चारधामों में दर्शनार्थियों का आंकड़ा छह लाख पारः बदरीनाथ धाम में बने धर्मशालाओं में साधु-संतों व निर्धन श्रद्धालुओं को निशुल्क ठहरने की व्यवस्था

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देहरादून। चारधाम यात्रा शुरू होने के 10 दिनों के भीतर चारधामों में छह लाख से अधिक तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं। इसमें सबसे ज्यादा केदारनाथ धाम में 2.50 लाख से अधिक यात्रियों ने दर्शन किए। बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में रोजाना औसतन 70 हजार से ज्यादा तीर्थयात्री दर्शन कर रहे हैं। वहीं, चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण का आंकड़ा 29.52 लाख पहुंच गया है। चारधाम यात्रा का आगाज 10 मई से हुआ है। इस बार यात्रा के शुरूआत में ही दर्शनों के लिए धामों में तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ उमड़ रही है। 10 दिन के भीतर बदरीनाथ्, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में छह लाख से अधिक यात्री दर्शन कर चुके हैं। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार व प्रशासन ने भी बिना पंजीकरण यात्रा करने वाले पर सख्ती बरती है। जगह-जगह पर पंजीकरण की चेकिंग की जा रही है। जिससे धामों में बढ़ रही यात्रियों को भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। केदारनाथ धाम में 2,46,820, बदरीनाथ धाम में 1,20,757 यमुनोत्री धाम में 1,25,608 गंगोत्री धाम में 1,12,508 श्रद्धालुओं ने दर्शन किये। बदरीनाथ धाम में तीर्थयात्रियों को ठहरने की पर्याप्त जगह मिल जाती है। यहां एक दिन में लगभग 20,000 श्रद्धालु ठहर सकते हैं। यहां होमस्टे नहीं हैं, लेकिन 180 छोटे-बड़े होटल और 28 धर्मशालाएं हैं। बदरीनाथ धाम में वातानुकूलित होटल भी हैं जिनका एक दिन का किराया 38,000 रुपये है, जबकि अन्य होटलों में 1000 से लेकर 5000 तक किराये पर कमरा मिल जाता है। वहीं धर्मशालाओं में 300 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक का कमरा मिल जाता है। धाम में बीकेटीसी के दो धर्मशालाएं भी थीं। इन धर्मशालाओं में श्रद्धालुओं के निशुल्क ठहरने की व्यवस्था थी, लेकिन इन धर्मशालाओं को मास्टर प्लान के तहत ध्वस्त कर दिया गया है। वहीं ज्योतिर्मठ की धर्मशालाओं में साधु-संतों व निर्धन श्रद्धालुओं को निशुल्क ठहरने की व्यवस्था मिल जाती है। धाम में गढ़वाल मंडल विकास निगम का गेस्ट हाउस भी है। इसमें 560 लोग ठहर सकते हैं। यहां 4500 से लेकर 5800 रुपये किराये पर कमरे मिल जाते हैं। इसमें खाने की सुविधा भी दी जाती है, जबकि 500 बेड की डोरमेटरी भी है, यहां 700 रुपये प्रति बेड ;डिनर सहितद्ध की सुविधा है। जीएमवीएन के क्षेत्रीय प्रबंधक दीपक रावत ने बताया कि यात्रा पड़ाव जोशीमठ, पीपलकोटी, कर्णप्रयाग, गौचर, गोपेश्वर में भी निगम के गेस्ट हाउस स्थित हैं।

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