केदारनाथ में पहले 15 दिन वीआइपी दर्शन पर राज्य सरकार ने लगाई रोक, पंजीकरण का आंकड़ा 17 लाख पार
देहरादून। चारधाम यात्रा को लेकर राज्य सरकार की तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं। धामों में दर्शन को लेकर यात्रियों के उत्साह को देखते हुए निर्णय लिया गया है कि यात्रा के पहले 15 दिन वीआइपी दर्शन नहीं होंगे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की ओर से सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि यात्रा के आरंभिक 15 दिनों लिए विशेष रूप से केदारनाथ में वीवीआइपी दर्शनों को जितना हो सके टाला जाए। इस संबंध में हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को भी सूचित किया जा रहा है। चारधाम हेली सेवाओं की ऑनलाइन टिकट बुकिंग शुल्क जमा करने से ठीक पहले धोखा दे रही है। ऐसे तमाम लोग हैं, जो ऑनलाइन जानकारी भरने के बाद जैसे ही शुल्क जमा कर रहे, तभी वेबसाइट हैंग हो रही है। जब तक दोबारा प्रक्रिया पूरी करते हैं तब तक सीट फुल हो रही है। उधर, सोमवार को चारधाम यात्रा पंजीकरण का आंकड़ा 17 लाख पार हो गया, जबकि सितंबर की हेली सेवाएं भी फुल हो गईं। चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण का आंकड़ा सोमवार को 17 लाख को पार कर गया। इनमें यमुनोत्री के लिए 2,77,775, गंगोत्री के लिए 3,10,715, केदारनाथ के लिए 5,94,147, बदरीनाथ के लिए 4,98,086 और हेमकुंड साहिब के लिए 28,395 पंजीकरण शामिल हैं। वहीं मुख्यमंत्री धामी यात्रा तैयारियों की नियमित मानिटरिंग कर रहे हैं और अधिकारियों से नियमित रूप से संपर्क में हैं। इस बीच मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे और बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय के साथ यात्रा व्यवस्था बेहतर करने को लेकर चर्चा की। मुख्यमंत्री के अनुमोदन के पश्चात निर्णय लिया गया कि यात्रा के पहले 15 दिन वीआइपी दर्शन नहीं होंगेे। गढ़वाल आयुत्तफ विनय शंकर पांडेय ने बताया कि चारधाम यात्रा के दौरान हेली सेवाओं के टिकटों की कालाबाजारी एवं ठगी जैसी घटनाएं न हों, इसके लिए इस बार केवल आइआरसीटीसी की आधिकारिक वेबसाइट से टिकटों की बुकिंग की व्यवस्था है। उन्होंने बताया कि सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक सड़क पांच से आठ मीटर चौड़ी की गई है। केदारनाथ में 20 जगह पार्किंग की व्यवस्था है, जहां 1495 वाहन पार्क हो सकेंगे। वाहनों की निगरानी को एप भी बनाया गया है। यात्रा मार्गों पर सफाई व्यवस्था को 700 कर्मियों की डयूटी लगाई गई है। पहली बार चार नए हाईटेक माडलर शौचालय व इतने ही नए मोबाइल माडलर शौचालय की व्यवस्था की गई है। यात्रा मार्गों पर संचालित 4000 घोड़े-खच्चर प्रशासन की निगरानी में रहेंगे। हाकर के लिए पहली बार पहचान पत्र जारी किए जाएंगे। 30 टन क्षमता का वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट सोनप्रयाग में बनाने के साथ ही डंपिंग ग्राउंड बनाया गया है। इस बार रोस्टर प्रणाली से संचालन होगा। घोड़े-खच्चरों के लिए 24 घंटे पानी की 15 चरी संचालित होंगी। 197 की क्षमता की दो डोरमेट्री बनाई गई हैं। इस बार पांच एंबुलेंस की तैनाती के साथ ही तीन गोल्फ कार्ट तैनात की जा रही हैं। स्थानीय व्यवस्था को न छेड़ते हुए सभी चिकित्सकों की व्यवस्था इसके अतिरित्तफ की जा रही है। लगभग 18 जगह स्वास्थ्य जांच केंद्र संचालित किए जाएंगे।