कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों ने खोला मोर्चा, केंद्र से मांगा आर्थिक पैकेज
कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों ने खोला मोर्चा, केंद्र से मांगा आर्थिक पैकेज
नई दिल्ली (उद ब्यूरो)। कोरोना वायरस संकट और लाॅकडाउन के बाद की स्थिति पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी शसित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बुधवार को बैठक की। इस दौरान कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार द्वारा जोन के वर्गीकरण मनमानी करने का आरोप लगाया। साथ ही कोरोना संकट के मद्देनजर प्लानिंग और पैकेज समेत कई मुद्दों पर केंद्र की मोदी सरकार को निशाने पर लिया। पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान और पुडुचेरी के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र से राहत पैकेज की मांग उठायी। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जबतक लोगों और राज्यों को आर्थिक पैकेज नहीं मिलेगा देश कैसे आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा, श्हमें 10 हजार करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। राज्यों ने पैकेज के लिए बार-बार प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है लेकिन हमारी बात को अनसुना कर दिया गया है। हम लगातार पीएम से पैकेज की मांग कर रहे हैं लेकिन अभी तक जवाब नहीं मिला है। पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने लाॅकडाउन पर केंद्र के दृष्टिकोण की आलोचना की। सीएम ने कहा कि उन्होंने दो कमिटी का गठन किया है जो लाॅकडाउन के झटके और आर्थिक पुनरुद्धार के प्लान पर रणनीति बनाएगी। सीएम ने केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा, श्दिल्ली में बैठे लोग जमीनी हकीकत जाने बिना जोन का वर्गीकरण कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। उन्हें तत्काल सहायता प्रदान करने की आवश्यकता है। छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है, जहां 80 फीसदी लघु उद्योग फिर से शुरू हो गए हैं और लगभग 85,000 श्रमिक काम पर लौट आए हैं। बता दें कि सीएम बघेल ने केंद्र से आर्थिक पैकेज के लिए कई बार पीएम मोदी को पत्र लिख चुके हैं। पंजाब की तरह ही पुडुचेरी ने भी केंद्र द्वारा जोन के वर्गीकरण पर आपत्ति जताई है। मुख्यमंत्री नारायणसामी ने कहा,श्बिना राज्य सरकारों की सलाह के भारत सरकार जोन का वर्गीकरण कर रही है। दिल्ली में बैठे लोग राज्यों की हालत को नहीं बता सकते हैं। जोन बंटवारे में किसी भी राज्य या मुख्यमंत्री से परामर्श नहीं किया जाता है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि 17 मई के बाद देश में क्या होगा? सरकार ने लाॅकडाउन जारी रखने के लिए क्या पैमाना लागू किया। उसके पास लाॅकडाउन 3।0 के बाद क्या रणनीति है। सोनिया ने बैठक में कोरोना महामारी से निपटने के सरकार की कोशिशों और देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों और कामगारों को वापस लाने के उपायों पर भी चर्चा की। वहीं पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि सबकी चिंता यही है कि लाॅकडाउन 3.0 के बाद क्या होगा। सरकार को बताना चाहिए कि लाॅकडाउन के बाद उसके पास क्या प्लान है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कोविड के साथ लड़ाई में बुजुर्गों, डायबिटिक और हार्ट मरीजों को बचाना अहम है। वहीं, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि राज्यों के सामने वित्तीय संकट गहराता जा रहा है, केंद्र सरकार की ओर से कोई धन आवंटित नहीं किया जा रहा है।