तराई क्षेत्र में शासन प्रशासन के संरक्षण में सीलिंग भूमि की हो रही बंदरबांटः बेहड़
पंतनगर विवि की 500 एकड़ भूमि को दिल्ली के एक कालोनाईजर के हवाले करने की भी चर्चा
रूद्रपुर (उद संवाददाता)। तराई क्षेत्र में शासन प्रशासन के संरक्षण में कुछ कालोनाईजर सीलिंग भूमि को हड़पने के कार्य में जुटे हुए हैं। यहां अपने कार्यालय में पत्रकारों के रूबरू होते किच्छा के विधायक तिलकराज बेहड़ ने यह आरोप लगाते हुए कहा कि आज कई स्थानों पर कुछ कालोनाईजर सीलिंग की भूमि की बंदरबांट कर अवैध रूप से कालोनियां काटने में जुटे हुए हैं। जिनमें सत्तारूढ़ दल के कुछ नेता व प्रशाासनिक अधिकारी भी हिस्सेदार हैं। उन्होंने कहा कि एक कालोनाईजर एक ही प्लॉट को कई बार बेच कर लोगों की मेहनत की कमाई के लाखों रूपये हड़प रहा है। पीड़ित व्यक्ति शासन प्रशासन की चौखट पर न्याय के लिए भटक रहे हैं लेकिन उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। श्री बेहड़ ने कहा कि वर्तमान में फाजलपुर की सीलिंग भूमि का मामला काफी चर्चाओं में है। बताया जाता है कि जिस व्यक्ति ने तराई को बसाने में अहम भूमिका निभाई उसी के कुछ परिजन निजी स्वार्थ के चलते सत्ता का सहारा लेकर सीलिगं भूमि को सीलिंग से बाहर करने की कोशिश में लगे हुए हैं। जबकि वहां पर पहले से बसे लोगों को मालिकाना हक दिया जाना चाहिए। अपने हक की रक्षा के लिए यहां के निवासी न्यायालय की शरण में जाने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाजपुर के 20 गांव के लोग भी न्याय के लिए वर्षों से आन्दोलन कर रहे हैं। श्री बेहड़ ने कहा कि लालपुर व किच्छा क्षेत्र की सीलिंग भूमि पर कालोनाईजरों निगाह लगी हुई है। जिसके लिए प्रदेश सरकार, सत्तारूढ़ दल के कुछ नेता, क्षेत्र के प्रशासनिक व विभागीय अधिकारी पूरा सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रामनगर में 12 एकड़ सीलिंग भूमि जो राणा सिन्हा के नाम है पर भी कालोनाईजरों की नजर लगी हुई है यह भूमि सरप्लस होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पंतनगर विवि की 500 एकड़ भूमि को दिल्ली के एक कालोनाईजर के हवाले करने की भी चर्चाएं चल रही हैं। श्री बेहड ने आरोप लगाते हुए कहा कि सीलिंग भूमि को खुर्दबुर्द करने के लिए बडे स्तर पर खेल खेले जा रहे हैं। भाजपा नेता कहते है कि बाहरी लोगों को राज्य में जमीन नहीं खरीदने दिया जायेगा जबकि सरकार के संरक्षण में बाहरी कालोनाईजरों को यहां की भूमि सौंपी जा रही है। जिसकी जांच कराया जाना जरूरी हो गया है।