तो उत्तराखंड के पहाड़ी इलाके में बढ़ रही है गरीबी?उत्तराखंड में बढ़े तेरह हजार से अधिक अंत्योदय परिवार
खाद्य विभाग के ताजा आंकड़ों का खुलासा ,सबसे अधिक अंत्योदय परिवार पौड़ी एवं टिहरी जिले में तो सबसे कम उधम सिंह नगर में, प्राथमिक परिवार बढ़ने के मामले में उधम सिंह नगर एवं हरिद्वार जिले सूबे में अव्वल
रूद्रपुर। गरीबों के उत्थान के तमाम सरकारी प्रयासों के बावजूद ,खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के ताजा आंकड़ों के अनुसार उत्तराखंड में एक साल के भीतर बाईस हजार से अधिक गरीब परिवार बढ़े हैं। मजे की बात तो यह है कि राज्य के अपरायुक्त खाद्य उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में तकरीबन 14 हजार अति गरीब परिवार ;अंत्योदय राशन कार्ड धारक परिवारद्ध बढ़ने का मूल कारण बढ़ती गरीबी को नहीं, बल्कि अन्य वजहों से बनाए जा रहे नए राशन कार्ड को मानते हैं। ज्ञात हो कि राज्य में वर्ष 2022 में प्राथमिक ;सफेदद्ध राशन कार्ड धारकों की संख्या 948134 थी, जो वर्ष 2023 की समाप्ति पर बढ़कर 962071 पहुंच गई है ।साथ ही अंत्योदय राशनकार्ड धारकों की संख्या, जोकि गत वर्ष 174980 थी, वह बढ़कर 183626 हो गई है। इस लिहाज से प्रदेश में 1 साल के भीतर तकरीबन बाईस हजार से अधिक राशन कार्ड धारक बढ़े हैं। जिसमें सफेद राशन कार्ड धारक परिवार की संख्या 13 हजार 937 और अंत्योदय कार्ड धारक परिवारों की संख्या 8 हजार 646 हैं। खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के ताजा आंकड़ों के अनुसार सबसे अधिक अंत्योदय कार्ड धारक परिवार पौड़ी और टिहरी जिले में बढ़े हैं। वहीं प्राथमिक राशन कार्ड धारक ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार जिले में सबसे अधिक बढ़े हैं। दिलचस्प बात तो यह है कि उधम सिंह नगर जिले में साल भर के भीतर एक भी अंत्योदय कार्ड धारक परिवार नहीं बढ़ा है ।खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के आंकड़ों पर मंडलवार दृष्टिपात करें, तो बीते एक साल में गढ़वाल मंडल में अंत्योदय और कुमाऊं मंडल में प्राथमिक कार्ड धारकों की संख्या बढ़ी है। सबसे अधिक 3542 अंत्योदय परिवार गढ़वाल मंडल के पौड़ी जिले में बढ़े हैं। दूसरे नम्बर पर 1251अंत्योदय परिवारों की संख्या के साथ टिहरी तथा 1055 अंत्योदय परिवारों के इजाफे के साथ चमोली जिला तीसरे नंबर पर है। आंकड़ों के अनुसार कुमाऊं में अंत्योदय परिवार केवल अल्मोड़ा में बढ़े हैं। खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के ताजा आंकड़ों के संबंध में अपर आयुक्त खाद्य पीएस पागती का स्पष्टीकरण भी सामने आया है।उनके अनुसार उत्तराखंड में साल भर के भीतर बाईस हजार नए राशन कार्ड धारक परिवार बढ़ने का मतलब यह हरगिज नहीं है कि राज्य में केवल गरीबी बढ़ने के परिणाम स्वरूप ही नए राशन कार्ड धारकों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। उन्होंने आगे जोड़ा की फर्जी राशन कार्ड की शिकायत पर अभियान चलाकर कई राशन कार्ड निरस्त किए गए थे ,अब उनकी जगह जरूरतमंदों के राशन कार्ड बनाए जाने जा रहे हैं। इस कारण राज्य में इस साल नए राशन कार्ड धारकों की संख्या में वृद्धि हुई है। उनके अनुसार आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए भी लोगों को राशन कार्ड की आवश्यकता होती है ।इस वजह से भी नए राशन कार्ड धारकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है ।अपरायुक्त खाद्य के दावे के अनुसार अब नए राशन कार्ड धारक परिवारों को भी सरकार की योजना के अनुसार अगले पांच साल तक प्रति कार्ड 35 किलो राशन मिलेगा। इसके अलावा प्राथमिक कार्ड धारकों को भी प्रति यूनिट 5 किलो राशन मिलेगा।