सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सदन को संबोधित किया: इस ऐतिहासिक दिन का साक्षी बनते हुए प्रत्येक नागरिक को गर्व की अनुभूति हो रही है: पुष्कर सिंह धामी

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देहरादून। बुधवार को विधानसभा सत्र में यूसीसी विधेयक पर चर्चा के पश्चात सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सदन को संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने सदन में संबोधित करते हुए कहा कि आज समूचे देश के समक्ष हम एक अपेक्षा के साथ आगे बढ़ रहे है। समस्त प्रदेशवासियों को बधाई देना चाहता हूं इस ऐतिहासिक दिन का साक्षी बनते हुए प्रत्येक नागरिक को गर्व की अनुभूति हो रही है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि दो वर्ष से दस दिन पहले ही समिति ने हमे ड्राफ्ट सौंपा है। यह पूरे देश के लिए मील का पत्थर साबित होगा। हम सभी के अधिकारों का सम्मान करेंगे। देश की एकता के लिए समान नागरिक कानून अनिर्वाय होना चाहिये। यह हमारे संविधान में निहीत है। मने कहा कि बहुत सारी बाते हुई है 2022 के चुनाव से पहले देवभूमि उत्तराखंड की जनता के समक्ष एक वायदा किया था। समान नागरिक संहिता कानून बनाने के लिए सरकार को जनता ने आशीवार्द दिया है। देवभूमि में देवताओं की पुण्य भूमि है सैनिको की भूमि है। उत्तराखंड में किसी भी जाति का नागरिक हो एक समान कानून होना चाहिये। राज्य स्थापना के बाद राज्य के अंदर हर चुनाव में एक परिपाटी थी एक बार एक पार्टी की सरकार बनती है लेकिन दूसरी बार लगातार सरकार बनाकर भाजपा ने पीएम मोदी के नेतृत्व में इतिहास रचा है। हमने सभी धर्मो को एकता के सूत्र में बांधने का काम कर रहे है।  यूसीसी समित के सदस्यों का धन्यवाद करते हुए सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड में पहली बार जनसंवाद के माध्यम से महिलाओं को समानता का अधिकार मिल रहा है। यह ऐतिहासिक यूसीसी कानून सभी वर्गो के लिये कल्याणकारी सिद्ध होगा। सभी की उन्नति में हम सब एक होकर श्रेष्ठ कर्म के लिए आगे बढ़े। सभी को समान मानकर लोगों को अधिकार देना चाहिये। अभी एक शुरूआत हो रही है। मातृशक्ति के उत्थान, सशक्तिकरण और सम्मान के लिए पहल चलती रहेगी। हमे राजनीतिक स्वार्थ से ऊपर उठकर ऐसे समाज का निर्माण करना है जिसमे किसी के साथ भेदभाव न हो। जैसे भगवान श्री राम के राज में हुआ है। सीएम धामी ने कहा कि अब समय आ गया है महिलाओं के साथ भेदभाव दूर हो अब समय आ गया है हमारी मातृशक्ति को सम्पूर्ण न्याय दिया जाये आज जो काम हमारी विधानसभा कर रही लेकिन में दावे के साथ कहता हू जो इस कानून को बनाने में योगदान दे रहा है वह पुण्य का भागी बन रहा है। आजादी से पहले हमारे देश में अंग्रेजों के शासनमें व्यवस्था फूट डालो राज करो की नीति रही है। सबके लिये एक समान कानून नहीं बनाया गया। हमेशा समाज को बांटने का काम किया । सदियों से जो असमानता दंश लोग झेल रहे थे। संविधान निर्माताओं ने इस उद्देश्य की पूर्ती की है। समय आने पर राज्य समान कानून बना सकते है। उत्तराखंड में विद्वानों के सुझाओं के अनुरूप कानून बनाया गया है। हमारे सामाजिक ढंचे को मजबूत बनाने का काम करता है मां गंगा को राजा भगीरथ ध्रती पर लेकर आये थे। उत्तराखंड बाबा केदार बदरी विशाल और ऋषि मुनियों की भूमि है। हमारे राज्य से धार्मिक स्थल गौरव प्रदान करते है। हमारी देवभूमि वीर भूमि भी। है। हम सबका कर्तव्य है कि एक समृद्ध समाज का निर्माण हो। जिस प्रकार ऋगवेद में कहा गया है हम सब समान है एक होकर श्रेष्ठकर्म के लिए आगे बढ़े। हम सभी समान विचार और व्यवस्था के अनुसार आगे बढ़े। समान नागरिक संहिता भी यही है। अब सभी वर्गो के लिए एक अधिकार होगा। बच्चों को भी उत्तराधिकार मिलेगा। सीएम धामी ने कहा कि देश की महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए केंद्र की मोदी सरकार और राज्य सरकार द्वारा अनेक योजनायें शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य के नौ जिलों में ढाई लाख से भी अधिक महिलाओं और बेटियों से मिला हूं। उनका स्नेह और उत्साह सरकार के साथ है। सीएम धामी ने कहा कि उन्होंने यूसीसी बिल के बारे मे जब अपनी माताजी को बताया तो उन्होंने कहा  कि यह तो बहुत पहले ही हो जाना चाहिये थे। सीएम धामी ने कहा कि आगे भी लोगों के सुझाव आने पर काम किया जायेगा। उन्होंने कहा कि देश को मजबूत इच्छा शक्ति और दृढ सोच और कर्म से कोरोना जैसी महामारी की चुनौतियों से मुक्ति मिली है।

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