शिकंजे में फंसा बनभूलपुरा हिंसा का मास्टरमाइंडः पुलिस कर रही करोड़ों के कारोबारी अब्दुल मलिक के पनाहगारों की लिस्ट तैयार!

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पुलिस ने वांटेड अब्दुल मोईद की तलाश में लगायी पांच टीमें: हल्द्वानी हिंसा के मास्टरर्माइंड अब्दुल मलिक से उत्तराखंड पुलिस ने की कड़ी पूछताछ, सोलह दिन तक दिल्ली से गुजरात, मुंबई, चंडीगढ़ ,भोपाल से फिर दिल्ली पहुंच गया
हल्द्वानी(उद संवाददाता)। बनभूलपुरा हिंसा मामले में पुलिस को मास्ट वांटेड अब्दुल मलिक की गिरफ्तारी कर बड़ी सफलता हासिल की है। वहीं अब नैनीताल पुलिस ने मुख्य आरोपी के पुत्र वांटेड अब्दुल मोईद की तलाश में पांच टीमें लगा दी हैं। गिरफ्तारी और कोर्ट में पेश करने के बाद अब्दुल मलिक को पुलिस ने शनिवार रात जिला जेल नैनीताल में दाखिल किया। मलिक को वहां बैरक नंबर एक में रखा गया है। अब्दुल मलिक से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर पुलिस अब्दुल मोईद की तलाश में लगातार दबिश दे रही है। आठ फरवरी को बनभूलपुरा में सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण कार्रवाई के दौरान क्षेत्र में हिंसा भड़क गई थी। मामले में पुलिस ने तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए। इसमें हिंसा भड़काने के आरोपी अब्दुल मलिक को पुलिस गिरफ्रतार कर चुकी है लेकिन उसका बेटा वांटेड अब्दुल मोईद अब भी पकड़ से दूर है। कई राज्यों की खाक छानने के बाद मलिक पुलिस के हत्थे चढ़ा था। पुलिस सूत्र बताते हैं कि अब्दुल मोईद के बारे में ठोस जानकारी पुलिस को मिली है। पुलिस ने एक ठिकाने में छापा भी मारा था पर मोईद वहां से दो घंटे पहले फरार हो गया। अब्दुल मलिक और उसके बेटे अब्दुल मोइद को पनाह देने वालों पर कार्रवाई तय है। पुलिस ने फरारी के दौरान कई लोगों की सूची तैयार की है। इनमें से कई लोग ऊंची पहुंच वाले हैं।बनभूलपुरा उपद्रव का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक का साम्राज्य अरबों का है। मलिक के पास नैनीताल, हल्द्वानी, फरीदाबाद, गुजरात, मुंबई, चंडीगढ़ और भोपाल सहित कई जगह अरबों की संपत्ति है। कई जगह उसके करोड़ों रुपये के ठेके भी चल रहे हैं। देशभर में मलिक के पास छुपने के कई ठिकाने हैं। अब्दुल मलिक की संपत्ति की जब प्रशासन -पुलिस ने जांच की तो पता चला कि उसका साम्राज्य बहुत बड़ा है। उत्तराखंड ही नहीं, कई राज्यों में उसकी अरबों की संपत्ति है। कई जगह उसके ठेके और अन्य काम चलते हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, फरीदाबाद में उसके पास कई एकड़ जमीन और संपत्ति है। गुजरात और भोपाल में भी उसके काम चलते हैं। दिल्ली में भी उसकी संपत्ति है। चंडीगढ़ में उसके पास एक बड़ा ठेका है। इसके अलावा, यूपी में उसकी कई जगह जमीन है। देशभर में मलिक के कई जगह छिपने के ठिकाने हैं। कई दिन तक वह इन्हीं ठिकानों पर छिपा रहा। अब्दुल मलिक को दिल्ली, गुजरात, मुंबई, चंडीगढ़ और भोपाल में किसने पनाह दी। इन पनाह देने वालों पर भी पुलिस कार्रवाई करेगी। इसकी तैयारी पुलिस ने शुरू कर दी है। पुलिस के पास अभी तक दो लोगों की पुख्ता सूचना मिली है। जिन्होंने दो-दो दिन अब्दुल मलिक को अपने घर में रखा। उसे भागने के लिए गाड़ी भी उपलब्ध कराई। अब्दुल मलिक उपद्रव के दिन से ही गायब है। वह 16 दिन अलग-अलग जगह रहा। उसे देश में पनाह देने वालों की कमी नहीं रही। अब्दुल मलिक को जिसने पनाह दी उसे मालूम था कि अब्दुल मलिक मोस्ट वांटेड है। उसके जगह- जगह पोस्टर लगे थे। उसके खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी हो चुका था। पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। 