घर जाने के लिए हल्द्वानी में लगा मजदूरों का जमघट
भीड़ जुटने से सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां
हल्द्वानी (उद संवाददाता)। कोरोना वायरस को देखते हुए बिहार और यूपी के कई मजदूर लाॅकडाउन के बाद से हल्द्वानी के विभिन्न क्षेत्रों में फंसे हुए हैं। ये मजदूर बार-बार प्रशासन से घर भेजे जाने की मांग करते आ रहे थे। एसडीएम कार्यालय में उन्हें बार-बार आना पड़ रहा है लेकिन घर भेजने की कोई व्यवस्था नहीं हो पा रही है। हल्द्वानी के विभिन्न क्षेत्रों में फंसे ये मजदूर पिछले डेढ़ माह से रोजी रोटी की किल्लत के अलावा अन्य कई प्रकार की समस्या से दो-चार हो रहे हैं। अब जैसे ही उनकी घर जाने की राह साफ हुई तो मजदूरों ने थाने से लेकर तहसील तक आवेदन के लिए भीड़ लगा ली। इससे सोशल डिस्टेंसिंग का खुलेआम उल्लंघन हुआ। प्रशासन की ओर से मजदूरों की भारी भीड़ को रोकने का कोई इंतजाम नहीं किया गया था। इस कारण सोशल डिस्टेेंसिंग का खुलेआम उल्लंघन हुआ। कोतवाल संजय कुमार के बताया कि सभी मजदूरों को अपने निकटतम क्षेत्र की थाना चैकी में जाने को कहा गया है। इस तरह भीड़ लगने से उनका घर जाने की राह और मुश्किल हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी मजदूरों को घर भेजने की व्यवस्था की जाएगी। इसी तरह बनभूलपुरा थाने में पड़ने वाली गौला क्षेत्र के कई हजार मजदूर पिछले काफी समय से कार्य कर रहे हैं जो कि बनभूलपुरा थाने में जाकर आवेदन कर रहे हैं। एसआई मनोज यादव ने बताया कि एक से डेढ़ हजार मजदूरों ने आवेदन किया है जिनकी कागजों की जांच व निरीक्षण कर उनको उनके घर भेजने की व्यवस्था कराई जाएगी। उच्चाधिकारियों के आदेशों के अनुरूप ही कार्य किया जाएगा। श्रमिकों को अनावश्यक भीड़ नहीं लगाना चाहिए। भीड़ के कारण कार्य में बाधा उत्पन्न होगी और प्रशासन को ठोस निर्णय लेने पड़ेंगे। इस कारण उनके घर जाने का सपना अधूरा रह जाएगा।
यूपी के 124 मजदूरों को भेजा घर
हल्द्वानी। यहां फंसे उत्तर प्रदेश के 124 लोगों को घर भेजा गया। उत्तराखंड रोडवेज की पांच बसों की मदद से इनको भिजवाया गया। मजदूरों को 29 मार्च से स्पोटर्स स्टेडियम और एमबी इंटर कालेज में शेल्टर होम में रखा गया था। जबकि दिल्ली जमात में शामिल लोगों में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने के बाद प्रशासन ने याहं आई जमात के 53 लोगों को बागजाला क्वारंटाइन सेंटर में ठहरा दिया था। जिसमें से दिलली और उड़ीसा की जमात से 7 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई थी। बाद में एसटीएच में इलाज के बाद वह ठीक हो गए हैं। घर वापसी करने वाले 86 श्रमिक और 36 जमात में शामिल लोग काफी खुश थे।