चारधाम यात्र के दौरान वाहनों के संचालन को एडवाइजरी जारी
देहरादून। चारधाम यात्र के दौरान वाहनों के संचालन को लेकर परिवहन मुख्यालय ने डूज और डोंट की एडवाइजरी जारी की है। इसमें स्पष्ट किया गया कि हवाई चप्पल पहनकर वाहन कतई न चलाएं। साथ ही ये भी स्पष्ट किया कि पर्वतीय मार्गों पर रात 10 बजे से सुबह चार बजे के बीच यात्र प्रतिबंधित रहेगी। पर्वतीय मार्गों पर अकुशल एवं अप्रशिक्षित वाहन चालक के साथ यात्र न करें।ओवर स्पीड न करें, प्राइवेट वाहन को किराये पर लेकर यात्र न करें।चालक लगातार स्टेयरिंग डड्ढूटी न करे, विश्राम भी करे। पर्वतीय मार्गों पर रात 10 बजे से सुबह चार बजे तक वाहन संचालन प्रतिबंधित है।यात्र में पदनाम के बोर्ड, सायरन, हूटर, लाल, पीली, नीली बत्ती, प्रेशर हॉर्न, मल्टी टोन हॉर्न व फैंसी लाइट लगाना प्रतिबंधित है। वाहनों को प्राकृतिक स्रोतों के पानी में नहीं धोएं। वाहन खाई की ओर पार्क नहीं करें।यात्र के लिए पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर पंजीकरण, ट्रिपकार्ड जरूर लें।यात्र में संचालित सभी कॉमर्शियल वाहनों का ग्रीनकार्ड भी जरूरी है।वाहन के सभी प्रपत्र आरसी, फिटनेस, बीमा, प्रदूषण, परमिट, उत्तराखंड में मोटर वाहन का कर जमा करा प्रमाणपत्र, चालक का लाइसेंस, ग्रीन कार्ड, ट्रिपकार्ड, यात्री सूची की वैध मूल प्रमाण प्रति साथ रखें।चालक के लाइसेंस में पर्वतीय मार्गों का पृष्ठांकन जरूरी है।यात्र मार्गों पर एक धाम की यात्र तीन दिन, दो धाम की पांच दिन, तीन धाम की यात्र सात दिन, चारधाम की यात्र के लिए 10 दिन की अवधि निर्धारित है। चालक-परिचालक वर्दी पहनें। यात्र शुरू करते समय व वापसी में यात्र चेकपोस्ट पर वाहन की प्रविष्टि जरूर कराएं।