उत्तरखंड में रिश्वतखोर अधिकारियों और कर्मचारियों पर विजिलेंस ने कसा शिकंजा
डायल 1064 पर लगातार बढ़ रही हैं भ्रष्टाचार की शिकायतें
देहरादून। रिश्वतखोर विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों पर विजिलेंस का शिकंजा कसता जा रहा है इसके बावजूद भ्रष्टाचार के मामले बढ़ रहे है। शुक्रवार को भी विजिलेंस की टीम ने हरिद्वार जनपद में तैनात संग्रह अमीन और अनुसेवक को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। विजिलेंस की टीम दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है। दोनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कराया है। शुक्रवार को विजिलेंस की टीम ने बड़ी कार्यवाही को अंजाम दिया है। राजस्व, पुलिस और स्वास्थ्य महकमा विजिलेंस के रडार पर हैं। इन तीनों विभागों के लिए ही सबसे अधिक शिकायतें डायल 1064 पर आ रही हैं। नतीजतन विजिलेंस ने तीन साल के भीतर 42 ट्रैप किए जिनमें से आधे से ज्यादा इन्हीं तीनों विभाग के हैं। सबसे ज्यादा राजस्व विभाग के 15 अधिकारी और कर्मचारियों को रिश्वत के साथ पकड़ा गया है। यह जानकारी शुक्रवार को डायरेक्टर विजिलेंस डॉ. वी मुरुगेशन ने पत्रकारवार्ता में दी। इस दौरान उन्होंने पिछले साल की कार्रवाई और भविष्य की कार्ययोजना भी बताई। डायरेक्टर विजिलेंस डॉ. वी मुरुगेशन ने बताया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ विजिलेंस तेजी से काम कर रही है। 2021 में कुल सात अधिकारियों और कर्मचारियों को रिश्वत के साथ पकड़ा गया था। 2022 में इनकी संख्या दोगुने से अधिक 15 हुई। जबकि, 2023 में कुल 20 अधिकारियों और कर्मचारियों को रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया है। इस साल केवल 33 दिनों में विजिलेंस ने सात अधिकारियों और कर्मचारियों को घूस लेते पकड़ा है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जागरुकता के लिए काम किया जा रहा है। लोगों से अपील की जा रही है कि वे खुलकर भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़े हों। तीन वर्षों में रिश्वत के साथ सबसे ज्यादा हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर में अधिकारियों और कर्मचारियों को पकड़ा गया है। हरिद्वार में 12 और ऊधमसिंहनगर में 11 को रिश्वतखोरी की के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इसी अवधि में देहरादून में चार, उत्तरकाशी में दो, पौड़ी में एक, अल्मोड़ा में दो, पिथौरागढ़ में एक और नैनीताल में पांच अधिकारियों- कर्मचारियों को रिश्वत लेते दबोचा गया है। पिछले साल की विजिलेंस की कार्रवाई के अनुसार 30 विवेचनाएं पूरी हुईं। 18 मुकदमों में न्यायालय में चार्जशीट भेजी गई। 16 आरोपियों को दोषी करार देते हुए कोर्ट ने सजा सुनाई। छह राजपत्रित अधिकारियों को रिश्वत के साथ पकड़ा। तीन वर्षों में पकड़े गए अधिकारी-कर्मचारी में राजस्व विभाग-15 पुलिस विभाग- 02 स्वास्थ्य विभाग- 04 विद्युत विभाग- 03 पंचायती राज- 02 शहरी विकास-01 पशुपालन विभाग- 01 आबकारी विभाग- 01 परिवहन विभाग- 01 सहकारिता विभाग- 01 मंडी समिति- 02 लोनिवि- 02 राज्य कर विभाग- 02 युवा कल्याण- 01 वक्फ बोर्ड- 01 सचिवालय प्रशासन- 02 वन विभाग- 01 इस साल के ट्रैप राजस्व विभाग- 01 पुलिस- 02 और युवा कल्याण, सिडकुल, परिवहन विभाग, पंचायती राज और खेल विभाग से एक-एक कर्मचारियों को ट्रैप किया गया है।