खनन में गाइडलाइन्स की अनदेखी पर हाइकोर्ट सख्त

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खनन में गाइडलाइन्स की अनदेखी पर हाइकोर्ट सख्त
अपर मुख्य सचिव खनन सहित कई अफसरों को नोटिस
उत्तरांचल दर्पण सहयोगी
नैनीताल। पर्यावरण मंत्रालय केंद्र सरकार की गाइडलाइन को दरकिनार कर किए जा रहे खनन मामले को लेकर दायर याचिका पर हाईकोर्ट में गुरुवार को सुनवाई की। मामले में कोर्ट ने नैनीताल जिले के पर्वतीय व भाबर क्षेत्र, बाजपुर क्षेत्र, कोटद्वार क्षेत्र, विकास नगर क्षेत्र की नदियों में मशीनों से किए जा रहे अवैध खनन को गंभीरता से लिया है। इसके साथ ही खनन के इलेक्ट्राॅनिक सर्वेक्षण व माॅनिटरिंग गाइडलाइंस 2016 व 2020 का राज्य में अनुपालन न किए पर सख्त रवैया अपनाया है। हाईकोर्ट ने अपर मुख्य सचिव खनन, निदेशक खनिकर्म, प्रबन्ध निदेशक उत्तराखंड वन विकास निगम, आयुक्त कुमाऊँ, आयुक्त गढ़वाल, जिलाधिकारी पौड़ी, जिलाधिकारी देहरादून, जिलाधिकारी नैनीताल, जिलाधिकारी यूएस नगर को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में विस्तृत शपथपत्र दायर करने के लिए कहा है। कोर्ट ने केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय, केंद्रीय उपमहानिदेशक वन देहरादून तथा उपनिदेशक भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण उत्तर क्षेत्र को भी नोटिस जारी किया है और उन्हें राज्य की नदियों में अनियंत्रित खनन के पर्यावरणीय प्रभाव के आकलन के संदर्भ में क्या सर्वे अपेक्षित है, इस संबंध में शपथपत्र दायर करने के लिए कहा है। गुरुवार को हल्द्वानी निवासी दिनेश चंदोला की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार द्वारा कोर्ट को बताया गया कि नदी तल क्षेत्रों के खनन पट्टों में मशीनों द्वारा खनन की अनुमति को 15 जून के बाद बिल्कुल आगे नहीं बढ़ाएगी। पक्षों को शपथपत्र तीन सप्ताह में दायर करने हैं, जिसके बाद अगली सुनवाई होगी। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति रमेश चन्द्र खुल्बे की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई।

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