बड़ी खबर… भारत में आज रात से लागू हो सकता है नागरिकता संशोधन कानून !
केंद्र सरकार चुनाव से पहले जारी कर सकती है नोटिफिकेशन, 21 दिसंबर 2019 को भारत के राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होने के साथ ही यह एक कानून बन गया
नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कुछ ही दिनों में हो सकता है। ऐसे में केंद्र सरकार देश में नागरिकता संशोधन कानून लागू करने जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आज सोमवार रात को केंद्र सरकार की तरफ से इसका नोटिफिकेशन जारी हो सकता है. इसके बाद आज से ही देश में नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए लागू हो जाएगा। दरअसल,सीएए संसद से पारित हुए करीब पांच साल बीत चुके हैं। अब केंद्र सरकार आगामी लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले सीएए को देश में लागू करने जा रही है। गृह मंत्री अमित शाह अपने चुनावी भाषणों में कई बार नागरिकता संशोधन कानून या सीएए को लागू करने की बात कर चुके हैं। उन्होंने ऐलान किया था कि लोकसभा चुनाव से पहले इसे लागू कर दिया जाएगा। ऐसे में सूत्रों का कहना है कि गृह मंत्रालय की तरफ से इसे लागू करने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और अब इसका नोटिफिकेशन जारी हो सकता है।
भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (सीएए) एक सच्चाई है और इसे लागू किया जाएगा। पश्चिम बंगाल में एक जनसभा में उन्होंने यह बात कही, जिसके बाद सीएए का विवाद फिर से खड़ा होने की आशंका है। हांलाकि विपक्ष दलों द्वारा इस कानून को विवादित करार देते हुए बीजेपी सरकार पर विवाद बढ़ाने का आरोप लगाया जाता रहा है। नागरिकता संशोधन कानून में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्मों के प्रवासियों के लिए नागरिकता के नियमों को आसान बनाया गया है। लेकिन इस कानून से मुसलमानों को बाहर रखा गया है. पहले किसी व्यक्ति को भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए कम से कम 11 साल देश में रहना अनिवार्य था जिसे घटाकर 6 साल किया गया है.सीएए विधेयक को पहली बार 19 जुलाई 2016 को लोकसभा में पेश किया गया और 12 अगस्त 2016 को संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा गया। 8 जनवरी 2019 को विधेयक को लोकसभा में पास किया गया लेकिन यह राज्यसभा में पेश नहीं किया जा सका। उसके बाद सरकार ने नए सिरे से इसे लोकसभा में पेश किया। 9 दिसंबर 2019 को लोकसभा में इसे पास किया गया और दो दिन बाद विधेयक राज्यसभा में भी पास हो गया। 21 दिसंबर 2019 को भारत के राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होने के साथ ही यह एक कानून बन गया।