2024 के लिए धामी ने खेला बड़ा दांव: यूसीसी को बताया 2022 के चुनावी वादे का सरप्राईज
मुख्यमंत्री ने कहा: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन एवं प्रेरणा से प्रदेश की जनता से वादा किया था
नई दिल्ली/देहरादून(उद संवाददाता)। उत्तराखंड में धामी सरकार ने आगामी लोकसभा के आम चुनाव से ठीक पहले बड़ा सियासी दांव खेलते हुए राजनीतिक दलों के समक्ष नई चुनौती भी पेश कर दी है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को उत्तराखंड में जस्टिस देसाई समिति द्वारा सूसीसी का मसौदा राज्य सरकार को सौंपने के बाद नई दिल्ली में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा है कि उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने वाली समिति ने यूसीसी का ड्राफ्ट उन्हें सौंप दिया है। उन्होंने कहा कि 740 पृष्ठों की चार वोल्यूम में तैयार की गई इस विस्तृत ड्राफ्ट रिपोर्ट को 05 फरवरी से आयोजित हो रहे राज्य विधान सभा के सत्र में सभी दलों के सदस्यों के साथ व्यापक चर्चा एवं विचार-विमर्श के बाद अधिनियम के रूप में तैयार कर राज्य में लागू कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन एवं प्रेरणा से हमनें 2022 के विधान सभा चुनाव में प्रदेश की जनता से वादा किया था कि चुनाव के बाद राज्य में समान नागरिक संहिता का कानून लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने वादे के मुताबिक हमनें सरकार गठन के तुरंत बाद ही पहली कैबिनेट की बैठक में ही समान नागरिक संहिता बनाने के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन का निर्णय लिया था और सेवानिवृत्त न्यायाधीश श्रीमती रंजना प्रकाश देसाई के नेतृत्व में पांच सदस्यीय समिति गठित की। उन्होंने कहा कि इस देवभूमि से तैयार होने वाला यह विधेयक प्रदेश हित के साथ ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ तथा सबका साथ, सबका विकास के प्रधानमंत्री श्री मोदी के मूल मंत्र को साकार करने की दिशा में उठाया गया कदम है। यह किसी के भी विरोध के लिए नहीं लाया गया है। उत्तराखंड का प्रस्तावित कानून दूसरे राज्यों के लिए एक मॉडल बन सकता है।