उत्तराखंड में ‘निर्दलीय’ प्रत्याशी ने ‘टिहरी’ के मुकाबले को बनाया ‘त्रिकोणीय’

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देहरादून। उत्तराखंड में आमतौर पर यह माना जाता है कि यहां लोकसभा एवं विधानसभा के चुनाव में मुख्य मुकाबला अमूमन भाजपा और कांग्रेस के बीच में ही रहता है तथा बसपा, सपा, भाकपा एवं निर्दलीय सहित राज्य के क्षेत्रीय राजनीतिक दल किसी सीट विशेष पर ही अपना दमखम दिखा पाते हैं, वह भी विधानसभा के चुनाव में। सूबे के पिछले दो दशक के चुनावी इतिहास में ऐसा उदाहरण काम ही देखने को मिलता है, जब किसी संसदीय सीट पर भाजपा और कांग्रेस से इतर किसी अन्य राजनीतिक दल अथवा निर्दलीय प्रत्याशी ने कोई बड़ा उलटफेर किया हो, मगर इस दफे राज्य की टिहरी संसदीय सीट पर युवा निर्दलीय प्रत्याशी बॉबी पंवार ने आम चुनाव में युवाओं के मुद्दों को उठाकर, दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा एवं कांग्रेस के प्रत्याशियों की पेशानी पर चिंता की लकीरें पैदा कर दी हैं । टिहरी संसदीय सीट को सामान्यतः राज परिवार के घर की सीट माना जाता है और यह विश्वास किया जाता है कि अगर इस सीट पर राज परिवार का कोई सदस्य चुनाव लड़ा तो उसका जीतना तय है। पिछले आम चुनाव में यह धारणा और भी मजबूत हुई ,जब भाजपा प्रत्याशी एवं राज परिवार की सदस्या माला राजलक्ष्मी शाह ने कांग्रेस उम्मीदवार प्रीतम सिंह को तकरीबन 3 लाख से अधिक मतों से पराजित कर दिया। भाजपा ने इस दफे भी माला राजलक्ष्मी शाह को अपना उम्मीदवार बनाया है वहीं कांग्रेस ने जोत सिंह गुनसोला अपना प्रत्याशी घोषित किया है। इसके अलावा बसपा सहित 9 अन्य प्रत्याशी भी टिहरी सीट पर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। शुरुआती दौर में यह माना जा रहा था कि टिहरी सीट पर मुख्य मुकाबला परंपरा अनुसार भाजपा और कांग्रेस के बीच में ही होगा ,लेकिन बेरोजगार आंदोलन से चर्चा में आए बॉबी पंवार ने बेरोजगारी एवं युवाओं से संबंधित अन्य अहम मुद्दों की बात छेड़ कर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। बताना होगा कि निर्दलीय प्रत्याशी बॉबी पंवार को युवाओं का व्यापक समर्थन मिल रहा है और युवा बॉबी के पक्ष में खुलकर बोल भी रहे हैं साथ ही भाजपा और कांग्रेस एवं उनके प्रत्याशियों को युवाओं के मुद्दों को लेकर कटघरे में भी खड़ा कर रहे हैं । दूसरी ओर भाजपा एवं कांग्रेस का कोर वोटर अभी खामोश है ,जिससे दोनों ही राजनीतिक दलों के उम्मीदवारी उम्मीदवारों की बेचौनी बढ़ती जा रही है।बात टिहरी संसदीय क्षेत्र के मजबूत प्रत्याशियों की करें, तो भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी माला राजलक्ष्मी शाह टिहरी से तीन बार संसद पहुंच चुकी हैं और चौथी दफा जोर आजमाइश कर रही हैं ।वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी गुनसोला दो बार मसूरी पालिकाध्यक्ष रहने के साथ ही दो बार मसूरी से विधायक भी रहे हैं ।वे मूलरूप से प्रतापनगर विधानसभा क्षेत्र के हैं, जो क्षेत्र कभी लाल माटी के नाम से मशहूर हुआ करता था।