उत्तराखंड का आर्थिक सर्वेक्षणः अर्थव्यवस्था का आकार बढ़कर 346.20 हजार करोड़ पहुंचा,प्रति व्यक्ति आय बढ़कर 2 लाख 60 हजार 201 रुपया पहुंच गई

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वेड इन उत्तराखंड डेस्टिनेशन में 150 करोड़ का निवेश: पर्यटन व उद्योगों से मिलेंगे 20 लाख रोजगार
देहरादून। प्रदेश की अर्थव्यस्था ने बहुआयामी छलांग लगाई है। आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट वर्ष 2023-24 सामने आई है, जिसके प्रदेश की विकास दर बढ़कर 7.58 फीसदी पहुंच गई है, जो 2022-23 में 7.03 फीसदी थी।वर्ष 2023-24 में अर्थव्यवस्था का आकार बढ़कर 346.20 हजार करोड़ पहुंच गया है, 2022-23 में इसका आकार 303.78 हजार करोड़ था। उत्तराखंड में प्रति व्यत्तिफ आय में भी 12.64 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। प्रति व्यक्ति आय बढ़कर 2 लाख 60 हजार 201 रुपया पहुंच गई है। साल 22-23 में यही आय दो लाख 30 हजार 994 थी।उत्तराखंड में सेकेंडरी सेक्टर में एक बार फिर बूम देखने को मिला है।अर्थव्यवस्था में सेकेंडरी सेक्टर का सबसे अधिक 46.84 परसेंट का योगदान रहा है। दूसरे नंबर पर टर्सरी सेक्टर यानी की सर्विस सेक्टर रहा है। सर्विस सेक्टर का अर्थव्यवस्था में 43.17» योगदान रहा है। वहीं प्राइमरी सेक्टर यानी एग्रीकल्चर का अर्थव्यवस्था में 9.99» योगदान रहा है। उत्तराखंड में बेरोजगारी दर में भी भारी कमी देखने को मिली है। 21- 22 में उत्तराखंड में 8.4 फीसदी बेरोजगारी दर थी, जो 22 23 में घटकर 4.9 फीसदी रह गई। वहीं बहुआयामी गरीबी में भी भारी गिरावट आई है। साल 2015-16 में उत्तराखंड में बहुआयामी गरीबी की दर 17.67 भेज दी थी जो साल 2019-21 में घटकर 9.67 फीसदी रह गई। उत्तराखंड में 125000 लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य है। इसके विपरीत अभी तक 68 हजार 579 लखपति दीदी बनाई जा चुकी हैं। प्रदेश में वर्ष 2027 तक पर्यटन व इसके सहायक उद्योगों से 20 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। पर्यटन क्षेत्र में 30 हजार करोड़ निवेश का लक्ष्य रखते हुए काम किया जा रहा है। दूसरी ओर वेड इन इंडिया के तहत वेडिंग डेस्टिनेशन विकसित करने के लिए 150 करोड़ का निवेश हो चुका है। आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक, पर्यटन के माध्यम से राज्य की आर्थिकी में 10 बिलियन अमेरिकन डॉलर वार्षिक और राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का कम से कम 15 प्रतिशत योगदान का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत वर्ष 2030 तक पर्यटन क्षेत्र में 40 हजार करोड़ का निवेश और कम से कम 100 पीपीपी मोड की परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। इसमें 2027 तक 30 हजार करोड़ निवेश और 70 पीपीपी परियोजनाओं पर काम शुरू कर दिया गया है। राज्य में पर्यटन और सहायक उद्योगों में कम से कम 30 प्रतिशत महिलाओं की सहभागिता सुनिश्चित करते हुए 20 लाख रोजगार सृजन होगा। पर्यटन व इसके सहायक उद्योगों में 10 लाख कामगारों का कौशल विकास किया जाएगा। पर्यटकों के अधिवास की अवधि चार से पांच दिन बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है। वहीं, गैर