देहरादून के जंगल में सूटकेस में मिली 95 दिन से लापता शहनूर की लाश: पुलिस ने हत्यारोपी राशिद को किया गिरफ्तार

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लिव इन में देहरादून में रहते थे दोनों,गला दबाकर कर दी हत्या
देहरादून। लिव इन में रह रहे एक प्रेमी द्वारा प्रेमिका की हत्या का मामला सामने आया है। प्रेमी ने प्रमिका की पहले तो बेहरमी से हत्या की। उसके बाद शव को एक सूटकेस में बंद कर देहरादून में आशारोड़ी के जंगल में ठिकाने लगा दिया। युवती राशिद नाम के एक युवक के साथ लिव-इन में रहती थी। इसके बाद से करीब 95 दिन से लापता थी। शनिवार को उसका शव सूटकेस में सड़े-गले कंकाल के रूप में बरामद किया गया है। रविवार को पुलिस ने जंगल से सूटकेस के अंदर से लड़की का सड़ा गला शव बरादम किया है। एसएसपी अजय सिंह ने मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि पुलिस ने आरोपी राशिद(23) पुत्र मुर्सलीन निवासी बागोवाली थाना नई मंडी जिला मुजफ्फरनगर को गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि 29 जनवरी को वादिनी शहरुल पत्नी जहीर हसन निवासी जमालपुर कला, हरिद्वार ने पटेलनगर थाने में शिकायत दर्ज की थी कि उनकी बेटी शहनूर(24) कई दिनों से लापता है। वह देहरादून में ही संस्कृति लोक कॉलोनी आईएसबीटी के पास किराए के कमरे में रहती थी। जिसके बाद से ही पुलिस मामले की खोजबीन में जुटी थी। वहीं, पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह बागोवाली में मोटरसाइकिल रिपेयरिंग का काम करता था। वर्ष 2017-18 में उसकी पहचान मोबाइल फोन के माध्यम से शहनूर से हुई थी। उसके बाद से ही वे लगातार एक दूसरे के संपर्क में थे। सितंबर 2023 में वह शहनूर से मिलने देहरादून आया और उसके बाद संस्कृति लोक कॉलोनी आईएसबीटी के पास एक कमरा किराए पर लेकर दोनों साथ रहने लगे। शहनूर ने बताया था कि वह ब्यूटी पार्लर में काम करती थी। लेकिन पता पूछने पर हमेशा टाल देती थी। वह हमेशा रात में देरी से और कई बार अगले दिन सुबह कमरे पर आती थी। उसे लगता था कि उसका किसी से संबंध है इसलिए वह देरी से आती है। 27 दिसंबर को भी वह सुबह दो बजे कमरे पर आई तो इस बात को लेकर दोनों में झगड़ा हो गया और शहनूर ने उसे थप्पड़ मार दिया। जिस पर गुस्से में आकर उसने शहनूर का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।
घटना के बाद अगले दिन उसने शहनूर की स्कूटी लेकर पटेल नगर लालपुल की तरफ गया, जहां से उसने एटीएम कार्ड से 17 हजार रुपये भी निकाले। उसके बाद लाल रंग का एक बड़ा सूटकेस खरीदा और उके शव को सूटकेस में रखकर जंगल में फेंक दिया। इसके बाद वह पकड़े जाने के डर से शहनूर की स्कूटी लेकर अपने गांव बागोवाली मुजफ्फरनगर चला गया और वहां से अपनी बहन के घर पानीपत चला गया। वहीं, अब 30 मार्च को वह देहरादून कमरे से अपना सामान लेने आया था। जहां वह पकड़ा गया।

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