प्रदेशभर में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंगनवाड़ी, आशा,सहायिका, मिनी कार्यकर्तियों का कार्यबहिष्कार जारी
रूद्रपुर/हल्द्वानी (उद संवाददाता)। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ती, सहायिका, मिनी कर्मचारी संगठन जिला इकाई के बैनर तले आंगनवाड़ी कार्यकताओं ने कार्य बहिष्कार के साथ गांधी पार्क में शनिवार को भी धरना प्रदर्शन जारी रखा। इस दौरान विधायक शिव अरोरा ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से वार्ता की। इस दौरान कार्यकर्तियों ने उन्हें ज्ञापन सौंपा। विधायक शिव अरोरा ने आश्वासन देते हुए कहा कि मांगों को लकर वह सीएम पुष्कर सिंह धामी से शीघ्र वार्ता करेगे। धरना स्थल पर आयोजित सभा को संबोधित करते जिला अध्यक्ष मनप्रीत कौर ने कहा कि अपनी न्यायोचित मांगों को लेकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पिछले काफी समय से आन्दोलित हैं। लेकिन सरकार उनकी मांगों की निरंतर उपेक्षा कर रही है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जागा। उन्होंने कहा कि सरकार हमारे धैर्य की परीक्षा न ले। कार्य बहिष्कार के दौरान किसी भी बात के लिए शासन प्रशासन की जिम्मेवारी होगी। संगठन की मांगों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि न्यूनतम मजदूरी 18 हजार रुपए प्रतिमाह दिया जाये। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ को रिटायरमेंट होने पर 2 लाख रुपए देने का प्रावधान रखा जाये जिससे वह अपनी बची जिन्दगी अच्छी तरह व्यतीत कर सकें। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को गोल्डन कार्ड जारी किया जाए जिससे वह भी सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त सके। मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों का उच्चीकरण करने के लिए शासनादेश शीघ्र जारी किया जाए। उन्होंने कहा जब तक उनकी मांगों का समाधान नहीं होगा कार्य बहिष्कार जारी रहेगा। इस मौके पर जिला महामंत्राी रंजीता अरोरा, सुमन चतुर्वेदी, माधुरी, निशा, रेहाना , मुनीजा, तबस्सुम, संध्या सक्सेना, नीलम, राखी, रेखा, पार्वती, शकुंतला, रचना, शिवानी, हीरा बोस, नीरू, हंसा लोहनी, उर्मिला मिश्रा, आरती कुंवर, शर्मिला, आशा सरकार, बबली विश्वास, सीमा पाल, हिना, कंचन चौहान, रानी कौर, बिसाखा, अंजली , अनीता, मीना मंडल, खुशबू कन्नौजिया, सुषमा सैनी, सुनीता, रेखा, रेनू, सीमा राय, प्रोनोति विश्वास, बसंती विश्वास, बबीता मंडल, सीमा मंडल, विमला, शांति, इशरत जहां, सरोज, भासवना सिंह, प्रीति, हेमलता, उर्मिला पाल, गीता, सीता, सुरेश देवी, सरिता बोरा, प्रेमलता, पुष्पा शुक्ला, कमलेश पटवाल, प्रतिभा, कुसुम यादव, सुमन, रूचिका घई, रचिता मल्लिक, मालती, दीपा उप्रेती, रूबीना परवीन, ज्योति, रियाज बानो, मंजीत सहित कई आंगनवाड़ी कार्यकर्ती मौजूद थीं।
विभिन्न मांगों को लेकर आशा वर्करों ने रूद्रपुर और हल्द्वानी में जोरदार प्रदर्शन किया और मांगों को लेकर मुख्यमंत्राी को ज्ञापन प्रेषित किया। 