क्या उधम सिंह नगर में ‘हाईकोर्ट’ लाने को लामबंद हो सकेंगे राजनेता ?

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हाईकोर्ट शिफ्टिंग के लिए निर्धारित सभी मानदंड पूरे करता है उधम सिंह नगर
रूद्रपुर(उद संवाददाता) । ऐसे समय ,जबकि स्वयं नैनीताल उच्च न्यायालय ने गौलापार में हाई कोर्ट की शिफ्टिंग के प्रस्ताव को खारिज करते हुए राज्य के मुख्य सचिव से कोई अन्य उपयुक्त स्थान प्रस्तावित करने का निर्देश दिया है, यह प्रश्न लगातार बलवान होता जा रहा है कि क्या उधम सिंह नगर जनपद की राजनीतिक बिरादरी उत्तराखंड उच्च न्यायालय की स्थापना जनपद में करने के लिए दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ लाम बंद होकर सामूहिक प्रयास कर सकेगी? देखा जाए तो राज्य आंदोलन के समय से ही उधम सिंह नगर जनपद में एक से बढ़कर एक दबंग और कद्दावर नेता रहे आए हैं और वर्तमान में भी उधम सिंह नगर जनपद में वजनदार एवं जन आधार वाले नेताओं की कमी नहीं है । और तो और, स्वयं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का गृह निवास भी उधम सिंह नगर जनपद के खटीमा अंतर्गत ही आता है । लिहाजा कोई कारण नहीं कि जो अगर जनपद की पूरी राजनीतिक बिरादरी अपनी दलगत प्रतिबद्धताओं को दरकिनार कर उधम सिंह नगर में हाई कोर्ट की स्थापना के लिए लामबंद हो जाए तो इस लक्ष्य को हासिल ना किया जा सके । उधम सिंह नगर जिले में उत्तराखंड उच्च न्यायालय की स्थापना के लिए सामूहिक राजनीतिक प्रयास इसलिए भी आवश्यक हो जाते है क्योंकि नैनीताल उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने उच्च न्यायालय की शिफ्टिंग के लिए जो आवश्यक मानदंड निर्धारित किए हैं, उन सभी मानकों की कसौटी पर उधम सिंह नगर जनपद पूरी तरह है खरा उतरता है। बताना होगा कि नैनीताल उच्च न्यायालय की डबल बेंच ने हाई कोर्ट शिफ्टिंग के मसले पर सुनवाई करते हुए राज्य शासन के मुख्य सचिव को कोई ऐसा स्थान सुझाने को कहा है ,जहां पचास जजों के कोर्ट और आवास सहित 7000 अधिवत्तफा चौंबर्स का निर्माण आसानी से हो सके और कनेक्टिविटी तथा सहित चिकित्सा व अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध हो । कहने की जरूरत नहीं की उधम सिंह नगर जनपद में उत्तफ सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं। जहां तक भूमि उपलब्धता का सवाल है ? तो हाईकोर्ट के लिए भूमि की उपलब्धता के हिसाब से भी ऊधमसिंह नगर एक उचित विकल्प हो सकता है। यहां शासकीय भूमि के बड़े-बड़े टुकड़े तो उपलब्ध ही हैं ,साथ ही अनेक ऐसे बड़े फॉर्म भी हैं जो आवश्यकता पड़ने पर अधिग्रहित किए जा सकते हैं। इसके अतिरित्तफ ऊधमसिंह नगर की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि उत्तराखंड के किसी भी क्षेत्र से यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। वह इसलिए ,क्योंकि यहां पंतनगर में एयरपोर्ट होने के साथ-साथ तकरीबन जनपद के सभी प्रमुख शहरों में बेहतर रेल कनेक्टिविटी भी है ।जनपद के पंतनगर, किच्छा, काशीपुर और रुद्रपुर आदि ऐसे रेलवे स्टेशन है, जहां से कई ट्रेन संचालित होती है । बात ऊधमसिंह नगर में स्वास्थ्य सेवाओं करें तो रुद्रपुर में जिला अस्पताल है। इसके अलावा रुद्रपुर में मेडिकल कॉलेज भी निरंतर विस्तार पा रहा है जो आगे चलकर बेहतर स्वास्थ्य शिक्षा का एक बड़ा केंद्र बन सकता है। दूसरी ओर किच्छा में एम्स की सैटेलाइट यूनिट प्रस्तावित है, साथ ही समूचे जनपद में बड़े एवं अनुभवी निजी चिकित्सक उच्च स्तरीय निजी चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध करा रहे हैं। इसके अलावा उधम सिंह नगर की सार्वजनिक यातायात प्रणाली भी बेहतर है। यहां रुद्रपुर, किच्छा समेत अन्य कई जगहों पर बस अडडे हैं ।साथ ही निजी बस सेवा भी संचालित होती है। जनपद में हाल के वर्षों में सड़क नेटवर्क और उसकी गुणवत्ता भी बेहतर हुई है। अब से पहले दिल्ली समेत अन्य जगहों तक पहुंचने में समय लगता था, लेकिन सड़कों के नेटवर्क एवं गुणवत्ता बेहतर हो जाने के कारण अब गंतव्य तक पहुंचने में कम समय लगता है ।दूसरी ओर पंतनगर के एयरपोर्ट के विस्तार की भी बात चल रही है। इसे अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के मानकों के अनुसार विकसित करने की कार्य योजना को अमल में लाया जाना है ।कुल मिलाकर उधम सिंह नगर हाई कोर्ट की स्थापना के लिए एक आदर्श विकल्प हो सकता है जरूरत है बस एक सामूहिक प्रयास की। अब देखना यह होगा कि उधम सिंह नगर जिले के राजनेता जनपद को यह सौगात दिलाने की दिशा में कुछ करने की जह मत उठाते हैं अथवा पहले की तरह हाथ पर हाथ धरे जनपद को सरकारी खैरात मिलने का इंतजार भर करते रहते हैं?
उच्च न्यायालय को उधमसिंहनगर में शिफ्ट किए जाने की मांग पकड़ रही जोर

