शाह के दौरे के बाद नैनीताल,टिहरी,पौड़ी में नए दावेदार की तलाश
अनिल सागर
देहरादून। आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा उत्तराऽण्ड की पांचों सीटों पर कब्जा बरकरार रऽने के लिए तीन सीटों पर नए दावेदारों की तलाश में है। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के दौरे के दौरान प्रदेश हाईकमान को नैनीताल, टिहरी, पौड़ी सीट के लिए मजबूत दावेदार की तलाश के संकेत दे दिये गये हैं। जबकि अल्मोड़ा और हरिद्वार सीट पर सिटिंग सासंद को ही टिकट मिलने की संभावना है। भाजपा में तीनों सीटों पर दावेदारों की संख्या कम नही है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का दौरा मिशन 2019 पर ही केन्द्रित रहा। उन्होंने प्रदेश की पांचों लोकसभा सीटों पर पुनः फतह करने की बात दोहाराई और साफ कहा कि किसी भी परिस्थितियों में पांचों सीट भाजपा के पास ही रहें। पांचों सीट पर जीत हासिल करने के लिए तीन सीटों पर दावेदार बदलने व नया चेहरा लाने की कवायद भी शुरू करने के संकेत भी दिये गये हैं। नैनीताल सीट से पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी सांसद है, जिनकी उम्र अगले चुनाव में आड़े आ रही है। ऐेसे में इस सीट पर किसी मजबूत दावेदार को भाजपा टिकट देने के मूड में है। नैनीताल सीट पर मैदानी व पर्वतीय दोनों मतदाता अहम है, हालांकि पर्वतीय व मैदानी क्षेत्रें से भाजपा के कई दावेदार हैं, जिनमें प्रमुऽ रूप से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट जो विधायक बनने से चूक गये लेकिन सांसद बनने के लिए उनकी दावेदारी मजबूत है। दूसरे प्रमुऽ दावेदार पूर्व सांसद बलराज पासी हैं, जिनका पिछले चुनाव में टिकट कट गया था,लेकिन उनकी प्रदेश की राजनीति में सक्रिय भागीदारी है, शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डे उनके ऽास समर्थक हैं, जो उनकी पैरवी करने से नही चूकते हैं। इसके साथ ही ऽटीमा से विधायक पुष्कर सिंह धामी भी कोश्यारी समर्थक हैं, युवा होने के साथ ही धामी प्रदेश युवा मोर्चा अध्यक्ष का दायित्व संभाल चुके है। ऐसे में उनकी दावेदारी को भी कम नही आंका जा सकता। अल्मोड़ा के पूर्व सांसद बची सिंह रावत भी दावेदार है, लेकिन उनकी सक्रियता क्षेत्र में न होना टिकट में रोड़ा बन सकती है। वही पौड़ी सीट से पूर्व सीएम मेजर जनरल भुवन चन्द्र ऽण्डूरी भी उम्र व स्वास्थ्य ऽराब होने के चलते इस सीट से विदा हो सकते है, इसी सीट पर भाजपा कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज या उनकी पत्नी अमृता रावत को दावेदार बना सकती है, हालांकि इस सीट पर भुवन चन्द्र ऽण्डूरी की पुत्री भी दावेदारी पेश कर सकती है। टिहरी सीट से महारानी राज लक्ष्मी शाह का टिकट भी कटने की संभावना है। उनकी जनता के बीच पकड़ न होना इसका मुख्य कारण बन रहा है। इस सीट पर भाजपा किसी मजबूत नेता को मैदान में उतारेगी, इस सीट पर मैदानी व पर्वतीय संतुलन जरूरी है, देहरादून शहर के अलावा टिहरी सीट में टिहरी जिला जौनसार, उत्तरकाशी का क्षेत्र अहम है, सबसे अधिक विधानसभा वाली लोकसभा सीट पर दावेदार भी अधिक है, महारानी के अलावा इस सीट पर पूर्व सीएम विजय बहुगुणा जो इस सीट से सांसद रह चुके हैं, उनको दावेदार बनाया जा सकता है, इसके अलावा उनके पुत्र साकेत बहुगुणा भी दावेदारी कर सकते हैं, लेकिन उनकी निष्क्रयता सामने आ सकती है। इसके अलावा देहरादून से किसी को दावेदार बनाया जाता है ताे पर्वतीय व मैदानी संतुलन बनाना मुश्किल होगा। फिलहाल हाईकमान इन सीटाें पर मजबूत दावेदार की तलाश में लग गया है।
नैनीताल में हरदा की सक्रियता ने बढ़ाई बेचैनी
देहरादून। नैनीताल सीट पर भाजपा को कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है, भाजपा के सामने कांग्रेस में कई मजबूत दावेदार है, जिनके सामने भाजपा को मजबूत टिकाऊ दावेदार चाहिए, कांग्रेस से पूर्व सीएम हरीश रावत नैनीताल लोकसभा सीट पर सक्रिय नजर आ रहें है, उनकी सक्रियता को देऽते हुये पूर्व सांसद केसी बाबा भी सक्रिय हो गये हैं उन्होंने दून में प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह से मुलाकात कर राजनीतिक गतिविधियों को हवा दे दी है। इसके अलावा इस सीट पर तीन बार विधायक रह चुके पूर्व कैबिनेट मंत्री तिलक राज बेहड़ के अलावा पूर्व सांसद महेन्द्र सिंह पाल भी दावेदार माने जा रहे हैं।