धामी सरकार ने रचा स्वर्णीम इतिहास: जय श्री राम के जयघोष के साथ विधानसभा में ऐतिहासिक समान नागरिक संहिता विधेयक पेश
देश का संविधान हमें समानता और समरसता के लिए प्रेरित करता है : धामी
देहरादून( उद संवाददाता) आखिरकार उत्तराखंड में बहुप्रतीक्षित यूसीसी कानून लागू करने के लिए धामी सरकार ने विधानसभा में विशेषज्ञ समिति के ड्राफ्ट को पेश कर दिया है।उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में राज्य विधानसभा में समान नागरिक संहिता उत्तराखंड 2024 विधेयक पेश किया। समान नागरिक संहिता उत्तराखंड 2024 विधेयक पेश करने के बाद राज्य विधानसभा में विधायकों ने “वंदे मातरम और जय श्री राम” के नारे लगाए गए। उत्तराखंड में बहुप्रतीक्षित यूसीसी कानून लागू करने के लिए स्वर्णीम इतिहास रचते हुए सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड के लिए युगांतकारी समय है। देश के संविधान निर्माताओं की अपेक्षाओं के अनुरूप भारत के संविधान के अनुच्छेद 44 को सार्थकता प्रदान करने की दिशा में आज का दिन देवभूमि उत्तराखण्ड के लिए विशेष है। देश का संविधान हमें समानता और समरसता के लिए प्रेरित करता है और समान नागरिक संहिता कानून लागू करने की प्रतिबद्धता इस प्रेरणा को साकार करने के लिए एक सेतु का कार्य करेगी। पूरे देश की नजर हम पर है। मातृ शक्ति के उत्थान के लिए सभी दलों के सदस्य सकारात्मक रूप से चर्चा में भाग लें। सरकार जनता से किया वादा पूरा करने जा रही है। यह मौका सौभाग्य से उत्तराखंड को मिल रहा है, जिसकी देश को लंबे समय से आवश्यकता थी। मंगलवार को उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक पटल पर रखा। इस दौरान विपक्षी विधायक लगातार हंगामा करते रहे। नेता प्रतिपक्ष ने भी इस पर सवाल उठाए। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने समान नागरिक संहिता अध्ययन करने के लिए 2:00 बजे तक सदन की कार्रवाई स्थगित कर दी गई। प्रदेश की धामी सरकार आज विधानसभा में राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का संशोधित विधेयक भी पेश करेगी। कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में यह तय हुआ कि सदन में सारे काम छोड़कर सिर्फ यूसीसी पर चर्चा होगी।