल्ली। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूसरी बार अपने पद की शपथ लेंगे। हर किसी को इस सरकार से बहुत उम्मीदें हैं। उन्हीं उम्मीदों को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री मोदी की टीम अभी से काम में लग गई है। भारत में एविएशन सेक्टर बुरे दौर से गुजर रहा है। ऐसे में मोदी सरकार 100 दिनों के भीतर एविएशन सेक्टर में सुधार के लिए कई बड़े फैसले ले सकती है। सूत्रों के मुताबिक नई सरकार 100 दिनों के भीतर सबसे पहले रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम को और सफल बनाना चाहती है। सरकार 100 दिनों के भीतर 10 नए एयरपोर्ट को उड़ान योजना के अंतर्गत चालू कर सकती है। उड़ान योजना के तहत 10 नए एयरपोर्ट के हकीकत में आने का सीधा मतलब है कि 10 नए शहर हवाई मार्ग से जुड़ सकेंगे। जानकारी के मुताबिक, बहुत जल्द उड़ान योजना के तीसरे चरण का आगाज किया जा सकता है। अगर, तीसरे चरण की शुरुआत नहीं हो पाती है तो दूसरे चरण के अंतर्गत ही नए एयरपोर्ट ऑपरेशनल किए जाएंगे। सरकार का लक्ष्य है कि, फिलहाल देश में मौजूद 100 एयरपोर्ट की संख्या को जल्द से जल्द 150 तक ले जाना है। सूत्रों के मुताबिक पीएमओ ने सख्त निर्देश दिया है कि 30 दिनों के भीतर जेट एयरवेज, एयर इंडिया और पवन हंस के मुद्दों को सुलझाया जाए। सरकार जेट एयरवेज को वापिस उड़ान पर लाने के लिए बैंकों के जरिये लगातार कोशिश कर रही है। एयर इंडिया विनिवेश को लेकर भी सरकार अगले 2 से 3 महीने में नए टर्म्स और कंडीशन्स के साथ आगे बढ़ सकती है। जबकि, पवन हंस विनिवेश के मुद्दे को भी पूरी तरह सुलझाना इस सेक्टर की प्राथमिकता बनी हुई है। एयर इंडिया को लेकर पिछले दिनों खबर आई थी कि सरकार इसका 100 फीसदी विनिवेश करने पर विचार कर रही है। एयर इंडिया पर करीब 55000 करोड़ रुपये का कर्ज है। पिछली बार सरकार ने 75 फीसदी विनिवेश की कोशिश की थी, लेकिन यह सफल नहीं हो पाया था। ऐसे में एयर इंडिया के उचित भविष्य के लिए सरकार 100 फीसदी विनिवेश करने के बारे में सोच रही है। यह काम अगस्त तक कर लिए जाने की संभावना है। इंडियन एविएशन की ग्रोथ डबल डिजिट में बनी हुई है जो कि काफी अच्छे संकेत हैं, ऐसे में सरकार इस ग्रोथ को बनाये रखने के लिए अगले 3 महीने में ठोस कदम उठा सकती है।