उधर, निर्दलीय प्रत्याशी बॉबी पंवार उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष हैं और बेरोजगार आंदोलन के दौरान चर्चाओं में आए आए थे ।वे चकराता क्षेत्र के रहने वाले हैं। खास बात यह है कि पंवार को उक्रांद ने भी समर्थन दिया है । मोटे तौर पर देखें तो इन तीनों प्रत्याशियों का अपने-अपने क्षेत्रों में अच्छा खासा जनाधार  है और टिहरी सीट पर मुख्य लड़ाई भी इन्हीं तीनों प्रत्याशियों के बीच में होती दिख पड़ रही है ।यद्यपि टिहरी सीट पर बसपा ने नेमचंद छुरियाल को अपना प्रत्याशी बनाया है, लेकिन बसपा उम्मीदवार फिलहाल चुनाव में कोई विशेष प्रभाव छोड़ते नहीं दीख पड़ते। टिहरी के रण में भाजपा और कांग्रेस जहां अपने काडर वोट के बूते मैदान में हैं, वहीं बेरोजगार और युवा समर्थक बॉबी का हौसला बढ़ा रहे हैं ।टिहरी संसदीय सीट पर जीत हार का समीकरण संतुलित करने में देहरादून की सात विधानसभा क्षेत्रों के वोटरों का भी बड़ा अहम रोल रहता है और जो प्रत्याशी यहां से बढ़त बना लेता है ,संसद के लिए उसकी राह आसान हो जाती है । देहरादून की सात सीटों पर सवा आठ लाख तो टिहरी और उत्तरकाशी जिले के सात विधानसभा क्षेत्रों में साढ़े सात लाख वोटर हैं । मौजूदा समय में संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली 14 विधानसभा सीटों में से 11 भाजपा, दो कांग्रेस और एक पर निर्दलीय विधायक हैं ।फिलहाल भाजपा, कांग्रेस और निर्दलीय प्रत्याशी की वजह से यहां मुकाबला रोचक बेहद दिलचस्प नजर आ रहा है ।तीनों ही प्रत्याशी अपने-अपने तरीके से मतदाताओं को लुभाने का प्रयास कर रहे हैं ।भाजपा प्रत्याशी प्रधानमंत्री मोदी के विजन को जनता तक पहुंचाने के साथ- साथ भारत सरकार की लाभार्थी योजनाओं को भी अपने प्रचार के दौरान जमकर प्रचारित कर रही हैं ।इसके अतिरित्तफ वे गंगोत्री और यमुनोत्री के सर्वांगीण विकास, देहरादून से  टिहरी झील तक टनल परियोजना को मूर्त रूप देने, ऑलवेदर रोड परियोजना के बाकी बचे हुए कार्य को शीघ्र पूर्ण करने तथा टिहरी झील का विकास कर उसे अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने का आश्वासन दे रही हैं। वहीं, निर्दलीय प्रत्याशी बॉबी पंवार रोजगार ,सुरक्षा कानून, अग्नि वीर योजना को समाप्त करने ,पुरानी पेंशन की बहाली एवं वास्तविक ग्राम स्वराज की स्थापना जैसे वादों के आधार पर युवाओं को अपने पक्ष में लामबंद करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा कांग्रेस प्रत्याशी गुनसोला विगत दिनों कांग्रेस द्वारा जारी घोषणा पत्र की न्याय योजनाओं को अब बड़े ही जोर शोर से प्रचारित कर रहे हैं। साथ ही ,वे स्थानीय मुद्दों जैसे पलायन से खाली होते पहाड़, वन्य जीवों के हमले और खेती को नुकसान, अंकिता भंडारी हत्याकांड, भू कानून और मूल निवास, अग्नि वीर भारती योजना को युवाओं के साथ छलावा बताने आदि के आधार पर भी मतदाताओं का ध्यान अपनी ओर खींचने का प्रयास कर रहे हैं।

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