लोकसभा चुनाव 2024 का हुआ शंखनादः मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा: भारत में 2024 का चुनाव पर्व दुनिया के लिए भी चुनावों का साल

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इस बार 18 से 19 वर्ष के 1.8 करोड़ पहली बार करेंगे मतदाता : करीब 50 करोड़ पुरुष 47 करोड़ से ज्यादा महिलाएं , 88.40 लाख दिव्यांग, 19.01 लाख सैनिक सुरक्षा कर्मी, 48000 थर्ड जेंडर वोटर्स है
नई दिल्ली (उद ब्यूरो ) । लोकसभा के लिए निर्वाचन आयोग (ईसी) चुनाव कार्यक्रम का एलान कर रहा है। इसके साथ ही देशभर में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई। संभावना है कि 543 सीटों के लिए सात या आठ चरणों में मतदान कराया जाएगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, “यह हम लोगों के लिए ऐतिहासिक क्षण है। 2024 दुनिया के लिए भी चुनावों का साल है। दुनिया के सबसे बड़े और सबसे जीवंत लोकतंत्र के रूप में भारत पर सभी का ध्यान केंद्रित रहता है। लोकतंत्र के रंग यहां उभरते हैं और सभी हिस्सों का इसमें समावेश होता है। हमारा वादा है कि हम चुनाव इस तरह कराएंगे जो देश की चमक को बढ़ाएगा। 17वीं लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को खत्म हो रहा है। जम्मू-कश्मीर में भी विधानसभा चुनाव होना बाकी हैं।”  हमने पिछले एक साल में नए वोटरों को जोड़ने पर बहुत मेहनत की है। इस बार 18 से 19 वर्ष के 1.8 करोड़ मतदाता होंगे। 20 से 29 साल उम्र के 19.74 करोड़ मतदाता होंगे। 82 लाख मतदाता ऐसे हैं, जिनकी उम्र 85 साल से ज्यादा है। राजीव कुमार ने कहा कि भौगोलिक, सांस्कृतिक रूप से विविध इस देश के सबसे बड़े चुनाव के लिए हमने दो वर्ष तक तैयारी की है। हमारे पास 97 करोड़ मतदाता हैं। यह संख्या अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया के कुल मतदाताओं से कहीं ज्यादा है। हमारे पास 10.5 लाख मतदान केंद्र हैं, जिनकी जिम्मेदारी डेढ़ करोड़ लोगों के पास होती है। 55 लाख ईवीएम हैं। चुनाव आयोग अब तक 17 आम चुनाव और 400 से ज्यादा विधानसभा चुनाव करा चुका है। पिछले 11 चुनाव शांतिपूर्ण रहे हैं। अदालती मुकदमे कम हुए हैं।
सीईसी राजीव कुमार ने कहा कि 16 जून को लोकसभा का कार्यकाल पूरा होगा. हमारा हर चुनाव चुनौती और परीक्षा होता है. सीईसी राजीव कुमार ने कहा कि करीब 50 करोड़ पुरुष 47 करोड़ से ज्यादा महिलाएं मतदान करेंगे। 1.8 करोड़ पहली बार मतदाता, 88.40 लाख दिव्यांग, 19.01 लाख सैनिक सुरक्षा कर्मी, 48000 थर्ड जेंडर वोटर्स हैं।
सीईसी ने कहा कि चुनाव कराने को लेकर 4 चुनौतियां हैं।” बाहुबल का इस्तेमाल, धनबल, झूठी खबर और एमसीसी का उल्लंघन. उन्होंने कहा कि हम हिंसा मुक्त चुनाव करवाना चाहते हैं, लिहाजा इलेक्शन के दौरान कोई भी खून-खराबा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को समाचार पत्रों और अन्य मीडिया आउटलेट्स में तीन बार जानकारी प्रकाशित करनी होगी।” राजनीतिक दल को यह बताना होगा कि उन्होंने आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार को टिकट क्यों दिया।

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