बिहार में महागठबंधन का तख्तापलट : मुख्यमंत्री नितीश कुमार के इस्तीफे के बाद सियासी सरगर्मियां तेज

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दो नेताओं की उपमुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी पेश
पटना । बिहार में सियासी उलटफेर की अटकलें एक बार फिर सही साबित हुईं। नीतीश कुमार ने रविवार सुबह वही किया, जिसका पिछले दिनों से अंदाजा लगाया जा रहा था। रविवार सुबह उन्होंने राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर को इस्तीफा सौंप दिया। उन्होंने राज्यपाल को बताया कि वे महागठबंधन से अलग होने का फैसला कर चुके हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद राज्य में सियासी सरगर्मियां तेज हैं। इस बीच नीतीश के एनडीए में आने का एलान करते हुए भाजपा ने एलान किया कि विधायक दल ने जदयू के साथ जाने के फैसले पर मुहर लगा दी है। इसी के साथ पार्टी ने एलान किया कि बैठक में सम्राट चौधरी को विधायक दल का नेता चुना गया है, जबकि विजय सिन्हा को उपनेता चुना गया है। इसी के साथ भाजपा की तरफ से इन दोनों नेताओं की उपमुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी पेश कर दी गई है। बिहार पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने कहा, “विधायक दल की बैठक में सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से राज्य के लोगों के कल्याण के लिए भाजपा, जदयू और अन्य एनडीए सहयोगियों के साथ बिहार में एनडीए सरकार बनाने का प्रस्ताव पारित किया।” नीतीश कुमार ने राज्यपाल को भाजपा के समर्थन का पत्र सौंप दिया है। राज्यपाल ने समर्थन पत्र स्वीकार कर लिया है। इसके बाद साफ हो गया है कि बिहार में नीतीश कुमार एक बार फिर भाजपा के समर्थन में सरकार बनाएंगे। विधानसभा में भाजपा के 78, जदयू के 45 और हम के 4 विधायक हैं। 243 सदस्यीय विधानसभा में तीनों दलों को मिलाकर यह आंकड़ा 127 होता है, जो बहुमत के 122 के आंकड़े से पांच ज्यादा है।

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