उत्तराखंड कांग्रेस में भी तेज हुई प्रत्याशियों के लिए लॉबिंगः पूर्व सीएम हरीश रावत ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, अल्मोड़ा लोकसभा क्षेत्र से लड़ें यशपाल,प्रदीप टम्टा स्वाभाविक दावेदार

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देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने कहा कि अल्मोड़ा लोकसभा क्षेत्र से मेरी इच्छा है कि नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य चुनाव लड़ें। उनके न लड़ने की स्थिति में प्रदीप टम्टा एक स्वाभाविक दावेदार हैं। दोनों की जीत के लिए काम करना मेरा धर्म है। 2019 में चुनाव प्रबंधन के अभाव में पार्टी का वोट बैंक घटा है। हांलाकि उनके इस पोस्ट को लेकर कई मायने भी निकाले जा रहे है। पूर्व सीएम हरीश रावत की सीट को लेकर भी चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। भाजपा ने जहां अपने तीन लोकसभा सीटों से प्रत्याशियों का ऐलान कर दिग्गज नेताओं को दाबोरा सियासी मैदान में उतार दिया है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी तीन तीन नामों का पैनल हाईकमान को भेजेगी। जिसके बाद उम्मीदवारों की लिस्ट जारी हो सकती है। हरीश रावत ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, चुनाव में इस बार की चुनौती और कठिन है। इसे लेकर मैंने चुनाव प्रबंधन को लेकर चिंता व्यक्त की थी। उस पर मैं अब भी कायम हूं। मुझे उसकी याद दिलाने की किसी को भी आवश्यकता नहीं पड़ेगी। कांग्रेस पार्टी पांचों लोकसभा संसदीय सीटों पर अच्छा चुनाव लड़ें और जीते।
मेरा एक मासूम सा कथन राजनीतिक प्रतिक्रिया और मीडिया की टिप्पणी का कारक बन गया है। आज का लोकसभा चुनाव अत्यधिक कठिन और असाधारण परिस्थितियों में हो रहा है, बल्कि 2002 का जो पहला चुनाव उत्तराखंड का हुआ था या 2007 का चुनाव जिसमें जनरल ने ही चुनाव लड़ने से और चुनाव प्रक्रिया का नेतृत्व करने से इनकार कर दिया था, उससे भी ज्यादा गंभीर स्थिति में यह चुनाव हो रहा है। यूं 2012 के चुनाव में भी चुनाव प्रबंधन में जो चुनाव प्रचार का काम था उसको मैंने संभाला था। 2014 के लोकसभा चुनाव में हमको राज्य और केंद्र की दोनों एंटी इनकंबेंसीज का सामना करना पड़ा था, उसके बावजूद भी चुनाव प्रबंधन के चलते टक्कर अच्छी हुई थी। 2019 में तत्कालीन अध्यक्ष की अपने चुनाव में व्यस्तता और सीएलपी लीडर की शारीरिक असमर्थता के कारण चुनाव प्रबंधन और चुनाव प्रचार प्रबंधन अच्छा नहीं हो पाया, मैं भी अपने चुनाव में फंसा रह गया और प्रबंधन के अभाव में हमारा वोट बैंक बहुत घट गया। 2017 में हम असाधारण मोदी लहर में अपना वोट बैंक बचाने में सफल रहे, उसका कारण चुनाव प्रबंधन था। 2022 में भी मेरा मानना है कि यदि मैं चुनाव नहीं लड़ता या गणेश गोदियाल जी नहीं लड़ते तो स्थिति में अंतर आता। मगर इस बार की चुनौती और कठिनतर है, इसलिये मैंने चुनाव प्रबंधन को लेकर चिंता व्यक्त की है, उस पर मैं अब भी कायम हूं। अल्मोड़ा लोकसभा क्षेत्र से मेरा ईच्छा है कि श्री यशपाल आर्या जी चुनाव लड़ें, उनके न लड़ने की स्थिति में श्री प्रदीप टम्टा एक स्वाभाविक दावेदार हैं, दोनों की विजय के लिए काम करना मेरा धर्म है। मुझे उसकी याद दिलाने की किसी को भी आवश्यकता नहीं पड़ेगी। हम पांचों लोकसभा संसदीय सीटों पर अच्छा चुनाव लड़ें और जीतें, इसके लिए काम करने के लिए हम श्री करन महरा और श्री यशपाल आर्या जी के नेतृत्व में प्रतिबद्ध हैं। किसी को भी मेरे योगदान पर संदेह करने का अधिकार नहीं है और मैं हमेशा सकारात्मक रहा हूं। हां, बढ़ती उम्र के साथ क्षमता सीमित होती जाती है और पार्टी को चाहिए कि मेरी उपयोगिता व क्षमता का आकलन कर ही मुझसे अपेक्षा करें। यूं भी क्रिकेट की भाषा में कोच और कप्तान को ही फ्रंट से नेतृत्व कर उदाहरण प्रस्तुत करना होता है।

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