बेकाबू हो रही वनाग्नि पर एक्शन में धामी सरकारः फायर सीजन तक वन विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द
कुमाऊं और गढ़वाल मंडल के जंगलों में 575 वनाग्नि की घटनाओं में करीब 690 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वन जले
नैनीलात(उद संवाददाता)। उत्तराखंड में विकराल होती जंगलों की आग ने चिंता बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए वन विभाग के अधिकारियों का सख्त दिशा निर्देश दिये है। इसके साथ ही फायर सीजन तक वन विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टिðयां रद्द कर दी गई हैं। शनिनार को हल्द्वानी पहुंचे जहां उन्होंने एफटीआई सभागार में वनाग्नि को लेकर वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। इसके साथ ही सीएम धामी ने पेयजल किल्लत को लेकर भी जल संस्थान के अधिकारियों को व्यवस्था करने के निर्देश दिए। अधिकारी आपसी समन्वय के साथ काम करें। वहीं बैठक से पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी ने नैनीताल में वनाग्नि प्रभावित क्षेत्रों का हवाई निरीक्षण किया। प्रदेश में जंगलों में आग की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। कुमाऊं मंडल में सबसे ज्यादा आग की घटनाएं सामने आ रही हैं। बैठक में कुमाऊं कमिश्नर और जिलाधिकारी सहित कई प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। साथ ही अल्मोड़ा, चंपावत समेत अन्य जिलों के अधिकारी वर्चुअल जुड़े। सीएम धामी ने हल्द्वानी में वनाग्नि की रोकथाम व पेयजल व्यवस्था के संबंध में बैठक के दौरान अधिकारियों को वनाग्नि से निपटने के लिए धरातल पर कार्य करने के निर्देश दिए। आग लगने पर जिलाधिकारी व संबंधित विभाग के अधिकारी, कर्मचारी भी अपनी जिम्मेदारी सुनिश्चित करते हुए प्रभावित वन क्षेत्र पहुंचकर सामंजस्य के साथ आग पर काबू पाने में अपना सहयोग दें। सभी अधिकारियों की छुट्टियों को रद्द कर दिया गया है। साथ ही वनाग्नि को रोकने के लिए स्थानीय संगठनों, स्वयं सहायता समूहों के साथ मिलकर जनजागरुकता फैलाने और जंगलों में आग लगाने वाले लोगों पर कठोर कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया। वनाग्नि रोकने में सहयोग कर रहे ग्रामीणों को चिन्हित कर वन विभाग द्वारा सम्मानित भी किया जाए। अधिकारी ग्रीष्मकाल में पेयजल की समस्या का समाधान करने के लिए प्रभावी व्यवस्था बनाने के साथ ही टैंकरों से जलापूर्ति व पेयजल लाइनों की समुचित मरम्मत सुनिश्चित करें। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सभी विभागों के अधिकारी आपसी समन्वय के साथ काम करें। इसके अलावा जंगलों में आग बुझाने के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टर की भी मदद ली जा रही है।
जंगलों में लगी आग ने सरकार और वन विभाग की चिंता बढ़ाई
हल्द्वानी। कुमाऊं मंडल के जंगलों में लगी आग ने सरकार और वन विभाग की चिंता बढ़ाई हुई है। शनिवार की सुबह नैनीताल से लगे जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए वन विभाग ने वायुसेना के हेलिकॉप्टर की मदद लेना शुरू कर दिया है। वायुसेना का हेलिकॉप्टर शनिवार की सुबह 7 बजे से भीमताल झील से कई बार पानी भरकर जंगल में लगी आग बुझाने में लगा हुआ है। हेलीकॉप्टर के भीमताल झील में पानी भरकर ले जाने से भीमताल का पर्यटन कारोबार प्रभावित रहा। भीमताल में नौकायन, पैराग्लाइडिंग, कायकिंग, जॉरबिंगका संचालन नहीं हो पाया। इससे कारोबारियों को आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचा है। पिछले 24 घंटे में एक-दो नहीं बल्कि कुमाऊं के जंगलों में 26 जगहों पर आग लगी है। प्रदेश के 31 जगहों पर आग लगने की घटना हुई है, इसमें सर्वाधिक आग लगने की घटना कुमाऊं में 26 स्थानों पर हुई। गढ़वाल मंडल के वन्यजीव क्षेत्र में पांच स्थानों पर आग लगने की घटनाएं हुईं। इन घटनाओं में करीब 34 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वनसंपदा को नुकसान पहुंचा है। वहीं प्रदेश में नवंबर-2023 से 575 वनाग्निन की घटनाएं हुआ हैं, इसमें करीब 690 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वनसंपदा को नुकसान पहुंच चुका है।