रुद्रपुर। उच्च न्यायालय को नैनीताल से स्थानांतरित किए जाने का मामला तूल पकड़ चुका है। उच्च न्यायालय को गोलापार शिफ्टिंग करने के आदेश को निरस्त किए जाने के बाद उच्च न्यायालय को उधम सिंह नगर में शिफ्ट किए जाने की मांग जोर पकड़ती जा रही है। उधम सिंह नगर में सरकारी भूमि की उपलब्धता और आधारभूत सभी सुविधाएं उपलब्ध होने के चलते यहां पर उच्च न्यायालय के शिफ्टिंग होने की ज्यादा संभावनाएं बनी हुई है। बार काउंसिल आफ इंडिया के सदस्य एवं वरिष्ठ अधिवत्तफा डीके शर्मा ने भी अपने सुझाव में कहा कि उधम सिंह नगर में 5000 एकड़ की भूमि पर सिडकुल बसा हुआ है। उच्च न्यायालय को यहां भी स्थानांतरित किया जा सकता है। तराई के अधिकांश अधिवत्तफा उच्च न्यायालय को उधम सिंह नगर में शिफ्ट किए जाने की मांग करते हुए इसका सुझाव दे रहे हैं।

जनप्रतिनिधियों से अपील : हाईकोर्ट मुद्दे पर जनता की आवाज बनें

रूद्रपुर ।जिला बार एसोसिएशन उधमसिंहनगर के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट लोकतन्त्र सेनानी सुभाष चन्द्र छाबड़ा ने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से अपील की है कि वे हाईकोट शिफ्टिंग के मामले में सच का साथ दें और आम जनता की लड़ाई को अपनी लड़ाई बनाते हुए गरीबों वंचितों और युवा लोगों की आवाज बनें। एडवोकेट छाबड़ा ने कहा कि ये लड़ाई हम तभी जीतेंगे जब सब लोग एकजुट हो कर लक्ष्य प्राप्ति के लिए संघर्ष करेंगे। भले ही हम किसी भी विचारधारा से ताल्लुक रखतें हों। उन्होंने तराई क्षेत्र के सभी विधायकों, जिला परिषद अध्यक्ष, नगर निगम, पंचायतों के पदाधिकारियों नगरपालिका के अध्यक्ष सभासदगण समस्त व्यापार मण्डलों के पदाधिकारियों से अनुरोध किया है कि हाईकोर्ट के मुद्दे पर रूद्रपुर के पक्ष में खुल कर आएं। पिछले 24 साल से जनता लुट रही है गरीब महंगे वकील, महंगे नैनीताल की वजह से न्याय पाने से वंचित है। सरकारी खजाने का भी भारी अपव्यय हो रहा है हर महीने सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। आपकी एक संगठित आवाज से यकीनन उच्च न्यायालय रूद्रपुर में स्थापित ही होगा।

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