मोदी की गांरटी और विकसित भारत के मुद्दे पर चुनावी मैदान में उतरे मोदी : सीरियस पॉलिटिक्स करते नजर आ रहे हैं राहुल गांधी
नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान हो गया है। इस बार भी सात चरणों मं मतदान होगा। 19 अप्रैल को पहले चरण की वोटिंग होगी वहीं सातवें चरण की वोटिंग 1 जून को होगी। इस के साथ 4 जून को मतगणना की जाएगी। सभी राजनीतिक पार्टियां अपने -अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। एक तरफ नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार एनडीए 400 के पार का टारगेट लेकर चल रही है तो वहीं दूसरी और विपक्षी पार्टियां इंडिया गठबंधन कर बीजेपी के विजय रथ को रोकने की तैयारी कर रही है। इस बार के लोकसभा चुनाव में कई ऐसे राजनीतिक चेहरे हैं, जिन पर देशभर के लोगों की नजर हैं। फिर चाहें पीएम मोदी हो या राहुल गांधी या फिर ओवैसी। हर कोई इस बार के चुनाव में अपनी-अपनी पार्टी के लिए लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटा है। पूरी तरह से अपने मजबूत राष्ट्रवाद के ब्रांड को आगे बढ़ाते हुए पीएम मोदी अपनी मोदी की गांरटी और विकसित भारत के मुद्दे पर अपनी पार्टी बीजेपी का इस चुनाव में नेतृत्व कर रहे हैं। मोदी वाराणसी से चुनावी मैदान में उतरे हैं।बीजेपी के चुनावी रथ के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह भी बीजेपी की बड़ी जीत के लिए आश्वस्त नजर आ रहे हैं। मोदी सरकार 2.0 में गृह मंत्री बनकर अमित शाह ने देश में कई बड़े मुद्दे उठाए हैं। 59 साल के अमित शाह एक बार फिर चुनावी मैदान में है। गुजरात की गांधीनगर सीट से वो चुनाव लड़ रहे हैं।राहुल गांधी कुछ समय से सीरियस पॉलिटिक्स करते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस अपने पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को पार्टी के लिए ‘वैचारिक धुरी’ कहती है. कन्याकुमारी से कश्मीर तक की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ ने उनकी छवि में बदलाव किया, लेकिन राज्यों के विधानसभा चुनावों में हार ने इस पर सवालिया निशान लगा दिया है कि उनकी यात्रा कितनी प्रभावी थी। अपनी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के साथ, 53 वर्षीय गांधी फिर से लोगों के लिए ‘न्याय’ सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जनता के बीच हैं। यह लोगों को पसंद आएगा या नहीं, यह सिर्फ समय ही बताएगा।मल्ल्कार्जुन खड़गे पार्टी कार्यकर्ता और कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे कर्नाटक से सांसद है। उनके नेतृत्व में यह कांग्रेस का पहला लोकसभा चुनाव होगा। अक्टूबर 2022 में उन्हें पार्टी की कमान मिली। ममता बनर्जी 69 वर्षीय बनर्जी बीजेपी का जोरदार मुकाबला कर रही है और भगव पार्टी के साथ द्वंद में उलझी हुई है। जब भी विपक्षी पार्टियों के साथ गठबंधन की बात आती है तो उनका मंत्र एक ला चलो होता है, लेकिन वह बीजेपी के विरोध में वैचारिक मुद्दे पर दृढ़ दिखती है। इस बार टीएमसी क्या खास करेगी आने वाला वक्त बताएगा। नीतीश कुमार बिहार में आसानी से सत्ता पर बने रहने और पाला बदलने के मशहूर नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एक और पलटवार किया है। 73 साल के नेता का एनडीए में जाना, इंडिया ब्लॉक केलिए बड़ा झटका साबित हुआ। इस बार लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार की पाला बदल राजनीति के चलते जेडीयू को बिहार में कितना साथ मिलता है, यह देखने वाली बात होगी। शरद पवार 83 साल के नेता शरद पवार अपने करियर के आखिरी पड़ाव में सबसे कठिन लड़ाई लड़ रहे हैं। जानकारों के मुताबिक वह भी महाराष्ट्र में एनडीए के लिए कांटा साबित हो सकते हैं। वह भाजपा को कड़ी चुनौती देने के लिए महाविकास अघाड़ी के साथ मिलकर कुछ कमाल कर सकते हैं। एमके स्टालिन द्रमुक सुप्रीमो एके स्टालिन ने तमिलनाडु में अपना प्रभुत्व स्थापित किया है और दक्षिणी राज्य में भाजपा के आक्रमण को कड़ा प्रतिरोध देने का काम किया है। वामपंथियों को साथ लेकर कांग्रेस को साथ लेकर स्टालिन से तमिलनाडु में विपक्षी गुट को जरुरी चुनावी बढ़त दिलाने की उम्मीद है। 71 साल के स्टालिन भी गांधी परिवार के कट्टर समर्थक है, लेकिन उनकी पार्टी के नेताओं की सनातन धर्म पर विवादास्पद टिप्पणियों ने कई मौकों पर इंडिया गठबंधन को बैकफुट पर ला दिया है और उत्तर में उन्हें नुकसान हो सकता है।तेजस्वी यादव आरजेडी नेता और लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी को नीतीश कुमार का पाला बदल राजनीति से हाल ही में बड़ा झटका लगा है। लेकिन इसके बाद से इंडिया गठबंधन में उनका कद बढ़ गया है। 34 साल के तेजस्वी ने बिहार में विपक्षी गुट का उत्साहपूर्वक नेतृत्व किया है। कई लोग उन्हें बिहार में लालू प्रसाद की विरासत के सक्षम उत्तराधिकारी के रुप में देखते हैं। जमीन पर लोगों के साथ अपने अच्छे व्यवहार से एनडीए के गणित को बिगाड़ पाएंगे या नहीं बाद में पता चलेगा। असदुद्दीन ओवैसी एआईएमआईएम के प्रमुख ओवैसी ने अक्सर राज्य चुनावों में विपक्षी गुट के लिए बिगाड़ने की भूमिका निभाई है। कुछ नेताओं ने उन्हें भाजपा की बी-टीम करार दिया है। 54 साल के ओवैसी इस बार के लोकसभा चुनावों में भी कई राज्यों में उम्मीदवारों की घोषणा कर सकते हैं। हालांकि इस चुनाव में वह क्या खास करेंगे ये देखने वाली बात होगी।