उत्तराखंड को अब नहीं बनने दिया जायेगा बदमाशों की शरणस्थली: अभिनव कुमार
डीजीपी ने किया ईनामी शूटर के एनकाउंटर का खुलासाः बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड के षडयंत्रकारियों का होगा पदार्पफाश
देहरादून (उद संवाददाता)। हरिद्वार के भगवानपुर इलाके में सोमवार देर रात पुलिस और एसटीएफ की संयुत्तफ कार्रवाई में नानकमत्ता डेरा प्रमुख तरसेम सिंह की हत्या करने वाले दो आरोपियों के साथ मुठभेड़ हुई थी, जिसमें एक आरोपी अमरजीत की एनकाउंटर में मौत हो गई, जबकि दूसरा आरोपी फरार हो गया। उत्तराखंड के डीजीपी ने मंगलवार को इस एनकाउंटर की पूरी जानकारी दी। डीजीपी अभिनव कुमार ने कोर्ट रोड स्थित सरदार पटेल भवन में प्रेस कॉन्फ्रेस कर मीडिया को बताया कि उत्तराखंड पुलिस अपराधियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने के तत्पर रही है। उत्तराखंड को अब बदमाशों की शरणस्थली नहीं बनने दिया जायेगा। उन्होंने मीडिया से वार्ता के दौरान बताया कि सोमवार देर रात्रि एसटीएफ टीम ने एसएसपी हरिद्वार को उधम सिंह नगर के नानकमत्ता गुरुद्वारा के बाबा तरसेम सिंह की हत्या में वांछित इनामी बदमाशों के सहारनपुर से हरिद्वार के भगवानपुर कलियर होकर उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जाने की गुप्त सूचना दी। इस पर पूरे हरिद्वार जनपद में जगह-जगह एसटीएफ टीमों के साथ संयुत्तफ रूप से चेकिंग अभियान चलाया गया। उन्होंने बताया कि इसी दौरान रात लगभग 12ः30 बजे मुखबिर की सूचना पर थाना भगवानपुर क्षेत्रांतर्गत गागलहेडी तिराहे के चेकिंग पॉइंट पर मोटरसाइकिल से आ रहे दो संदिग्ध बदमाशों को पुलिस टीम ने रोकने का प्रयास किया तो दोनों बदमाश नहीं रुके और पुलिस टीम से बचते हुए तेजी से भगवानपुर से इमलीखेड़ा-कलियर की तरफ भागे, जिस पर कलियर संयुत्तफ पुलिस टीम द्वारा मार्ग में रोकने पर छंगा माजरी तिराहे से छंगा माजरी गांव की ओर मुड़ गए। जहां कुछ दूरी पर पुलिस टीमों ने इन दोनों बदमाशों को घेर लिया। पुलिस से घिर जाने पर इन बदमाशों ने पुलिस टीम पर फायर किया, जिस पर पुलिस की जवाबी कार्रवाई में एक बदमाश को गोली लगी, जबकि दूसरा बदमाश अंधेरे का फायदा उठाकर मौके से भाग गया, जिसकी सरगर्मी से तलाश जारी है। डीजीपी ने बताश कि घायल बदमाश को तुरंत रुड़की सिविल अस्पताल भिजवाया गया, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। एसटीएफ टीम द्वारा तस्दीक किए जाने पर मृतक का नाम अमरजीत सिंह उर्फ बिटट् पुत्र सुरेंद्र सिंह पता फतेहगढ़ चूड़ियां रोड नगलीभटा अमृतसर, पंजाब है जो 100000 रुपये का इनामी था और उधमसिंह नगर के नानकमत्ता गुरुद्वारे के बाबा तरसेम सिंह की हत्या में वांछित था। अमरजीत सिंह उर्फ बिटटू की उम्र लगभग 48 वर्ष थी। पुलिस को इसके पास से 32 बोर की एक पिस्टल, जिंदा कारतूस 3, खोखा कारतूस 3 के साथ घटना में प्रयुत्तफ स्प्लेंडर मोटरसाइकिल भी बरामद हुई है। डीजीपी ने कहा कि बाबा तरसेम सिंह की हत्या के बाद कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। कुछ के खिलाफ जांच चल रही है। उन्हें मारने के लिए बदमाश सुपारी देकर बुलाए गए थे। बाबा की हत्या के पीछे जमीन का लेनदेन होने की बात सामने आई थी, लेकिन असल वजह कुछ और भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि पंजाब में लंबे समय से ड्रग्स माफिया, कबूतरबाजी करने वाले लोग और वित्तीय अपराध से जुड़े लोगों के गिरोह चल रहे हैं। इस बात से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है कि उनकी हत्या इनमें से किसी गिरोह का काम हो। हालांकि, अभी पुलिस की जांच पूरी नहीं हुई है। जांच पूरी होने के बाद ही डीजीपी ने कुछ ठोस जानकारी देने की बात कही। उन्होंने कहा कि तमाम ऐसे पहलू हैं जिन पर पुलिस काम कर रही है जल्द ही बड़ा खुलासा किया जाएगा। इस मामले में डीजीपी ने किसी के नाम का खुलासा नहीं किया। लेकिन कहा कि इसके पीछे किसी बड़े आदमी का हाथ हो सकता है। उसकी बाबा से अदावत हो सकती है या फिर कोई और वजह। इसकी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि असल साजिशकर्ताओं के नामों का खुलासा भी जल्द किया जाएगा। प्रेस कॉन्फ्रेस में उत्तराखंड के डीजीपी के साथ अपर पुलिस महानिदेशक ;अपराध एवं कानून व्यवस्थाद्ध ए पी अंशुमान, पुलिस महानिरीक्षक नीलेश आनंद भरणे, गढ़वाल परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक करण सिंह नगन्याल और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल मौजूद रहे।