16 दिन बाद पुलिस अब्दुल मलिक को गिरफ्रतार करने में कामयाब रही। पुलिस सूत्रों के अनुसार अब्दुल मलिक से जब पुलिस ने पूछताछ की तो उसने पुलिस को बताया कि वह कहां-कहां रूका था। उसे भागने के लिए गाड़ी किसने उपलब्ध कराई। पूछताछ में अभी तक दो नाम सामने आए हैं। पुलिस जल्द ही इनको भी पूछताछ के लिए हिरासत में ले सकती है। एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने बताया कि पूछताछ चल रही है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी। जिस-जिसके नाम पनाह देने में, भागने में मदद करने में सामने आएंगे। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।हल्द्वानी में हुई हिंसा के फरार आरोपी मोस्टवांटेड अब्दुल मलिक ने पुलिस के शिकंजे से बचने के लिए दो सम्ताह से अधिक दिनों तक पुलिस की टीमों को जमकर छकाया। पुलिस से बचने के लिए अब्दुल मलिक करीब 5798 किलोमीटर भागा। वह 16 दिन में छह राज्यों में गया। देहरादून ;उत्तराखंडद्ध से दिल्ली, गुजरात, मुंबई ;महाराष्ट्रद्ध, चंडीगढ़ ;हरियाणाद्ध, भोपाल ;मध्यप्रदेशद्ध और फिर दिल्ली पहुंच गया। पुलिस ने शनिवार को उसे दिल्ली से गिरफ्रतार कर लिया। अब्दुल मलिक को पकड़ने के लिए पुलिस ने शुरू में छह टीम लगाई थीं, जो दिल्ली और पश्चिमी उत्तरप्रदेश में ही मलिक को ढूंढ़ती रहीं। मलिक जब पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा तो पुलिस ने अपने दायरे को अन्य राज्यों में फैलाया। एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने टीमों की संख्या घटाकर तीन कर दी। इनमें एक टीम को दिल्ली से चंडीगढ़, दूसरी टीम को गुजरात से मुंबई और तीसरी टीम को दिल्ली व आसपास के क्षेत्रों की निगरानी में लगाया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, जैसे ही टीम अब्दुल मलिक के ठिकानों पर पहुंचती तो वह उससे पहले ही भाग निकलता। वह एक जगह एक रात से अधिक नहीं रुक रहा था। वह हर रात अपना ठिकाना बदलता रहा। किसी भी दिन वह होटल में नहीं रुका। वह लगातार अपने करीबियों या अपनी प्रापर्टी में ही रुकता था। गुजरात में वह पुलिस के हाथ आने से आधा घंटा पहले ही निकल गया था। बताया जा रहा है कि अब्दुल मलिक छह फरवरी को देहरादून में था। इसके बाद दिल्ली था। पुलिस के हिसाब से वह करीब 5798 किलोमीटर भागा। वहीं पुलिस उसके पीछे करीब 12 हजार किलोमीटर दौड़ी। इसके बाद पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर उसे दिल्ली से पकड़ लिया। शनिवार को अब्दुल मलिक ने तीन वकीलों के माध्यम से हल्द्वानी सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। सूत्र बताते हैं कि इस याचिका में अब्दुल मलिक का वर्तमान पता और एक दिल्ली का पता लिखा था। इस पते से ही पुलिस दिल्ली पहुंची और मलिक को गिरफ्रतार कर लिया। हालांकि पुलिस ने अब्दुल मलिक को दिल्ली कहां से गिरफ्रतार किया है अभी तक इसकी जानकारी नहीं दी गई है।
पुलिस ने हल्द्वानी हिंसा के मोस्ट वांटेड अब्दुल मलिक को उपद्रव के 81 आरोपियों से अलग रखा है। मलिक को शनिवार देर रात नैनीताल जेल में दाखिल किया गया। मलिक को छोड़कर उपद्रव के सभी आरोपियों को हल्द्वानी उप कारागार में रखा गया है।
लाइन नंबर 8 बनभूलपुरा निवासी अब्दुल मलिक को पुलिस ने शनिवार को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। मलिक आठ फरवरी को बनभूलपुरा में हुए उपद्रव के पहले से ही फरार चल रहा था। इसके बाद इस मामले के आरोपी 81 लोगों को गिरफ्तार किया गया और सभी को उप कारागार हल्द्वानी में रखा गया। उम्मीद जताई जा रही थी कि मलिक को भी हल्द्वानी में ही अन्य उपद्रवियों के साथ रखा जाएगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

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