उत्तराखंड की पहली महिला मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने संभाला पदभार
नवनियुक्त सीएस ने कहाः यूसीसी लागू होने से मिलेगा समानता का अधिकार, जनसमस्याओं का समाधान और सरकार की विकास योजनाओं का लाभ जन जन तक पहुंचाने का काम होगा
देहरादून(उद संवाददाता)। उत्तराखंड में सीएस डा. एसएस संधू का कार्यकाल पूर्ण होने के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए प्रदेश की पहली महिला मुख्य सचिव के रूप में आईएएस श्रीमती राधा रतूड़ी को राज्य का 18वा मुख्य सचिव नियुक्त करने के आदेश जारी किये है। वहीं सरकार द्वारा नवनियुत्तफ मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने बुधवार को सचिवालय स्थित मुख्य सचिव कार्यालय में पदभार ग्रहण किया। निवर्तमान मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने मुख्य सचिव श्रीमती रतूड़ी को पदभार सौंपा। इस अवसर पर नवनियुक्त मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का कहना है कि यह दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी भी प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप उत्तराखण्ड को आगे ले जा रहे हैं। मुख्यमंत्री जी के मूल मंत्र सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि की दिशा में एक टीम के रूप में कार्य करते हुए देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए कार्य करेंगे। मुख्यमंत्री के विजन के अनुरूप अंतिम व्यत्तिफ तक विकास योजनाओं का लाभ पहुंचाने की दिशा में लगातार कार्य किया जाएगा। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर. के. सुधांशु, सचिव श्री शैलेश बगोली, श्री अरविंद सिंह ह्यांकी, श्रीमती राधिका झा आदि वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। उत्तराखंड की नवनियुत्तफ मुख्य सचिव राधा रतूड़ी का कहना है कि राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करना उनकी सर्वाेच्च प्राथमिकता है। उनका मानना है कि प्रदेश में यूसीसी लागू होने के बाद राज्य की सभी बहनों को समानता का अधिकार मिलेगा। महिला मुख्य सचिव बनाए जाने को वह नारी शत्तिफ का सम्मान बताती हैं। वह राज्य की लोक परंपरा को आगे बढ़ाने की प्रबल हिमायती हैं। समान नागरिक संहिता को पास कराना हमारे सामने सबसे बड़ा मुद्दा है। यूसीसी की विशेषज्ञ समिति दो फरवरी को मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। रिपोर्ट को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में रखा जाएगा। उसका एक विधेयक बनेगा। यह विधेयक पांच फरवरी से आठ फरवरी तक बुलाए गए विधानसभा सत्र के दौरान पास कराना हमारे लिए सबसे अहम चुनौती होगी। मुख्यमंत्री का जो यह निर्णय है, निश्चित रूप से महिला सशक्तिकरण और नारी शत्तिफ का सम्मान है। प्रदेश सरकार महिलाओं के लिए राज्य भर में कार्यक्रम कर रही हैं। सरकार की योजनाएं महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए चलाई जा रही हैं। उत्तराखंड की बेटियां खुद को किसी से कम न समझें। सभी बेटियों को अपना ऊंचा लक्ष्य रखना चाहिए, निश्चित रूप से उन्हें उनका मुकाम मिलेगा। हम उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए कार्य करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि यह दशक उत्तराखंड का दशक होगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री भी पीएम के विजन के अनुरूप आगे बढ़ रहे हैं। सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि मुख्यमंत्री का मूल मंत्र है। हम इस मूल मंत्र पर एक टीम के रूप में कार्य करेंगे। मुख्यमंत्री के विजन के अनुरूप समाज के लिए अंतिम व्यत्तिफ तक विकास योजनाओं का लाभ पहुंचाने का काम होगा। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को राज्य में चुनाव कराने की प्रक्रिया का लंबा अनुभव है। वह 10 वर्ष प्रदेश में मुख्य चुनाव अधिकारी के पद पर रही हैं। 1988 बैच की रतूड़ी को पूर्व मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधु ने कार्यभार सौंपा। इस अवसर पर दोनों नौकरशाहों ने एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं। राधा रतूड़ी अपर मुख्य सचिव पद पर थीं। वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के भरोसेमंद अफसरों में मानी जाती हैं। दिन भर उनके कार्यालय में कर्मचारी, अधिकारी, नौकरशाह, कर्मचारी नेता व जनप्रतिनिधि शुभकामनाएं देने पहुंचते रहे। रतूड़ी के पति अनिल कुमार रतूड़ी पुलिस महानिदेशक के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वे प्रदेश के पहले नौकरशाह दंपत्ति हैं, जिन्हें पुलिस और प्रशासन के सबसे बड़े ओहदे की कमान संभालने का अवसर मिला है। अपर मुख्य सचिव तक अपनी अभी तक की यात्रा में वह फतेहपुर ;यूपीद्ध, टिहरी व देहरादून की जिलाधिकारी भी रह चुकी हैं। शासन में उन्होंने गृह, वित्त, कार्मिक, महिला सशक्तिकरण में बाल विकास सरीखे अहम विभाग देखे। अभी वह मुख्यमंत्री कार्यालय, गृह और एसएडी की जिम्मेदारी देख रही थीं।