खटीमा में भारामल मंदिर के महंत श्री हरिगिरि महाराज के तीन कातिल पीलीभीत से गिरफ्तार: दोहरे हत्याकांड के खुलासे में वाईफाई डोंगल से मिली सफलता

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एसएसपी डॉ.मंजूनाथ टीसी ने बताया: भंडारे के दिन तीनों आरोपियों को शराब पीने से रोककर श्रीहरिगिरि महाराज ने डांटकर भगा दिया था,इसका बदला लेने के लिए महंत की हत्या कर दी
खटीमा। उत्तराखंड के खटीमा में भारामल मंदिर के महंत श्री हरिगिरि महाराज की हत्या के मामले का रविवार को पुलिस ने खुलासा कर दिया। एसएसपी डॉ.मंजूनाथ टीसी ने बताया कि पुराने सेवादार समेत तीन लोगों ने मिलकर की थी। 25 दिसंबर 2023 को भारामल मंदिर में भंडारे के दिन तीनों आरोपियों को शराब पीने से रोककर श्रीहरिगिरि महाराज ने डांटकर भगा दिया था। जिसपर तीनों उनसे रंजिश रखने लगे थे। इसका बदला लेने के लिए चार जनवरी की आधी रात को उन्होंने मिलकर महंत की हत्या कर दी। वहीं उनको बचाने आए सेवादार रूप सिंह बिष्ट को भी लाठियों से पीटकर मार डाला। जबकि दूसरे सेवादार नन्हे को गंभीर रूप से घायल कर दिया। नन्हें को मरा समझकर वह उसे छोड़कर चले गए थे। जबकि तीसरे सेवादार जगदीश ने पराली के ढेर में छिपकर जान बचाई थी। उन्होंने बताया कि अभियुक्तों में पीलीभीत निवासी रामपाल और उसके भाई कालीचरण और पवन कुमार को शनिवार रात को गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने बताया कि रामपाल और कालीचरण सगे भाई हैं। कालीचरण करीब पांच साल पहले भारामल मंदिर में सेवादार रह चुका है। उसे भारामल मंदिर के सभी रास्ते मालूम थे। जबकि पवन कुमार पीलीभीत के सुनगड़ी थाने का हिस्ट्रीशीटर बदमाश है।

डीजीपी,डीआईजी,एसएसपी ने की टीम को पुरस्कार देने की घोषणा
दोहरे हत्याकांड के खुलासे में 23 दिनों से जूझ रही तीन जिलों की पुलिस को शनिवार को सफलता मिली। खुलासे में सबसे अधिक मददगार श्रीहरिगिरि महाराज का वाईफाई डोंगल साबित हुआ। भारामल क्षेत्र में नेटवर्क की दिक्कत होने के कारण वह डोंगल को अपने पास रखते थे। हत्याकांड के बाद बदमाश लूटे हुए सामान के साथ डोंगल को भी समेटकर ले गए। हालांकि बाद में उसे बेकार समझकर जंगल में ही फेंक गए। सर्विलांस टीम को जांच के दौरान अचानक जंगल में डोंगल से नेटवर्क मिला। इसी डोंगल की मदद से पुलिस आरोपियों तक पहुंची। खुलासे में शामिल पुलिस टीमों को डीआईजी की ओर से पांच हजार और एसएसपी की ओर से ढाई हजार रुपये देने की घोषणा की गई। इसके अलावा डीजीपी ने टीम को पुरस्कार देने की घोषणा की है। चार जनवरी को भारामल मंदिर में श्रीहरिगिरि महाराज और सेवादार रूप सिंह बिष्ट की हत्या के बाद खुलासे में जुटी पुलिस को यह पूरी तरह ब्लाइंड केस लग रहा था। ऊधमसिंह नगर के अलावा नैनीताल और चंपावत की पुलिस टीमों ने 1200 लोगों से पूछताछ के साथ ही 1500 सीसीटीवी के फुटेज जांचे। इसके अलावा एक हजार से अधिक आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों का सत्यापन भी किया। इसके साथ ही एसआईटी समेत 15 टीमों ने मध्य यूपी में कई स्थानों पर दबिश दी लेकिन खुलासे में अधिक मदद नहीं मिली।
साधु.संतों ने पुलिस टीमों को किया सम्मानित
खटीमा। खुलासे में शामिल पुलिस टीमों को साधु.संतों ने सम्मानित किया। श्रीमहंत समुद्र गिरि महाराजए रणधीर गिरि महाराज और वासुदेव नंद गिरि ने एसएसपी डॉण् मंजूनाथ टीसीए एसपी सिटी मनोज कत्यालए एसपी क्राइम चंद्रशेखर खोड़के समेत पूरी टीम को फूलों की माला पहनाकर और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। कुमाऊं सांस्कृतिक उत्थान मंच के पदाधिकारियों ने एसएसपी को स्मृति चिह्न भेंट किया। वहां टीएस खातीए भुवन भट्टए किशन सिंह किन्नाए जेएस बसेड़ा आदि थे। हिंदू जागरण मंच ने खुलासे के पुलिस का आभार व्यक्त किया।

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