धार्मिक प्रयोजन के लिए आने वाले कुल पर्यटकों की संख्या में विदेशी पर्यटकों की संख्या का अनुपात पांच प्रतिशत तक बढ़ाया जाएगा। सोशल मीडिया के माध्यम से भी पर्यटन को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है। निवेश को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन निवेश सहायता केंद्र भी स्थापित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक निवेशक सम्मेलन में राज्य में वेड इन इंडिया को प्रोत्साहन देने का सुझाव दिया था। इसके लिए वेडिंग डेस्टिनेशन पर अब तक 150 करोड़ का निवेश हो चुका है। आने वाले समय में यह और बढ़ेगा। उत्तराखंड के पर्यटन सेक्टर में अगले कुछ सालों में 20 लाख नई नौकरियां आने की संभावना है। धामी सरकार ने पर्यटन क्षेत्र में वर्ष 2030 तक 40 हजार करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा है, जिससे बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है। सरकार ने विधानसभा में बुधवार को प्रस्तुत वर्ष 2023-24 के आर्थिक सर्वेक्षण में पर्यटन सेक्टर को लेकर यह रोडमैप प्रस्तुत किया। उत्तराखंड में पर्यटन और तीर्थाटन तेजी से बढ़ रहे हैं। गतवर्ष चारधाम व हेमकुंड यात्रा पर 50 लाख से अधिक तीर्थयात्री पहुंचे थे। इसके बाद प्रदेश के इंÚास्ट्रक्चर में सकारात्मक बदलाव हुए हैं। जहां सड़कों और राजमार्गों की स्थिति में सुधार आया है वहीं, सैलानियों को बेहतर सुविधाएं देने की दिशा में भी सरकार ने कई कदम उठाए हैं, ऐसे में उत्तराखंड में पर्यटन क्षेत्र के जबरदस्त उछाल आने की संभावना है। इस बीच, सर्वेक्षण में कहा गया है कि उत्तराखंड के सकल घरेलू उत्पाद में पर्यटन सेक्टर का 15 फीसदी योगदान है तथा आगे इसमें और इजाफा होने की संभावनाएं हैं। रिपोर्ट में पर्यटन सेक्टर में महिलाओं का योगदान बढ़ाने पर भी बल दिया गया है। सर्वेक्षण में सरकार ने पर्यटन सेक्टर में जिन 20 लाख नौकरियों की संभावना जताई है, उनमें 30 प्रतिशत योगदान महिलाओं के लिए सुनिश्चित करने की भी जरूरत बताई गई है। उत्तराखंड में पर्यटकों की प्रवास अवधि को चार से पांच दिन तक बढ़ाने की जरूरत है। राज्य में पहुंच रहे अधिकांश पर्यटक कम समय के लिए रुकते हैं। इस वजह से राज्य को अपेक्षित आय की प्राप्ति नहीं हो पाती। ऐसे में पर्यटकों को स्थानीय गतिविधियों में इन्वोल्व कर चार से पांच दिन तक राज्य में ही रोके जाने की जरूरत पर जोर दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पर्यटन सेक्टर से राजस्व को बढ़ाने के लिए विदेशी पर्यटकों पर विशेष फोकस करना होगा। विदेश से आने वाले पर्यटकों की संख्या में पांच प्रतिशत का इजाफा करने का लक्ष्य रखा गया है। गैर धार्मिक पर्यटन को बढ़ाने पर भी फोकस करने को कहा गया है। उत्तराखंड के पर्यटन सेक्टर में बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में इस क्षेत्र में कार्यरत 10 लाख के करीब लोगों के कौशल विकास की जरूरत बताई गई है। इससे पर्यटकों की संख्या में इजाफा होने के साथ ही कामगारों की स्थिति में सुधार का भी अनुमान लगाया गया है। साथ ही इससे पर्यटकों में प्रदेश को लेकर अच्छी छवि भी बनेगी।

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