बिन्दुखत्ता उत्तराखंड की शान और पहचान: हरीश रावत

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पूर्व सीएम ने इंडिया एलायंस के कई नेताओं के साथ किया विधानसभा कूच,बिंदुखत्ता सहित दर्जनों ऐसे खत्तों और गोटों को वन भूमि अतिक्रमण घोषित किया जा रहा
देहरादून(उद संवाददाता)। उत्तराखंड के वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन से जुड़े दलों के प्रतिनिधियों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बुधवार को विधानसभा कूच किया। इस दौरान विभिन्न मांगों से साथ ही अतिक्रमण को लेकर सरकारी आतंक के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। साथ ही राज्य के कई मुद्दों को लेकर बीजेपी सरकार को घेरा। इस मौके पर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया। प्रदर्शन करने वालों में बिन्दुखत्ता संघर्ष समिति, नैनीताल, पथरी एंव अन्य ग्रामवासी भी शामिल हुए। सुबह करीब 11 बजे हरिद्वार रोड स्थित होटल हिम पैलेस के समक्ष इंडिया गठबंधन से जुड़े लोग शामिल हुए और विधानसभा की ओर कूच किया। रिस्पना पुल से पहले बैरिकेडिंग पर पुलिस की ओर से प्रदर्शनकारियों को रोक दिया गया। इस पर सड़क पर ही धरना दिया गया। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि राज्य की धामी सरकार बिन्दुखाता सहित दर्जनों ऐसे खत्तों और गोटों को वन भूमि अतिक्रमण घोषित करके लोगों को बेघर करने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले 7 साल से राज्य के खत्तों, गोटों, पड़ावों, खालों में रहने वाले लोगों का जीवन कठिनतर होता जा रहा है। राज्य सरकार ने बिंदुखत्ता सहित दर्जनों ऐसे खत्तों और गोटों को वन भूमि अतिक्रमण घोषित किया है। एक सरकारी सूची में इनको अतिक्रमणकारी बताया गया है। सरकार ने अब भी उसको वापस नहीं लिया गया है। दूसरी तरफ इन बसासतों में रहने वाले लोग राजस्व गांव के दर्जे की मांग कर रहे हैं। इनके साथ पथरी में रहने वाले भी भूमिधरी अधिकार मांग रहे हैं। गैंडीखत्ता में बसाये गये वन गुर्जर भी भूमि धरी अधिकार मांग रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे बहुत सारे लोग हैं, जिनको पिछले कुछ वर्षों के अंदर अतिक्रमणकारी बताकर उनसे उनकी रोजी-रोटी छीनी गई है। बिन्दुखत्ता उत्तराखंड की शान और अभिमान दोनों हैं। यह खत्ते गोट आदि एक परंपरागत उत्तराखंड का दिग्दर्शन कराते हैं। हमारी उत्तराखंड की पहचान किसी भी सरकार को इसको छीनने और इसको कमजोर करने का हक नहीं दिया जा सकता है। विगत 21 फरवरी को बिन्दुखत्ता वासियों ने राजस्व गांव के लिए हुंकार भरी। हम भी उसमें सम्मिलित हुये। हमने उसमें तय किया है कि उनकी इस हुंकार को हम देहरादून में ललकार में बदलेंगे। आज विधानसभा के सामने इंडिया एलायंस के सहयोगियों के साथ मिलकर एक धरना देंगे। इसीलिए आज धरना दिया जा रहा है। उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने धरने को अपना समर्थन देते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा बिन्दुखत्ता में अनेकों कार्य किये गए हैं। सड़क संपर्क मार्ग से लेकर अन्य कार्य वहां कराए गए। हमारी उत्तराखंड की पहचान को किसी भी सरकार को छीनने और कमजोर करने का हक नहीं दिया जा सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के धरने को समर्थन देने बिन्दुखत्ता से गिरिधर बम, कुंदन मेहता, नंदन दुर्गापाल, हरीश बिसौति, पुष्कर दानू, भुवन जोशी, रमेश कुमार, कैलाश पांडेय, इंदर पनेरा, राजेन्द्र चौहान, बसंत जोशी सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सीपीआई एमएल के प्रदेश सचिव इंद्रेश मैखुरी ने किया। धरने के बाद अपनी मांगों का ज्ञापन सरकार की तरफ से उपस्थित उपजिलाधिकारी योगेश मेहता को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा, इंद्रेश मैखुरी व बिन्दुखत्ता से आये लोगो ने मिलकर संयुत्तफ रूप से प्रदान किया। इस अवसर पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, महानगर कांग्रेस अध्यक्ष डॉक्टर जसविंदर सिंह गोगी, इंडिया गठबंधन से सीपीआई से समर भंडारी, सीपीएम से अशोक शर्मा, राजेन्द्र नेगी, किसान सभा से सुरेन्द्र सिंह सजवाण, निर्मल बिष्ट, सीटू से लेखराज, विक्रम, कैलाश पांडेय, सोहन सिंह रजवार, अनंत आकाश, यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुमित्तर भुल्लर, महिला कांग्रेस से आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा, कांग्रेस प्रवत्तफा गरिमा मेहरा दसौनी, महेंद्र नेगी गुरुजी, पूरन सिंह रावत, अनुराधा तिवारी, वीरेंद्र पोखरियाल, हेमवती नंदन दुर्गापाल, इंद्र सिंह पनेरी, राजेन्द्र सिंह खनवाल, हरीश बिसौती, भूल चंद्रकोरी, गुरदयाल सिंह मेहता, हर्ष बिष्ट, राजेंद्र सिंह खनवाल, बलवंत सिंह, शंकर राम, रमेश सिंह राणा आदि धरने में शामिल हुए।

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