सामने नहीं आने वाले कोरोना संदिग्धों पर होगा हत्या का केसः त्रिवेन्द्र रावत
देहरादून(उद संवाददाता)। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि हर रोज लाॅकडाउन में छूट की अवधि घटाने से दुकानों, बाजारों में ज्यादा भीड़ उमड़ेगी। ऐसे में सुरक्षित शारीरिक दूरी को बनाए रखने में अड़चन आ सकती है। सरकार ढील कम नहीं करना चाहती। आगे इस पर परिस्थितियों के मुताबिक फैसला लेंगे। उन्होंने कहा कि तब्लीगी जमात का जो भी व्यत्तिफ सहयोग नहीं करेगा, उस पर हत्या का मुकदमा दर्ज होगा। विभिन्न स्तर पर व्यापक चर्चा और मंथन के बाद कोरोना का खतरा कम करने को लाॅकडाउन आगे बढ़ाने की सिफारिश राज्य की ओर से केंद्र को की जा चुकी है। राज्य के प्रबुद्ध लोग और स्वास्थ्य विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं कि लाॅकडाउन में और सख्ती बरती जाए। लिहाजा हर रोज सुबह सात बजे से दोपहर एक बजे तक मिलने वाली छूट की अवधि कम की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्वीकार किया कि लाॅकडाउन को आगे बढ़ाने के साथ ही उसमें और सख्ती लाने के लिए बड़ी संख्या में सुझाव राज्य सरकार को मिले हैं। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन में हर रोज ढील की मौजूदा अवधि सोच-समझकर तय की गई है। इसके पीछे मूल भावना लोगों के बीच सुरक्षित शारीरिक दूरी को बनाए रखने की है। कम समय मिलने पर ज्यादा संख्या में लोग दुकानों और बाजारों में उमड़ेंगे। ऐसे में पूरी कवायद खतरे में पड़ सकती है। सरकार के पास ये फीडबैक भी है
कि दैनिक सामान की खरीद के लिए पर्याप्त समय मिलने के कारण लोग खुद ही सुरक्षित शारीरिक दूरी का पालन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। एक जिले या तहसील से दूसरे जिले या तहसील में आवाजाही प्रतिबंधित है। प्रतिबंधित क्षेत्रों में लोगों का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लाॅकडाउन को लेकर राज्य सरकार ने केंद्र के निर्देशों पर मर्यादा रेखा का पालन किया है। कोरोना के अब तक राज्य में कुल 35 पाॅजिटिव केस में 33 सिर्फ चार जिलों देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंहनगर जिले में हैं। ऐसे में इन जिलों में पूरी निगरानी की जा रही है। हल्द्वानी के कुछ क्षेत्रों के साथ ही देहरादून में चार-पांच मुहल्ले और गांवों में संक्रमण के अंदेशे को देखते हुए सख्ती की गई है। इन इलाकों में लोगों को असुविधा न हो, इसके लिए मोबाइल वैन से सामान पहुंचाया जा रहा है। मोबाइल एटीएम का भी बंदोबस्त किया गया है, ताकि इन क्षेत्रों के लोगों को घरों से बाहर निकलना न पड़े। ऐसे इलाकों में आवाजाही पर पाबंदी लगाई गई है। मुख्यमंत्री ने तब्लीगी जमात के लोगों से कोरोना जांच में सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि कोरोना का पंथ, धर्म, संप्रदाय से लेना-देना नहीं है। इस संबंध में सरकार ने मुस्लिम समाज के सुधी लोगों और धर्मगुरुओं से बातचीत की। इसका अच्छा नतीजा ये रहा कि जांच के लिए लोग खुद आगे आए। उन्होंने कहा कि सामने नहीं आने वाले कोरोना संदिग्धों पर हत्या की कोशिश में मुकदमा दर्ज होगा। यदि कोरोना पाॅजिटिव पाया गया तो ऐसे व्यत्तिफ पर हत्या की धारा में मुकदमा किया जाएगा।