2021 में किया गया वायदा पूरा करने, न्यूनतम वेतन, कर्मचारी का दर्जा देने, आजीवन पेंशन सहित विभिन्न मांगों को लेकर आशा वर्करों ने जिला मुख्यालय पर जिला अस्पताल से सीएमओ कार्यालय तक जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया और सीएमओ कार्यालय में सीएमओ मनोज कुमार शर्मा को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान आशा वर्करों ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत आशाओं को विभाग के सभी अभियानों और सर्वे में लगाया गया है। आशा वर्कर्स को सारे काम करने पड़ रहे हैं लेकिन सरकार न्यूनतम वेतन तक देने को तैयार नहीं है। जिसके चलते आशा वर्करों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस अवसर पर ममता पानू, सुधाा शर्मा, रेखा यादव, मंजू, सरमीन, केशवी देवी, चंपा, ललिता भाटिया, बबिता, लक्ष्मी, रीता कश्यप, आदि समेत सैकड़ों आशा वर्कर शामिल रही। हल्द्वानी- आशा वर्करों का धरना प्रदर्शन बु( पार्क में दूसरे दिन भी जारी रहा। धरने को संबोधित करते हुए यूनियन महामंत्राी डा. कैलाश पाण्डेय ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत आशाएं विभाग के सभी अभियानों और सर्वे में लगा दी गई हैं। गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशु की सेवा से शुरू करते हुए आज आशा वर्कर्स को सारे काम करने पड़ रहे हैं लेकिन सरकार आशाओं को न्यूनतम वेतन तक देने को तैयार नहीं है। आशाओं को उनके काम के अनुरूप पैसा मिलना तो दूर वादा किया गया पैसा भी नहीं मिल रहा है। एक तो आशाओं न्यूनतम वेतन, कर्मचारी का दर्जा कुछ भी नहीं मिलता दूसरी ओर काम के बोझ को लागातार बढ़ाया जाना कहां तक न्यायोचित है? रीना बाला ने कहा कि आशाओं को मिलने वाला विभिन्न मदों का प्रति माह मिलने वाला पैसा छह छह माह तक नहीं मिल रहा है जिसके कारण आशाएं बहुत दिक्कतों का सामना कर रही हैं।आशाओं को नियमित वेतन तो सरकार दे नहीं रही है और ट्रेनिंग का पैसा भी घटता जा रहा है। पल्स पोलियो अभियान में भी प्रतिदिन सौ रुपए मात्रा पर पूरा हफ्रता आशाओं को अभियान चलाना होता है। 31 अगस्त 2021 को मुख्यमंत्राी ने आशाओं के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता के बाद मासिक मानदेय नियत करने व डी.जी. हेल्थ उत्तराखंड के आशाओं को लेकर बनाये गये प्रस्ताव को लागू करने का वादा किया था। लेकिन तीन साल पूरे होने के बाद भी वादा पूरा नहीं किया गया है। सरोज रावत ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की नियमित कर्मचारी न होते हुए भी स्वास्थ्य के क्षेत्रा में अपनी लगन और मेहनत के साथ बेहतर काम के बल पर आशायें स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ बन चुकी हैं इसलिए आज समय आ गया है कि आशाओं के योगदान के महत्व को समझते हुए उनको न्यूनतम वेतन देते हुए स्वास्थ्य विभाग का स्थायी कर्मचारी घोषित किया जाये और सेवानिवृत्त होने पर आशाओं के लिए पेंशन का प्रावधान किया जाय।। धरने के माध्यम से राज्य सरकार को चेतावनी दी गई यदि मांगों पर ध्यान देते हुए तत्काल समाधान नहीं हुआ तो आशाओं को एक बार फिर से राज्यव्यापी आन्दोलन को बाध्य होना पड़ेगा। धरना प्रदर्शन करने वालों में यूनियन महामंत्राी डा कैलाश पाण्डेय, रीना बाला, सरोज रावत, दीपा आर्य, भगवती बिष्ट , सायमा सिद्दकी, माधवी पांडे, चंपा मंडोला, माला वर्मा, पुष्पा बर्गली, किरन पलड़िया, भगवती पाण्डे, हेमा शर्मा, हंसी फुलारा, सलमा, राबिया, विमला तिवारी, गंगा देवी, पुष्पा जोशी, विमला खत्राी, कमला, प्रियंका, अंबिका, गीता, शांति, लीला, राधा, सावित्राी, माधवी, आशा, कविता, शकुंतला, मीना, मिथलेश, नीमा, सावित्राी, रजनी समेत बड़ी संख्या में आशाएं शामिल रहीं। समर्थन में सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत साहू भी पहुंचे।