गैरसैण पर गरमाई चर्चायें….पूर्व सीएम हरदा ने कसा तंज: वाह गजब,यहां के जनप्रतिनिधियों को गैरसैण में कुछ ज्यादा ही ठंड लगती है!
देहरादून(उद संवाददाता)। उत्तराखंड में एक बार फिर गैरसैण में सत्र के आयोजन को लेकर चर्चायें गरमा गई है। पूर्व सीएम एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में विधानसभा सत्र का आयोजन नहीं होने पर तीखे तंज कसते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। बुधवार को एक पोस्ट में उन्होंने कहा है कि समाचार है कि विधायकों ने भराड़ीसैंण में बजट सत्र न हो इस हेतु पत्र लिखा है, वाह गजब! यहां के जनप्रतिनिधियों को कुछ ज्यादा ही ठंड लगती है!! बेचारे हिमाचल, मेघालय और दूसरे पहाड़ी प्रदेशों वाले विधायकों को देहरादून का ऑप्शन नहीं है, नहीं तो उनको भी ठंड लगती, उनके भाग्य में 12 महीने शिमला और शिलांग हैं। जिनको इस हिमालय राज्य पर गवर्न करना है उनको ही ठंड लगती है, जिनके माध्यम से गवर्न करना है स्वाभाविक रूप से उनको भी ठंड लगती है। हां, गुलदार, बाघ, भालू, बंदर, सुअर, उनको ठंड नहीं लगती है, अब यही गैरसैंण जैसे क्षेत्रों और गांव में अपना आशियाना घर बना रहे हैं, हमारे बच्चे, वृद्ध और महिलाएं उनका आहर बन रही हैं। गौरतलब है कि ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा भवन में बजट सत्र न कराने को लेकर पक्ष-विपक्ष के विधायकों के अनुरोध पर प्रदेश सरकार ने देहरादून में इसी माह के अंत में बजट सत्र करने का फैसला ले लिया है। हालांकि बजट सत्र कब शुरू होगा, यह तय करने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।बजट सत्र 2024-25 को भराड़ीसैंण विधानसभा में नहीं कराने के लिए पक्ष-विपक्ष भी एक हो गए। लगभग 40 से अधिक विधायकों ने भराड़ीसैंण में ठंड होने का हवाला देते हुए बजट सत्र देहरादून में करने की मांग रखी। सरकार ने विधायकों की इस मांग को वरीयता देते हुए कैबिनेट में सत्र देहरादून में करने का फैसला लिया। बता दें कि कोविडकाल में गैरसैंण में कोई सत्र नहीं हुआ था। बीते वर्ष प्रदेश सरकार ने भराड़ीसैंण में सत्र आयोजित कर बजट पारित किया था। भराड़ीसैंण विधानसभा में संकल्प पारित किया गया था कि बजट सत्र ग्रीष्मकालीन राजधानी में कराया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण के अनुसार सभी दलों के विधायकों ने बजट सत्र देहरादून में कराने को लेकर हस्ताक्षर युत्तफ पत्र दिया था। साथ ही लोकसभा चुनाव की आचार संहिता भी लगने वाली है।
इसी को देखते हुए प्रदेश सरकार ने सत्र देहरादून में कराने का निर्णय लिया है।